नई दिल्ली। 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 8वीं बार देश को संबोधित किया। लाल किले से पीएम मोदी ने नया मंत्र दिया। उन्होंने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास में अब ‘सबका प्रयास’ शब्द भी जोड़ दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश आज से अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और यहां से आजादी के 100 वर्षों तक का सफर भारत के सृजन का अमृतकाल है। उन्होंने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबके प्रयास से इस लक्ष्य को हासिल करना है। तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का यह संकल्प सुरक्षित और समृद्ध विश्व की खातिर प्रभावी योगदान के लिए है।
पीएम मोदी ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है और खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी। लाल किले पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य, विभिन्न दलों के नेता और विदेशी राजनयिकों सहित केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल के प्रतिनिधियों की उपस्थित आकर्षण का केंद्र थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री आज सबसे पहले राजघाट गए और वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। यहां से प्रधानमंत्री सीधे लाल किले पहुंचे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनका वहां स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया और इसके बाद हेलीकॉप्टर से आयोजन स्थल पर पुष्प वर्षा की गई। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले देश की आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कह कि आज देश उन्हें याद कर रहा है। देश इन सभी महापुरुषों का ऋणी है।
कोरोना महामारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस महामारी में अपनी जान गंवाई वह भी वंदन के अधिकारी हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने अपने मंच से तालियां बजाई और कहा कि यह भारत के खेलों और युवा पीढ़ी का सम्मान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता है, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भी, भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।