नई दिल्ली। इटली कॉम्पिटिशन अथॉरिटी ने एपल और गूगल दोनों पर लगभग 11.3 मिलियन डॉलर (लगभग 84.81 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। जुर्माने का कारण इन दोनों दिग्गज टेक कंपनियों की तरफ से अपने कस्टमर्स के पर्सनल डेटा को चोरी करना बताया गया है। बताया जा रहा है कि ये कंपनियां ग्राहक के पर्सनल डेटा को बिना उनकी इजाजत के कॉमर्शियल फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। इटली की कॉम्पिटिशन अथॉरिटी ने कंज्यूमर कोड का उल्लंघन माना है।
गूगल अपनी इकोनॉमिक एक्टिविटी को इंटरनेट से जुड़े प्रोडक्ट और सर्विस के टर्म एंड कंडीशन की एक बड़ी लिस्ट की पेशकश करता है। इसमें ऑनलाइन विज्ञापन, सर्च टूल्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के लिए टेक्नोलॉजी शामिल हैं। कॉम्पिटिशन अथॉरिटी का कहना है कि एपल अपने टूल्स और सर्विस के जरिए यूजर्स के प्रोफाइल डेटा का इस्तेमाल करता है। इससे वह थर्ड पार्टी को डेटा ट्रांसफर किए बिना ही प्रोडक्ट की बिक्री का प्रोमोशन करके थर्ड पार्टी ऐप स्टोर, आईट्यून्स और एपल बुक के जरिए सीधे इकोनॉमिक वैल्यू का शोषण करता है।
द वर्ज को दिए एक बयान में गूगल ने कहा है कि वह इस फैसले से असहमत है और वह इसके विरोध में अपील करने की योजना बना रहा है। अपनी सफाई में गूगल के एक प्रवक्ता का कहना है कि हम लोगों की उनकी जानकारी का मैनेजमेंट करने और पर्सनल डेटा के उपयोग के लिए उनको सिंपल कंट्रोल देते हैं। और हम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रूल का पूरी तरह से पालन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
यह दूसरी बार है जब इस सप्ताह एपल और अमेजन पर इटली रेगुलेटर द्वारा जुर्माना लगाया गया है। इसके पहले इन दोनों पर लगभग 225 मिलियन डॉलर से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था, जिसने अमेजन के इटली स्टोर पर एपल और स्पीकर वाले प्रोडक्ट को बेचने की अनुमति दी थी।
रेगुलेटर का कहना है कि दोनों कंपनियों के बीच 2018 में हुए के समझौते के हिसाब केवल कुछ रिसेलर्स को अमेजन पर प्रोडक्ट बेचने की अनुमति है, लेकिन इसने यूरोपीय यूनियन के कॉम्पिटिशन रूल को तोड़ा दिया था जिसके बाद जुर्माने के साथ दोनों कंपनियों से प्रतिबंध हटाने के लिए कहा गया था।