नई दिल्ली। विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच आयात शुल्क कम होने की अफवाह से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन, सूरजमुखी, सीपीओ और पामोलीन सहित विभिन्न तेल-तिलहनों के भाव में भारी तेजी आई। मांग बढ़ने से मूंगफली में भी सुधार दर्ज हुआ जबकि बाकी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार सूत्रों ने कहा कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार देर रात को वायदा कारोबार में सरसों के नये सौदों के कारोबार पर रोक लगा दी है।
सूत्रों ने इस कदम की सराहना करते हुए सरकार से मांग की है कि अन्य तेल तिलहनों के मामले में भी समान रवैया अपनाना चाहिये। इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति बेशक होती हो पर आम उपभोक्ताओं को नुकसान है। इसका फायदा केवल विदेशी कंपनियों को मिलता है। सरकार को इस तरह की अफवाहें फैलाने वालों पर अंकुश लगाने का इंतजाम करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि सरकार को तेल तिलहन के वायदा कारोबार पर ही रोक लगाने के बारे में गौर करना चाहिये जिससे कुछ सट्टेबाजी में लिप्त बड़ी कंपनियों द्वारा सिंडिकेट बनाकर बाजार में घट बढ़ करने पर रोक लग सकती है। मलेशिया एक्सचेंज में 2.4 प्रतिशत और शिकागो एक्सचेंज में फिलहाल 1.5 प्रतिशत की तेजी थी।
सूत्रों ने कहा कि मांग होने से मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला तेल के भाव में भी सुधार रहा। जबकि शुल्क घटने की अफवाह के मद्देनजर मलेशिया एक्सचेंज के वायदा कारोबार में सीपीओ के अक्टूबर अनुबंध का भाव 5,152 रिंग्गिट पर बंद हुआ जो सर्वकालिक उच्च स्तर है। मलेशिया एक्सचेंज की तेजी की वजह से यहां सीपीओ और पामोलीन के भाव भी पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए।
उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद मंडियों पर सरसों की आवक घटकर 30-40 हजार बोरी रह जायेगी जबकि औसत दैनिक मांग साढ़े तीन से चार लाख बोरी की है। सरसों की कमी की वजह से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 60-90 प्रतिशत पेराई मिलें बंद हो चुकी हैं।