मित्रवत व्यवहार ही नशा मुक्ति जंग में जरूरी हथियार

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कोटा। संवेदना सेवा समिति एवं इंडियन सोसायटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट, आइएसटीडी कोटा चैप्टर और कोटा ज्ञानद्वार एजुकेशन सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ नई रणनीति बनाने को लेकर वेबिनार आयोजित की गई। वेबीनार में समग्र भारत के प्रसिद्ध आईआईटीयंस, एम्स, शिक्षाविद, कोटा ज्ञानद्वार के सदस्यों तथा ओम कोठारी प्रबंध संस्थान के विद्वानों एवं विद्यार्थियों सहित लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

डॉक्टर आरसी साहनी ने कहा कि नवाचार विधियों से नशा मुक्ति आंदोलन वक्त की मांग है। यूएन के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि गत एक दशक में 35% नशाखोरी की वृद्धि अत्यंत चिंतनीय विषय है। मुख्य अतिथि राजस्थान तकनीकी विश्व विद्याालय के कुलपति प्रो. आरए गुप्ता ने कहा कि नशे की लत युवाओं में घर से बाहर जाने पर लगती है। इसके लिए सब को मिल कर प्रयास करना होगा कि लत लगे ही नहीं। नशा छुडाने के लिए क्यूं कसरत करनी पड़े। उन्होंने आश्वासन दिया कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय इसके लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करेगा।

आई एसटीडी कोटा चैप्टर की चेयर पर्सन अनिता चौहान ने कहा कि प्रशिक्षण एवं विकास गतिविधियों के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कोटा ज्ञानद्वार एवं आईएसटीडी सदैव प्रयासरत है। सम्वेदना के साथ मिल नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्यों के शुरुआत मात्र एक वेबिनार तक सीमित नही रहेगा अपितु एक मुहिम में परिवर्तित होगा।

ओम कोठारी संस्थान के डायरेक्टर डॉ. अमित सिंह राठौड़ ने संस्थान की ओर से हर संभव सहायता का विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा इसके लिए स्टूडेंट्स को केंद्रित कर नशा प्रवृत्ति को रोकने के लिए चैप्टर का निर्माण कर निरंतर गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

आईएसटीडी दिल्ली केंद्र के निदेशक डॉ अविनाश चंद्र जोशी ने नशे जैसे सुलगते हुए मुद्दे पर विचार रखते हुए जागरूकता का पैगाम सहज तरीके से युवाओं तक पहुंचा देना एक श्रेष्ठ कार्य बताया।

मुंबई के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. एसएल खन्ना ने काउंसलिंग एवं अभिभावकों द्वारा प्यार व सीधा संवाद पर बल देते हुए मित्रवत व्यवहार को नशा मुक्ति जंग में जरूरी हथियार बताया। रीजनल वाइस प्रेसिडेंट प्रोफेसर पी के शर्मा ने एक सुनियोजित एवं समग्र विधि से जमीनी स्तर पर कार्य करने के लिए सेवाएं देने के लिए पेशकश की।

दिल्ली की जानी-मानी पत्रकार नीलम गुप्ता ने गुमराह होते युवाओं पर लगाम लगाने के लिए श्रेष्ठ व अहम कदम बताया, और छोटी आयु से ही नशे से बचने के लिए सतर्क रहने पर विशेष जोर दिया। डॉ. एस एल खन्ना मुंबई के जाने-माने मनोचिकित्सक में काउंसलिंग एवं अभिभावकों द्वारा प्यार व सीधा संवाद पर बल देते हुए मित्रवत व्यवहार को नशा मुक्ति जंग में जरूरी हथियार बताया।

वेबिनार में पर्यावरणविद बृजेश विजयवर्गीय, एके सक्सेना, कलकत्ता से कांति बर्मन, जयपुर के कर्नल लाम्बा आदि गणमान्य लोगों ने भागीदारी की व विचार व्यक्त किए। वेबीनार के दौरान नशा मुक्ति प्रश्न पर प्रश्न उत्तर के समय में डॉ साहनी ने शंका समाधान किया। वाइस चेयरपर्सन सुजाता तातेड ने बताया कि वेबीनार का कुशल संचालन गोपाल सोनी और माधवी सक्सेना ने किया ।