नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्सनल लोन (Personal Loan) के नियमों में एक बदलाव किया है। हालांकि यह बदलाव पर्सनल लोन लेने वाले सभी व्यक्तियों के लिए नहीं है। RBI (Reserve Bank of India) ने जो बदलाव किया है, वह बैंकों के निदेशकों तक सीमित है। RBI ने इसे लेकर 23 जुलाई 2021 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था।
RBI के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब बैंक अपने बोर्ड की मंजूरी के बिना अन्य बैंकों के निदेशकों को पांच करोड़ रुपये तक का पर्सनल लोन मंजूर कर सकते हैं। पहले यह सीमा 25 लाख रुपये थी। नोटिफिकेशन में RBI ने कहा है, ‘एक समीक्षा के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि …अन्य बैंकों के किसी भी निदेशक को पर्सनल लोन के मामले में, पच्चीस लाख रुपये की सीमा को संशोधित करके पांच करोड़ रुपये कर दिया गया है।’
RBI ने कहा है कि जब तक निदेशक मंडल/प्रबंधन समिति द्वारा स्वीकृति न मिल जाए, बैंकों को अपने चेयरमैन/प्रबंध निदेशकों या अन्य निदेशकों के पति/पत्नी और नाबालिग/आश्रित बच्चों के अलावा किसी भी रिश्तेदार को 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक का लोन व एडवांस नहीं देना चाहिए। हालांकि ऐसे बॉरोअर्स के लिए 25 लाख रुपये या 5 करोड़ रुपये (जैसा भी मामला हो) से कम की ऋण सुविधाओं के प्रस्ताव फाइनेंसिंग बैंक में उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किए जा सकते हैं, लेकिन मामले की सूचना बोर्ड को जरूरी दी जानी।
जुलाई 2015 में बैंकों के निदेशकों/निदेशकों के रिश्तेदारों को लोन पर प्रतिबंध लगाया गया था। बैंकों द्वारा अपने स्वयं के निदेशकों को उधार देने पर वैधानिक प्रतिबंध के साथ-साथ, RBI ने अनिवार्य किया था कि 25 लाख रुपये या उससे अधिक के लोन केवल निदेशक मंडल/प्रबंधन समिति के अनुमोदन से ही स्वीकृत किए जा सकते हैं। वर्तमान में, किसी कंपनी को लोन देने के लिए बैंक के बोर्ड/प्रबंधन समिति द्वारा मंजूरी की आवश्यकता होती है।