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शनिवार को बेंगलूरु में जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटीएन पोर्टल पर आ रही तकनीकी दिक्कतों पर चर्चा
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पहली बार सूचना तकनीक से संबंधित चुनौतियों की समीक्षा करेगी परिषद
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परिषद को तकनीकी पहलुओं पर दिया जाएगा प्रस्तुतीकरण
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल को लेकर तकनीकी समस्याओं पर विचार करने के लिए मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक शनिवार को बेंंगलूरु में होगी। यह पहला मौका है जब एक समान कर के दौर में सूचना तकनीक से जुड़ी चुनौतियों को लेकर समीक्षा और समस्याओं को समाधान को लेकर बैठक होने जा रही है।
जीएसटी परिषद की हैदराबाद में हुई बैठक में किए फैसले के मुताबिक बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में बनी समिति इस सप्ताह की शुरुआत में थी, जो आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी तकनीकी और परिचालन संबंधी समस्याओं को देखेगी।
जीएसटीएन अब तक किए गए कार्यों के बारे में राज्यों के वित्त मंत्रियों को जानकारी देगा और बताएगा कि क्या क्या चुनौतियां हैं और उसके लिए आगे के लिए क्या रणनीति बनाई गई है। इस बैठक मेंं इन्फोसिस और जीएसटीएन के अधिकारी शामिल होंगे।
पांच सदस्योंं वाले मंत्रियों के समूह में शामिल एक राज्य के वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम आईटी इन्फ्रा संबंधी मसले को हर पहलू से समझने की कोशिश करेंगे। हम कारोबारियों को हो रही समस्याओं की समीक्षा करेंगे। साथ ही जीएसटीएन के मोर्चे पर आ रही चुनौतियों पर भी विचार होगा। बैठक के बाद इस पर रणनीति तैयार की जाएगी।’
जीएसटीएन के नए चेयरमैन एबी पांडेय इस बैठक में सीईओ प्रकाश कुमार के साथ हिस्सा लेंगे। कारोबारियों की ओर से जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों की शिकायत पर हैदराबाद में हुई परिषद की बैठक में विचार के के बाद समिति का गठन किया गया था। इसी के साथ रिटर्न दाखिल करने की अवधि भी बढ़ा दी गई थी।
सरकार द्वारा आयकर दाखिल करने की अंतिम तिथि के दो दिन पहले 8 सितंबर को तकनीकी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी क्योंकि इनवाइस अपलोड करने वालोंं की संख्या अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। 10 सितंबर को रिटर्न दाखिल करने की तिथि बढ़ाए जाने के एक दिन पहले 9 सितंबर को करीब 7.5 लाख रिटर्न दाखिल किए गए।
सरकारी अधिकारियों का तर्क है कि कारोबारियों द्वारा रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि तक मामले को टालने की प्रवृत्ति भी अफरातफरी की बड़ी वजह है। अधिकारी ने कहा, ‘अंतिम तिथि में विस्तार की घोषणा के बाद से बमुश्किल ही कोई रिटर्न दाखिल किया गया। अब लोगों ने आना बंद कर दिया है।
इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।’ व्यवस्था संबंधी इस मसले को जानने वाले वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘एक बार जब आप बड़ी व्यवस्था को चालू करते हैं तो कुछ मसले आते हैं। फॉर्म को पिछले सप्ताह अंतिम रूप दिया गया और उसके बाद उसमें संशोधन भी हुए।
इसे ध्यान में रखते हुए जीएसटीएन एक स्थायी व्यवस्था है, लेकिन दुर्भाग्य से 8 सितंबर को सिस्टम सही से काम नहीं कर पाया।’ अधिकारी का तर्क है कि जीएसटीआर 3बी जैसे कई फॉर्म आखिरी वक्त में पेश किए गए। उन्होंने कहा, ‘जीएसटीएन कोशिश कर रहा है कि एक ही साथ कई काम किए जाएं।
अधिकारी 4 बजे सबेरे से काम कर रहे हैं, जिससे समस्या का समाधान हो सके।’ इसके पहले तय की गई अंतिम तिथि 10 सितंबर तक करीब 28 लाख जीएसटीआर 1 या विस्तृत बिक्री रिटर्न दाखिल किए गए और अब यह रुक गया है। जुलाई के लिए जितने रिटर्न दाखिल होने थे,
उसका करीब आधा ही दाखिल हो सका है। शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा रिटर्न दाखिल करने की तिथि बनाए जाने की घोषणा के एक घंटे के भीतर जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर आने वाले लोगों की संख्या अचानक 80,000 से घटकर 17,000 रह गई थी।