मुकेश भाटिया
कोटा। सोयाबीन में आ रही मंदी एक धोखा है। बाज़ार पूरा रिकवर होगा, सोया मिल का आयात के फ़रमान का नोटिफिकेशन अभी तक आया नहीं है। फिर आयात होगा और फिर आएगा तो कम से कम एक/डेढ महीना पक्का लगेगा।
क्या 15 लाख टन मिल पाएगा?
मैं बार बार हर लिखित या मौखिक इंटरव्यू में हमेशा कह रहा हूं कि पूरा विश्व खाद्य संकट से गुज़र रहा है। ऐसे में इतनी क्वांटिटी मिलना ही मुश्किल भरा हैं। फिर ऑल रेडी ब्राजील और अमेरिका में अकाल घोषित हो चुका है। ऐसे में क्वांटिटी वाइस सोया मिले असंभव है। इसलिए मुझे लगता है यह बात जुमला ही साबित होगी। ज्यादा से ज्यादा इस वीक नाटक चलेगा।
आयात का पेंडेमिक, अगले हफ्ते से वापस सरसों, सोया दोनो तेज़ होंगे। फिर रोक सको तो तेज़ी रोक लेना। 15 अगस्त के बाद दीपावली तक लगातार त्योहारी सीजन हैं। आयात कर भी लोगे तो भी 150 करोड़ आबादी को पूरा पड जाएगानहीं पड़ेगा। खाने की जरूरत अभी है।
माल एक डेढ़ महीना बाद आएगा, तो पेनिक क्यों हुआ जाए. फिर अभी बड़ी क्वांटिटी मिल जाए, असंभव है। इसलिए बातों पे ना जाओ अपनी अकल लगाओ, व्यापार कर रहे, हो ऐसे मज़ाक से घबराना नहीं।