जयपुर/कोटा। गोडावण और काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध सोरसन वन भूमि परिक्षैत्र में खनन लीज आंवटित करने पर मंगलवार को राज्य शासन सचिवालय में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने वन मंत्री सुखराम विश्नोई एवं वन विभाग के उच्चाधिकारियों को खूब खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि खनन लीज को तुरंत निरस्त किया जाए। सिंह ने वन मंत्री को चेतावनी दी कि यदि लीज को निरस्त नहीं किया तो विस्फोट स्थल पर बैठ कर चिपको आंदोलन कर खुद को उड़ा लूंगा।
वन मंत्री के कक्ष मे आयोजित बैठक में सिंह के साथ गए पर्यावरण संगठनों के शिष्ट मंडल ने कहा कि हजारों पर्यावरण एवं वन्यजीव प्रेमी भी खनन पर बैठेंगे। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि वन भूमि की पेरीफैरी में खनन पर वन विभाग के अधिकारियों ने आपति क्यों नहीं की गई? विभाग की प्रधान सचिव श्रेया गुहा, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक डीएन पांडे, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर समेत अनेक उच्चाधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
सांगोद विधायक ने गत वन्यजीव सप्ताह में पर्यावरणप्रेमियों की बैठक को निरस्त करने वाले बारां के उप वन संरक्षक को निलंबित करने की मांग की। वन मंत्री ने शिष्ट मंडल की मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। इसी के साथ विधायक भरत सिंह ने जन प्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाने के लिए प्रधान सचिव श्रेया गुहा का लताड़ा और कहा कि फोन नहीं उठाना बदतमीजी की श्रणी में आता है।
सोरसन को अभ्ययारण्य का दर्जा दिया जाए
इस अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक निधि- इंटेक के कंवीनर निखिलेश सेठी, को कंवीनर बहादुर सिंह हाड़ा, पीपुल्स फोर एनीमल के अध्यक्ष विट्ठल सनाढ्य, राष्ट्रीय जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने मंत्री को ज्ञापन देकर सोरसन को अभ्यारण्य या संरक्षित वन क्षेत्र का दर्जा देने की मांग की। इसी के साथ मुकुदरा टाईगर रिजर्व में बाघों के पुनर्वास तथा गांवों के विस्थापन के साथ ही बाघ प्रबंधन में जन भागीदारी सुनिश्चत करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में हाड़ौती नेचुरलिस्ट सोसायटी के आरएस तोमर, मुकुंदरा लोकल एडवाईजरी कमेटी के कुशलपाल सिंह, सोरसन के सरपंच मुधुसूदन नामा, एचएनएस के सुनील सिंघल, पूर्व वन अधिकारी जोधराज सिंह हाड़ा, पूर्व उप वन संरक्षक दौलत सिंह आदि कई वन्यजीव प्रेमी उपस्थित रहे, जिन्होंने वन मंत्री को वन बचाने के सुझाव दिए।