कोटा। फर्जी लाइसेंस से कोटा सरस डेयरी में ठेका देने का मामला उजागर हुआ है। ACB देहात ने कोटा सरस डेयरी के तत्कालीन एमडी श्याम बाबू वर्मा (58) व लेखाधिकारी अखिलेश सक्सेना (60) को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए। फरियादी ने साल 2014 में ACB कोटा में परिवाद पेश किया था। जांच के बाद 2018 में मामला दर्ज किया था।
ACB ने बताया कि कोटा निवासी परिवादी सत्यनारायण शर्मा ने शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा में पेश दर्ज कराई थी। बताया था कि कोटा डेयरी में दिसंबर 2014 में ग्रेजुएट एवं अन्य प्रोफेशनल श्रमिकों की पूर्ति का टेंडर मैसर्स चित्रांशु पूर्व सैनिक बहुउद्देशीय सहकारी समिति लिमिटेड को दिया गया था। ऐसे में मिलीभगत कर फर्जी लाइसेंस बना लिया और डेयरी के लेखाधिकारी व एमडी से साठगांठ करके रिश्वत देकर डेढ़ करोड़ रुपए का ठेका प्राप्त कर लिया है।
परिवाद पर ब्यूरो द्वारा की गई जांच में उस फर्म के नाम श्रम कल्याण विभाग जिला बूंदी द्वारा जारी लाइसेंस फर्जी पाया गया। इसी फर्जी लाइसेंस के आधार पर अखिलेश सक्सेना लेखाधिकारी व श्याम बाबू वर्मा तत्कालीन प्रबंध संचालक ने अपने पद का दुरुपयोग एवं मिलीभगत करते हुए उस फर्म को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया।
दिसम्बर 2018 में मामला दर्ज किया गया। अभियोजन स्वीकृति मिलते ही ACB ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। इससे पहले गिरफ्तारी के श्याम बाबू ने अग्रिम जमानत याचिका पेश की थी, जिसे कोर्ट ने जुलाई में ही खारिज कर दिया था।