नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के 6600 टन के टेंडर में सबसे बड़ा आर्डर 4800 टन का इंडिया को मिला है। इस टेंडर की पूर्ति के लिए इंडिया के निर्यातकों की बाजार में मांग निकलने की उम्मीद है और मांग कितनी निकलती है, इसी पर तेजी निर्भर करेगी। कारोबारी सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से सफ़ेद तिल्ली के भाव में कोई खास घट बढ़ नहीं हो रही है। बाजार रुका हुआ है।
गुजरात के अनुभवी ब्रोकरों का कहना है की 6600 टन के टेंडर की कारोबारी बहुत आतुरता से राह देख रहे थे। कुल टेंडर में 4800 टन का आर्डर इंडिया को, 1200 टन का चीन को और 600 टन का अफ्रीका के देशो को मिला है। टेंडर का औसत भाव 1725 डॉलर प्रति टन यानि के 121 रुपए प्रति किलो सॉर्टेक्स क्वालिटी माल मुंद्रा पोर्ट डिलीवरी पर पड़त्ल है।
टेंडर के अंतर्गत 60 से 70 प्रतिशत माल निर्यातक के पास में होने का अनुमान है, लेकिन 30 से 40 प्रतिशत माल की मांग निकलेगी ऐसा अनुमान है। टेंडर के लिए कामकाज निकले, नयी खरीदी निकले, उससे सफेद तिल्ली की आगे की तेजी मंदी तय होगी।
बढ़िया क्वालिटी के माल की कमी है। साथ ही घरेलु ग्राहकी भी कमजोर है, लेकिन आवक भी घट तुलना में मंगलवार को राजकोट में 600 बोरी तिल्ली की रही है। एक दिन पहले की आवक और घट गई। मंगलवार को पोर्ट डिलीवरी 99.1 सफ़ेद तिल्ली 113 रुपए किलो और पोर्ट डिलीवरी सॉर्टेक्स माल का 122 रुपए किलो में
कामकाज हुआ। देखा जाये तो सफ़ेद तिल्ली में सर्दियों की मांग शादियों की मांग के साथ ही आगे मकर संक्रांत की मांग भी निकलेगी और टेंडर की भी मांग निकलेगी। इससे ग्राहकी का सपोर्ट मिला तो सफ़ेद तिल्ली में भले ही लम्बी तेजी ना हो, लेकिन कुछ तेजी की तो उम्मीद तो दिख रही है।