डॉ. सुरेश के. पांडेय
वरिष्ठ नेत्र सर्जन कोटा
कोटा। देश में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day) मनाया जाता है ताकि जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिये शुरुआती कैंसर का पता लगाने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
कैंसर (Cancer): यह बीमारियों का एक बड़ा समूह है जिसमें असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं तथा शरीर में अपने आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करने या अन्य अंगों में फैलने के लिये अपनी सामान्य सीमाओं को पार कर जाती हैं। यह शरीर के किसी भी अंग या ऊतक में शुरू हो सकती है। इस बीमारी में अंतिम अवस्था को मेटास्टेसाइज़िंग (Metastasizing) कहा जाता है और यह कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।
कैंसर के अन्य सामान्य नाम नियोप्लाज़्म (Neoplasm) और मैलिग्नेंट ट्यूमर (Malignant Tumor) हैं। फेफड़े, प्रोस्टेट (Prostate), कोलोरेक्टल (Colorectal), पेट एवं यकृत का कैंसर पुरुषों में सबसे आम हैं, जबकि स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, ग्रीवा एवं थायरॉयड का कैंसर महिलाओं में सबसे आम हैं।
कैंसर भारत सहित दुनिया भर में जीर्ण एवं गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases- NCD) की वजह से होने वाली बीमारियों एवं मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है और वर्ष 2018 में विश्व स्तर पर लगभग 18 मिलियन मामले कैंसर से संबंधित थे जिनमें से 1.5 मिलियन मामले अकेले भारत से थे।
वर्ष 2018 में वैश्विक स्तर पर 9.58 मिलियन के मुकाबले भारत में लगभग 0.8 मिलियन मौतें कैंसर से हुईं। वर्ष 2040 तक भारत में नए मामलों की संख्या दोगुनी होने का अनुमान जताया गया है।
कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है: मुख्य जोखिम कारकों को छोड़कर कैंसर से होने वाली 30-50% मौतों को रोका जा सकता है। प्रमुख जोखिम वाले कारकों में तंबाकू का उपयोग, शराब का उपयोग, असंतुलित आहार, पराबैंगनी विकिरण का संपर्क, प्रदूषण, पुराने संक्रमण आदि शामिल हैं।
कैंसर का उपचार: कैंसर के उपचार के विकल्प के रूप में सर्जरी, कैंसर की दवाएँ या रेडियोथेरेपी शामिल हैं।
उपशामक देखभाल (Palliative Care) जो रोगियों एवं उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है, कैंसर देखभाल का एक अनिवार्य घटक है।

