90 फीसदी कार चालक इस बटन का सही इस्तेमाल नहीं जानते, बार-बार होती है गलती

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नई दिल्ली। दिसंबर शुरू होने वाली है और सर्दी देशभर में तेजी से बढ़ने लगी है। इस मौसम का सफर कार से काफी बढ़िया होता है। कार में ठंड नहीं लगती। सबसे बड़ी बात कार में हीटर भी होता है जो आपको कितने भी कम टेम्परेचर में आपको गरम रखता है। हालांकि, ठंड में जब कोहरा होता है तब कार की ड्राइविंग बेहद मुश्किल हो जाती है।

कोहरे की वजह से लोगों से ड्राइविंग में कई गलतियां भी होती हैं। खासकर, एक कॉमन गलती कई लोग करते हैं। ये गलती है कार के इमरजेंसी इंडीकेटर को ऑन करके गाड़ी चलाना। लोगों को ऐसा लगता है कि इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने से उनकी ड्राइविंग सेफ हो रही है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। चलिए इसके बारे में जानते हैं।

इमरजेंसी इंडिकेटर का काम
इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है तब आप गाड़ी को हाईवे या सड़क किनारे रोक रहे हैं। या फिर आपकी गाड़ी में खराबी आ गई है। रात के वक्त यदि गाड़ी में खराबी आ जाए, टायर बदल रहे हों तब इन इंडीकेटर्स का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि पीछे और आगे से आने वाली गाड़ियों को अलर्ट मिले। रात के समय इमरजेंसी इंडिकेटर्स स्टॉपर्स का काम करते हैं।

इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन क्यों नहीं करें?
कई साल पहले सर्दी में इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है था क्योंकि तब गाड़ी की हेडलाइट इतनी पावरफुल नहीं होती थीं। ऐसे में लो विजिबिलिटी की वजह से चारों इंडिकेटर ऑन कर लिए जाते था, जिससे किसी तरह की दुर्घटना न हो जाए। हालांकि, अब गाड़ियों का लाइट पूरी तरह बदल चुकी हैं।

इमरजेंसी इंडिकेटर से एक्सीडेंट का खतरा
नए जमाने की गाड़ियों में LED लाइट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनकी रोशनी बहुत पावरफुल होती है। कोहरे के दौरान भी ये काफी दूरी से नजर आती हैं। कोहरे में ड्राइविंग के दौरान फॉग लाइट भी ऑन कर सकते हैं। इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने का सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि गाड़ी मोड़ते वक्त आप इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ऐसे में पीछे या आगे से आ रही गाड़ी से एक्सीडेंट होने खतरा बन जाता है।