नई दिल्ली। अचानक टमाटर (tomato) फिर से अपना रंग दिखाने लगा है। यहां बात हो रही है पुणे की, जहां इन दिनों टमाटर की कीमतें 35 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची हैं, जो लगभग 6 महीनों का उच्चतम स्तर है। यानी एक वो वक्त था जब किसानों को लागत निकालने भर का भी पैसा नहीं मिल रहा था और अब ये टमाटर आम जनता को रुलाने का काम कर रहा है।
रिटेल मार्केट में 1 किलो टमाटर की कीमत 20-35 रुपये तक हो गई है। वहीं एग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी की तरफ से चलाई जा रही गुलटेकड़ी मंडी में बुधवार को होलसेल कीमत 14-25 रुपये थी। अगस्त में बढ़े प्रोडक्शन की वजह से टमाटर की कीमतें 2 रुपये प्रति किलो तक गिर गई थीं, जिसके चलते बहुत से किसानों ने अपना टमाटर सड़कों पर फेंक दिया। मंडी के सब्जी सेक्शन के प्रमुख दत्ता कलामकर ने कहा कि मांग और सप्लाई का समीकरण बहुत ही बिगड़ गया है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में ये कीमतों और अधिक बढ़ेंगी, क्योंकि फसल की नई आवक आने में अभी समय लगेगा।
रेस्टोरेंट खुलने से तेजी से बढ़ी है मांग
पिछले करीब 6 महीनों में किसानों को लगातार मिल रही कम कीमतों की वजह से बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में अब टमाटर की खेती भी बहुत ही कम किसान कर रहे हैं, जिसकी वजह से सप्लाई पर बड़ा असर पड़ सकता है। कोरोना वायरस का असर कम होने के साथ-साथ बहुत सारे रेस्टोरेंट और फूड आउटलेट पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में इन दिनों टमाटर की मांग काफी बढ़ गई है।
अब 750 रुपये क्रेट्स लग रही कीमत!
महाराष्ट्र के बड़े बाजारों में से एक नारायण गांव टमाटर मार्केट में अभी हर दिन 25-30 हजार क्रेट्स (एक क्रेट में 20 किलो टमाटर) टमाटर हर रोज आ रहे हैं, जबकि मांग करीब 50 हजार क्रेट्स की है। यह टमाटर पुणे के कुछ जिलों और बीड से आ रहे हैं, लेकिन पिछले 6 महीनों की तुलना में अभी हार्वेस्टिंग काफी कम है, जिसके चलते कम टमाटर आ रहा है। अगस्त के समय टमाटर की जो क्रेट सिर्फ 50 रुपये की बिक रही थी, अभी उसकी कीमत 550-750 रुपये तक लग रही है।