जयपुर। REET की दोनों पारियों की परीक्षा रविवार को पूरी हो चुकी है। सुबह पहली पारी 10:30 बजे से शुरू हुई थी। परीक्षा शुरू होने के बाद से ही विवाद होने लगा। कुछ अभ्यर्थी एग्जाम सेंटर पर देरी से आए तो एंट्री नहीं दी गई। एग्जाम हॉल में जाने के लिए कई महिला अभ्यर्थी-रोती बिलखती रहीं। सीकर में तीन युवतियां 5 मिनट देरी से पहुंची तो अंदर नहीं जाने दिया गया।
अजमेर में गुजरात से परीक्षा देने आई महिला का एडमिट कार्ड रास्ते में गिर गया। इस पर बहन के पास से लेकर आई। तब तक विलंब हो चुका था। वह रोने लगी। महिला ने बताया कि गुजरात के दाहोद से आई थी। दो साल से रीट की तैयारी कर रही थी। 5 मिनट की देरी की वजह से उसे एंट्री नहीं मिली। इसके अलावा परीक्षा सेंटर के बाहर हाथों से धागे तो बालों में से क्लिप भी उतरवा दी गई। हाथों से कंगन उतरवाए गए। कान की बाली भी उतरवा दी गई। शादीशुदा महिलाओं को मंगलसूत्र भी पहनकर नहीं जाने दिया गया।
सीकर में एसके गर्ल्स कॉलेज में तीन युवतियां पहुंचीं तो सेंटर का गेट बंद हो चुका था। तीनों हाथ जोड़कर अंदर जाने की मिन्नत करती रहीं। गेट पर रोने लगीं। लोहे के गेट को हाथों से पीटती रहीं। खिरोड़ की रहने वाली प्रियंका, झुंझुनूं की कविता व नवलगढ़ की प्रियंका ने बताया कि सेंटर पर परीक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले आ गईं थीं। वे गेट पर खड़ी रहीं। उन्हें गार्ड ने कहा कि पीछे वाले गेट पर चले जाओ। वे पीछे के गेट पर पहुंचे तो गेट पर खड़े गार्ड ने अंदर जाने नहीं दिया। वे वापस मेन गेट पर आईं तो वहां से भी अंदर जाने नहीं दिया।
जयपुर में एग्जाम शुरू होने से पहले सेंटर पर धागे-बिछिया से लेकर बालों की क्लिप भी उतरवा दिए। हाथों के कंगन भी उतरवाए गए। सेंटर पर युवतियों की चोटी भी चेक की गई और अंदर भेजा गया। जिंस-टी-शर्ट में आई युवतियों को कई सेंटर पर जाने से रोक दिया गया था। उन्हें ढ़ीले कपड़े पहनकर आने की बात कही गई। कई सेंटरों पर कपड़े बदलने की भी जगह नहीं मिली थी।
दमयंती तंवर एक दिन पहले अजमेर में गुजरात के दाहोद से आई थी। नौ बजे से पहले अजमेर में सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पहुंच गईं। बिना प्रवेश पत्र के जाने नहीं दिया। वह बहन के घर गई और दूसरा एडमिट कार्ड लेकर आई। 10 बजे तक वह सेंटर पहुंच गई। सेंटर पर उसे इधर-उधर भेजकर परेशान किया। फिर भी उसे अंदर जाने नहीं दिया।
छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कई महिलाएं सेंटर पर परीक्षा देने आई थीं। महिलाओं ने परीक्षा सेंटर में जाने से पहले से बच्चों को गोद में बैठाकर दूध पिलाया। इसके बाद वे साथ आए पति व मां को बच्चों को देकर चली गईं। इस दौरान कई बच्चे सेंटर के बाहर रोते-बिलखते रहे। परीक्षा देने के बाद फिर मां ने उन्हें संभाला।