बंपर पैदावार से सरसों तेल का आयात रुका

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मुंबई। देश में इस साल सरसों की बंपर पैदावार देखते हुए सरसों तेल आयातकों ने इसका आयात रोक दिया है, देश की तेल और तिलहन इंडस्ट्री के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन यानि SEA के मुताबिक मार्च के दौरान देश में सरसों तेल का जरा भी आयात नहीं हुआ है, इससे पहले फरवरी के दौरान देश में करीब 36,886 टन सरसों तेल का आयात हुआ था। पिछले साल मार्च में 26,863 टन सरसों तेल का आयात हुआ था। SEA के प्रेसिडेंट और अडानी विल्मर में एग्री बिजनेस डिविजन के सीईओ अतुल चतुर्वेदी ने कहा है कि मार्च के दौरान देश में कनोला ऑयल का जरा भी आयात नहीं हुआ है। दरअसल इस साल देश में सरसों की बंपर पैदावार होने का अनुमान है और ऑयल मिलें विदेशों से सरसों तेल आयात के बजाय अपने किसानों से सरसों खरीद रहे हैं और उससे तेल तैयार कर बाजार में उतार रहे हैं। SEA ने इस साल देश में कुल 72.29 लाख टन सरसों का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।

ग्वार में लगा तेजी सर्किट, मानसून को लेकर आशंका से भाव तेज

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मुंबई।   कमजोर मानसून की आशंका को देखते हुए ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है, वायदा बाजार में ग्वारगम में 3 फीसदी का ऊपरी सर्किट लग चुका है और मई वायदा के लिए भाव बढ़कर 8,743 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, इसी तरह ग्वारसीड में भी जोरदार तेजी है और मई वायदा के लिए इसका भाव 4,100 रुपये को पार कर चुका है। इस साल ग्वारगम की एक्सपोर्ट मांग भी मजबूत है, अमेरिका में ऑयल रिग्स की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से वहां पर भारतीय ग्वारगम की मांग बढ़ने की संभावना है और हाल के दिनों में ग्वारगम के बढ़े हुए निर्यात से इसके संकेत भी मिले हैं। वित्तवर्ष 2016-17 के पहले 11 महीने यानि अप्रैल 2016 से फरवरी 2017 के दौरान देश से 3.67 लाख टन ग्वारगम का निर्यात हुआ है जबकि 2015-16 में इस दौरान 2.97 लाख टन का एक्सपोर्ट हो पाया था।

खाताधारकों को 50,000 रुपये तक का लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनिफिट देगा ईपीएफओ

नई दिल्ली । रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ के सदस्यों को रिटायरमेंट के वक्त 50 हजार रुपये तक का लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनिफिट मिलेगा। यह लाभ उन सदस्यों को ही मिलेगा जो 20 साल या ज्यादा वक्त तक अपने प्रविडेंट फंड में योगदान करेंगे, लेकिन स्थाई अपंगता की स्थिति में यह शर्त लागू नहीं होगी। ईपीएफओ बोर्ड ने तय किया है कि स्थाई अपंगता के मामले में लॉयल्टी-लाइफ बेनिफिट के लिए कम-से-कम 20 साल के योगदान की अनिवार्यता नहीं होगी। ईपीएफओ की सर्वोच्च निर्णायक संस्था सेंट्र बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने किसी सदस्य की मौत होने पर 2.5 लाख रुपये की निश्चिचत रकम देने की सिफारिश की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सीबीटी एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआई) के तहत कम-से-कम 2.5 लाख रुपया करने और 50,000 रुपये तक का लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनिफिट की सिफारिश की। सीबीटी की बैठक कल (बुधवार) को हुई।’ उन्होंने कहा, ‘एक बार सरकार ने इस सिफारिश पर मुहर लगा दी तो सदस्यों को यह लाभ मिलने लगेगा। अभी इसे प्रायोगिक तौर पर दो साल के लिए लागू किया जाएगा और फिर इसकी समीक्षा की जाएगी।’ प्रस्ताव के मुताबिक, वैसे सभी सदस्यों को 58 या 60 साल में रिटायर होने पर लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनिफिट मिलेगा जिन्होंने 20 साल या इससे ज्यादा अवधि तक पीएफ फंड में योगदान किया होगा। हालांकि, स्थाई अपंगता के मामले में यह शर्त लागू नहीं होगी। इसके मुताबिक, जिनका मूल वेतन 5,000 रुपये तक होगा, उन्हें 30,000 रुपये तक और 5,001 से 10,000 रुपये तक के मूल वेतन वालों को 40,000 रुपये तक का लॉयल्टी बेनिफिट मिलेगा। वहीं, 10,000 रुपये से ज्यादा के मूल वेतन वाले ईपीएफओ मेंबर्स रिटायारमेंट के वक्त 50,000 रुपये का लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनिफिट के हकदार होंगे। बोर्ड ने लाइफ बेनिफिट देने का फैसला ईडीएलआई फंड में 18,119 करोड़ रुपये की बड़ी रकम और इस पर मिलने वाले ब्याज के मद्देनजर लिया है। अभी किसी ईपीएफओ मेंबर की मौत के बाद उसके आश्रित को 6 लाख रुपये तक की तय रकम मिलती है, लेकिन किसी सदस्य की स्थाई अपंगता की स्थिति में बीमा या लाभ की कोई न्यूनतम राशि तय नहीं है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने आधार बुधवार की मीटिंग के बाद आधार सीडिंग ऐप्लिकेशन लॉन्च किया। ईपीएफओ ने कॉमन सर्विस सेंटर्स और सी-डैक की मदद के लिए यह मोबाइल ऐप डिवेलप किया है। इस ऐप के जरिए पीएफ मेंबर या पेंशनर यूएएन और आधार लेकर ईपीएफओ या कॉमन सर्विस सेंटर के किसी भी फील्ड ऑफिस में जा सकते हैं। जनवरी से मार्च 2017 के बीच ईपीएफओ ने अपने साथ 49,39,929 वर्करों को जोड़ा। दरअसल, संस्था ने जनवरी 2017 में नई एनरॉलमेंट स्कीम चलाई थी।

इनफ़ोसिस कंपनी का घटा मुनाफा, शेयरहोल्डर्स को देगी 13 हजार करोड़

मुंबई। आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी इंफोसिस का मार्च तिमाही में नेट प्रॉफिट 3,603 करोड़ रुपये रहा। गुरुवार को कंपनी ने चौथे क्‍वार्टर के नतीजे पेश किए हैं। वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 3 फीसदी घटकर 3603 करोड़ रुपए रहा है जबकि, तीसरी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 3708 करोड़ रुपए रहा था। वहीं आय में भी 0.9 फीसदी घटी है। हालांकि कंपनी की डॉलर आय 0.7 फीसदी बढ़कर 256.90 करोड़ डॉलर रही है। इंफोसिस के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में कंपनी की आय में 6.5 फीसदी से 8.5 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। बोर्ड ने शेयरधारकों को वित्त वर्ष 2018 में 13,000 करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड अथवा शेयर बायबैक देने की बात कही है। हालांकि कंपनी ने अलगे वित्त वर्ष 2018 के लिए उम्मीद से कम गाइडेंस दिया है।

आदेशों का पालन न करने के लिए 2,000 से ज्यादा CBSE स्कूलों पर लगा जुर्माना,

नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने अपने 2,077 अफिलिएटिड स्कूलों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही उन्हें बोर्ड के आदेशों का पालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है ताकि वे पब्लिक डोमेन में संस्थानों के बारे में जानकारी की लिस्ट जारी करें। आदेश के तहत, सभी स्कूलों को पानी की टोटी की संख्या, वाई-फाई फसिलटी के साथ स्पीड की जानकारी, प्रत्येक क्लास की मासिक फीस और सभी ऐडमिशन रिसल्ट्स की सार्वजिनक जानकारी देनी थी। स्कूलों को रिसर्व फंड्स और बैलेंस शीट का भी खुलासा करना था। इस काम को पूरा करने के लिए शुरुआत में 31 अक्टूबर, 2016 तक की डेडलाइन दी गई थी, जिसे बाद में एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था क्योंकि कई स्कूलों ने ऐसी छोटी सूचना पर डेटा प्रस्तुत करने में असमर्थता जताई थी। बोर्ड से अफिलिएटिड 18,179 स्कूल हैं। यह कदम सीबीएसई के अध्यक्ष राजेश कुमार चतुर्वेदी द्वारा सितंबर 2016 में घोषित सुधारों का हिस्सा है। स्कूलों से मांगी गई जानकारी को छह भागों में बांटा गया था और इसका खुलासा स्कूल की वेबसाइटों पर भी किया जाना था। सीनियर सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार, 2,077 स्कूल समय सीमा के भीतर काम पूरा करने में विफल रहे। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई खास बातचीत में चतुर्वेदी ने बताया, ‘बोर्ड की परीक्षाएं पूरी हो जाने के बाद हम स्कूलों को एक और मौका देंगे। हालांकि, हमने आदेश का पालन न कर पाने के लिए प्रत्येक स्कूल पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का नोटिस जारी कर दिया है और उन्हें इसका भुगतान करना होगा।’ सीबीएसई मेमोरैंडम में कहा गया है, ‘सूचना केवल बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से ऑनलाइन भरी जाएगी और स्कूल की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी।’ आदेश के तहत बोर्ड को मैनेजमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ, फाइनैंस एवं अन्य विवरणों को सार्वजनिक करना करना होगा। इसमें व्यापक रूप से स्कूल के प्लेग्राउंड और बिल्डिंग के एकड़ और वर्ग मीटर की जानकारी देना भी शामिल है। साथ ही स्कूलों को अपनी बिल्डिगों और ब्रांचेज की संख्या की जानकारी भी देनी होगी। वहीं सेफ्टी की बात की जाए तो स्कूलों को फायर अलार्म, आग बुझाने वाले यंत्र और फायर सेफ्टी का सर्टिफिकेट भी पेश करना होगा।

खुद का कारोबार शुरू करने के लिए कोटा समेत प्रदेश में खुलेंगे 7 बिजनेस सेंटर

-केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, 50 तरह के कारोबार के लिए ट्रेनिंग मिलेगी कोटा। केन्द्रसरकार ने जयपुर, उदयपुर, अलवर, कोटा, अजमेर, बीकानेर और जोधपुर में 7 लिवलीहुड बिजनेस इनक्यूबेटर (एलबीआई) सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है। ये एक तरह से ट्रायल बिजनेस सेंटर का काम करेंगे, जहां युवाओं को 50 तरह के कारोबारों से जुड़ी सभी तरह की जानकारी और प्रशिक्षण मिलेगा।
जो अनुभवहीन युवा खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं, उन्हें मशीनों पर माल उत्पादन से लेकर तैयार माल की मार्केटिंग तक की ट्रेनिंग मिलेगी। साथ ही बिजनेस मैनेजमेंट और बिजनेस अकाउंट्स मेंटेंन करने की ट्रेनिंग भी मिलेगी। अगर बिजनेस मॉडल सफल रहता है तो उन्हें भामाशाह स्वरोजगार सृजन योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों से ऋण दिया जाएगा। इसमें ऋण चुकाने पर 4 प्रतिशत छूट भी दी जाती है।
बीआरएसवाय के तहत 2015-16 और 2016-17 में 14632 युवाओं को 171 करोड़ 85 लाख और पीएमईजीपी के तहत 2015-16 और 2016-17 में 4299 युवाओं को 427 करोड़ 88 लाख रु. के ऋण बांटे जा चुके हैं। इन सेंटरों में पेपर नैपकिन, सोलर इन्वर्टर, सोलर पैनल, लैंप, जैविक फर्टिलाइजर, फूड प्रोसेसिंग, सॉक्स निटिंग, वाटर फिल्ट्रेशन, एलईडी, ग्रीन हाउस सहित 50 ट्रेड की मशीनरी लगाई जाएगी।
हर सेंटर को 1 करोड़ का अनुदान सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि प्रत्येक एलईबी के लिए केंद्र सरकार से एक करोड़ रुपए की ग्रांट मिलेगी, जिसमें 50 फीसदी राशि स्वीकृति के साथ ही दी जाएगी। देश में सबसे ज्यादा एलईबी राजस्थान के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इससे पहले झालावाड़ में 10 ट्रेड्स पर आधारित इनक्यूबेटर के लिए भी केंद्र मंजूरी दे चुका है।

पेट्रोल पंप हो या दुकान, अब सिर्फ उंगली से पेमेंट

नई दिल्ली  । कोईभी पेमेंट करने के लिए आपको कैश, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड साथ रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अपनी उंगली के जरिए आसानी से कहीं भी पेमेंट कर पाएंगे। यह संभव होगा आधार-पे के जरिए। 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी नागपुर में इसकी शुरुआत करेंगे। अभी तक दिल्ली में मदर डेयरी और केंद्रीय भंडारों में इसका ट्रायल चल रहा था। जल्द ही पेट्रोल पंप, बड़ी रिटेल चेन के साथ छोटी खुदरा दुकानों पर भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी। सरकार ने छह से नौ महीने में 70% दुकानों और ट्रांजेक्शन प्वाइंट्स पर आधार-पे सुविधा शुरू करने का लक्ष्य रखा है। सरकार का दावा है, चूंकि पैसे देने वाले व्यक्ति की उंगली का निशान लिए बिना पेमेंट नहीं होगी, लिहाजा इसमें धोखाधड़ी की आशंका भी नहीं रहेगी। एनपीसीआईके सीओओ दिलीप अस्बे ने बुधवार को बताया कि आधार-पे के इस्तेमाल पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लगेगा। यह शुल्क 2,000 रु. तक के ट्रांजैक्शन पर 0.25% होगा। ऐसे कर सकेंगे पेमेंट पेट्रोलपंपों और दुकानों पर मशीन होगी, जो आधार से लिंक होगी। पेमेंट करते वक्त ग्राहक से उसके बैंक का नाम पूछा जाएगा। पेमेंट लेने वाला उस बैंक के सर्वर से मशीन को लिंक करेगा। फिर वह पेमेंट की रकम दर्ज करके ग्राहक की उंगुली का निशान लेगा। निशान मिलने के बाद पेमेंट हो जाएगा। आधार-पे के तहत कोई भी पेमेंट करने के लिए आपका बैंक अकाउंट आधार से लिंक होना चाहिए। साथ ही आपको अपना आधार नंबर भी याद रखना हाेगा।

कोटा में सेवन वंडर्स देखकर चौंके जर्मनी के टूरिस्ट

कोटा | टूरिज्मके लिए ऑफ सीजन माने जाने वाले इस महीने में कोटा में सैलानियों की आवाजाही बनी हुई है। विशेष तौर पर जर्मनी के टूरिस्ट को शहर रास रहा है। बुधवार को जर्मनी के 22 सदस्यीय ग्रुप ने शहर के सेवन वंडर्स से लेकर किशोर सागर तालाब, गढ़ पैलेस सहित अन्य स्पॉट को देखा। हाड़ौती टूरिज्म डवलपमेंट सोसायटी सचिव नीरज भटनागर ने बताया कि कोटा में विदेशी सैलानियों का अब धीरे-धीरे रुझान बढ़ता जा रहा है। सहायक पर्यटन अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि जर्मनी के ग्रुप के लिए शहर पसंदीदा है।

फ्लाई एश व कोटा स्टोन स्लरी को उपयोगी केटेलिस्ट में बदलने पर मिला पेटेंट

-अरविन्द  कोटा। कोटा यूनिवर्सिटी में डीन प्रो.आशू रानी के अनुसंधान पर भारत सरकार के पेटेंट विभाग ने 20 वर्ष के लिए पेटेंट जारी कर दिया। उन्होंने शहर में निकलने वाले सोलिड वेस्ट मेटेरियल कोटा स्टोन स्लरी एवं फ्लाई एश पर निरंतर  करके फार्मा कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण उपयोगी पदार्थ तैयार किया, जिसका उपयोग देश-विदेश में किया जा सकेगा। कोटा यूनिवर्सिटी की डीन प्रो. डॉ आशू रानी ने इस आर्गेनिक कम्पाउंड पर निरंतर शोध करते हुए ऐसा सिंथेसिस तैयार किया, जिससे फार्मास्यूटिकल कंपनियों में एक केटेलिस्ट के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। उन्होने बताया कि सस्ती फ्लाई एश व कोटा स्टोन स्लरी से ‘बेंजिलाइडेन साइक्लो हेक्सानॉन’ नामक ग्रीन केटेलिस्ट प्रोसेस तैयार करने के लिए लंबी शोध प्रक्रिया पूरी की गई। पेटेंट एक्ट,2010 के प्रावधानों के तहत वैधानिक प्रमाणपत्र जारी किया गया। रिसर्च पूरा करके उन्होंने 2 जून,2010 को पेटेंट के लिए आवेदन किया था, जिस पर 23 मार्च,2017 को पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट सर्टिफिकेट जारी किया। यह पेटेंट अगले 20 वर्ष तक वैध रहेगा।  उन्होंने बताया कि कोटा थर्मल से निकलने वाली फ्लाई एश को 900 डिग्री सेंटीग्रेड पर गर्म कर थर्मल एक्टिवेशन किया गया, फिर कोटा स्टोन स्लरी में इसे मिलाकर पेस्ट के रूप में 100 डिग्री सेंटीग्रेड पर एक मिश्रण तैयार किया गया। रासायनिक क्रिया से इसमें सस्ता केएफसी केटेलिस्ट तैयार करने में सफलता मिली। शोध छात्रा दीप्ती जैन एवं चित्रलेखा ने डॉ आशू रानी के निर्देशन में लंबे समय तक शोध कार्य किया। उन्हें फ्लाई एश मिशन, नईदिल्ली से सहयोग मिला। Prof. Ashu Rani Professor, Department of Pure & Applied Chemistry Email ID : [email protected], [email protected][email protected] Research Interest : Heterogeneous Catalysis, Waste Management, Nanotechnology etc.