H-1B वर्क वीजा भारतीय प्रफेशनलों में खासा लोकप्रिय है, यह एक गैर-आव्रजन वीजा है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां अपने विदेशी एंप्लॉयीज के लिए वीजा आवेदन करती हैं
वॉशिंगटन। अमेरिकी सरकार ने H-1B वीजा आवेदनों को तेजी से निपटाने की सेवा शुरू कर दी है। प्रीमियम प्रोसेसिंग सर्विस पर पांच महीने पहले तात्कालिक रूप से रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब कांग्रेस की ओर से तय सीमा के तहत सभी श्रेणियों के वीजा की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया।
गौरतलब है कि H-1B वर्क वीजा भारतीय प्रफेशनलों में खासा लोकप्रिय है। यह एक गैर-आव्रजन वीजा है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां अपने विदेशी एंप्लॉयीज के लिए वीजा आवेदन करती हैं।
अमेरिकी टेक्नॉलजी कंपनियां हर साल हजारों कर्मचारियों को इसी वीजा के जरिए विदेशों से लाती हैं। नए आवेदनों के अंबार को देखते हुए अप्रैल मे H-1B वीजा की प्रीमियम प्रोसेसिंग स्थगित कर दी गई थी।
एक मीडिया रिलीज के जरिए बताया गया कि अमेरिकी नागरिता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने सोमवार को वित्त वर्ष 2018 के लिए सभी श्रेणियों के लिए H-1B आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग दुबारा बहाल कर दी।
वित्त वर्ष 2018 के लिए H-1B वीजा की सीमा 65,000 तय की गई है। रिलीज में कहा गया है कि इनके अलावा उन 20,000 अतिरिक्त आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग भी बहाल हो चुकी है जिन्हें अमेरिका से ही उच्च शिक्षा प्राप्त करनेवालों की नियुक्ति के लिए अलग रखा गया है।
जब कोई आवेदक एंजेसी से प्रीमियम प्रोसेसिंग सर्विस की दरख्वास्त करता है तो यूएससीआईएस 15 दिन के अंदर वीजा प्रक्रिया पूरा करने की गारंटी देती है। यूएससीआईसी ने कहा, ’15 दिनों के अंदर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाने की सूरत में एजेंसी आवेदक से ली गई प्रीमियम प्रोसेसिंग फी वापस कर देती है, लेकिन प्रक्रिया में तेजी बरकरार रखती है।’
रिलीज में कहा गया है कि प्रीमियम प्रोसेसिंग सर्विस सिर्फ लंबित आवेदनों के लिए ही दी जाती है, नए आवेदनों के लिए नहीं क्योंकि वित्त वर्ष 2018 के लिए यूएससीआईएस को अप्रैल में ही पर्याप्त आवेदन मिल चुके हैं।
H-1B वीजा की प्रीमियम प्रोसेसिंग की बहाली के अलावा यूएससीआईएस ने पहले ही कोनार्ड 30 और अन्य सरकारी एजेंसियों के वेवर प्रोग्राम के तहत फिजिशनों की ओर से दायर आवेदनों के साथ-साथ सीमारहित अन्य H-1B आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग भी बहाल कर चुकी है।
यूएससीआईएस ने बताया, ‘अमेरिका में ठहरने की अवधि बढ़ाने जैसे अन्य दूसरे H-1B आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग अब भी स्थगित है।’ इसने कहा कि वह उन आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग सर्विस की बहाली करने की योजना बना रही है जिसका संबंध वित्त वर्ष 2018 से नहीं है।