बेहतर मानसून की भविष्यवाणी से ब्याज दर में कमी की उम्मीद

नई दिल्ली। मौसम विभाग की तरफ से सामान्य मानसून की भविष्यवाणी ने चालू वित्त वर्ष में भी किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, बल्कि लोगों की जेब पर ईएमआई के बोझ के हल्का होने की संभावनाएं भी बना दी हैं। अच्छे मानसून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगा। यही नहीं, लगातार दूसरे साल ऐसा होने से देश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार भी बढ़ेगी। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ भविष्यवाणी के अनुरूप रहा तो अगली तिमाही में ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगस्त में नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.25 फीसद की कमी कर सकता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से कम अवधि के कर्ज प्राप्त करते हैं। रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मांग में सुधार अभी देखने को मिलने लगा है। खरीफ से होने वाली किसानों की आमदनी में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बैंक का मानना है कि रबी की फसल भी किसानों की आमदनी में 13 फीसद तक की वृद्धि कर सकती है। बेहतर मानसून महंगाई के खतरे को भी कम करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक यदि इस साल भी मानसून की बारिश अच्छी हुई तो खुदरा महंगाई की औसत दर चालू वित्त वर्ष 2017-18 में चार फीसद के आसपास रहने की उम्मीद है। सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के पुराने आधार पर देखें तो अर्थव्यवस्था 4.5-5 फीसद की रफ्तार पर चल रही है। इसके सात फीसद तक पहुंचने की प्रबल संभावना है। ऐसे में मांग बढ़ेगी तो उसका महंगाई की दर पर कुछ असर पड़ सकता है। मगर इसके बावजूद अगस्त में ब्याज दर में चौथाई फीसद की कमी की गुंजाइश बनती है। इसी महीने छह तारीख को मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर को यथावत रखा था। मगर रिवर्स रेपो रेट को चौथाई फीसद बढ़ाकर छह फीसद कर दिया था। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा जून में करेगा। एक तरफ विकास की धीमी रफ्तार कीमतों को नीचे रखेगी, तो दूसरी तरफ खाद्य उत्पादों की महंगाई में उतार-चढ़ाव आता रहेगा। चूंकि अल नीनो का जोखिम बना रहेगा, इसलिए रिजर्व बैंक ने अपने नीतिगत बयान में आपूर्ति प्रबंधन को अहम बताया है। हालांकि बैंक ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि साल 2017 में कमोडिटी की कीमतें आमतौर पर स्थिर रहेंगी।

सर्वाधिक माइलेज देने वाली सस्ती बाइक

महंगाई के इस दौर में अगर बेहतरीन माइलेज, शानदार लुक और कम कीमत की बाइक मिल जाए, तो कौन ऐसे विकल्प से इनकार करेग! जानें, साल 2017 की बेस्ट माइलेज बाइक्स के बारे में… Bajaj Platina ComforTec बजाज की बजट बाइक ‘प्लैटिना’ लॉन्च के बाद से ही आम आदमी की पसंदीदा बाइक्स में से एक रही है। लगभग 43, 000 रुपये कीमत वाली इस बाइक में 102 सीसी का इंजन दिया गया है, जो 7,500 आरपीएम पर अधिकतम 8.1 बीएचपी का पावर व 5,000 आरपीएम पर 8.6 एनएम का टॉर्क देता है। नई प्लैटिना में अलॉय वील्स हैं और यह इलेक्ट्रिक स्टार्ट है। इस बार पैसेंजर कंफर्ट पर भी कंपनी ने खासा ध्यान दिया है। Hero Splendor iSmart भारत की ‘सबसे चहेती’ बाइक रही हीरो की स्प्लेंडर अब आईस्मार्ट के रूप में बाजार में उपलब्ध है। दावा किया गया है कि नई स्प्लेंडर 102.50 kmpl का माइलेज देती है। इसका 97 सीसी इंजन 7,500 आरपीएम पर 7.6 बीएचपी का पावर व 4,500 आरपीएम पर 8 एनएम का टॉर्क जेनरेट करता है। इसकी कीमत 50,000-51,000 रुपये के बीच है। Bajaj CT100 बजाज की एक और बजट बाइक सीटी 100 भी नए अवतार में उपलब्ध है। यह स्प्लेंडर और सीडी-डॉन को टक्कर देने के लिए बाजार में उतारी गई थी। दावा किया गया है कि यह 99.1 kmpl का माइलेज देने में सक्षम है। इसकी कीमत लगभग 35,033 रुपये है। Bajaj Discover 100 डिस्कवर फैमिली की यह बाइक 94.38 सीसी इंजन के साथ आती है। सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली बाइक्स में इसका नाम लोगों की जुबान पर पहले से कायम है। 100 सीसी की खूबसूरत बाइक्स में शुमार डिस्कवर 100 की कीमत लगभग 48,000 रुपये है। TVS Sport नई टीवीएस स्पोर्ट कंपनी की पिछली बाइक स्टार सिटी का स्पोर्ट वर्शन है। 3 वर्शंस में उपलब्ध इस बाइक के लिए 95 kmpl माइलेज का दावा किया गया है। इसकी कीमत 36,505 रुपये है।

1 मई से लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे मंत्री और अफसर

नई दिल्ली । केंद्रीय कैबिनेट ने वीवीआईपी कल्चर को खत्म करते हुए लाल और नीली बत्ती के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का फैसला ले लिया है। बुधवार को यह फैसला लिया गया। 1 मई को मजदूर दिवस के दिन से यह फैसला लागू होगा। यह रोक केंद्रीय मंत्रियों और अफसरों पर लागू होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि लालबत्ती की इजाजत पीएम को भी नहीं होगी। इसके अलावा, ये फैसला राज्य सरकार पर भी लागू होगा। हालांकि, इमर्जेंसी सर्विसेज को नीली बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत रहेगी। सरकार मोटर वीकल ऐक्ट के उस प्रावधान को ही खत्म करने जा रही है, जो केंद्र और राज्य सरकार के कुछ खास लोगों को लाल बत्ती की इस्तेमाल की इजाजत देता है। गडकरी ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को भी हटा दिया है। गडकरी अपनी सरकारी गाड़ी से इस बत्ती को हटाने वाले पहले नेता हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आम लोगों की सरकार है इसलिए हमने लाल बत्ती और हूटर्स का वीवीआईपी कल्चर खत्म करने का फैसला किया है।’ मंत्री ने इसे बड़ा लोकतांत्रिक फैसला बताते हुए कहा कि जल्द ही इस विषय में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। बता दें कि काफी वक्त से सड़क परिवहन मंत्रालय में इसपर काम चल रहा था। इससे पहले, पीएमओ ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी। यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय में लगभग डेढ़ साल से लंबित था। इस दौरान पीएमओ ने पूरे मामले पर कैबिनेट सेक्रटरी सहित कई बड़े अधिकारियों से चर्चा की थी। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने लाल बत्ती वाली गाड़ियों के इस्तेमाल के मुद्दे पर कई सीनियर मंत्रियों से चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने पीएमओ को कई विकल्प दिए थे। इन विकल्पों में एक यह था कि लाल बत्तियों वाली गाड़ी का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाए। दूसरा विकल्प यह कि संवैधानिक पदों पर बैठे 5 लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो। इन 5 में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हों। हालांकि, पीएम ने किसी को भी रियायत न देने का फैसला किया।  

मानसून सामान्य रहने की रिपोर्ट से सेंसेक्स 54 अंक मजबूत

मुंबई। देश में इस साल मानसून सामान्य रहने की भविष्वाणी का शेयर बाजार पर अच्छा प्रभाव पड़ा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में 54 अंक से अधिक तेजी के साथ खुला। निवेशकों ने दुनिया के अन्य बाजारों में कमजोर रूख को तवज्जो नहीं दी और चुनिंदा शेयरों में लिवाली की। आईटी, बिजली, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों की अगुवाई में तीस शेयरों वाला सूचकांक 54.45 अंक या 0.18 प्रतिशत की तेजी के साथ 29,373.55 अंक पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रूख के साथ भू-राजनीतिक तनाव के कारण पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स में 469.25 अंक की गिरावट आ चुकी है। इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 15.35 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,120.50 अंक पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने कल जून-सितंबर तिमाही में मानसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी की। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है।एशिया के अन्य बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रूख रहा। हांगकांग का हैंगसेंग 0.72 प्रतिशत जबकि जापान का निक्की 0.09 प्रतिशत नीचे आये। 

चीनी पर स्टॉक लिमिट 6 महीने के लिए बढ़ी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है,  पिछले साल अप्रैल में सरकार ने चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाने की घोषणा की थी जिसके तहत 30 दिन के लिए 500 टन से ज्यादा का स्टॉक रखने की इजाजत नहीं है, कोलकाता के कारोबारियों के लिए 30 दिन के लिए 1,000 टन चीनी का स्टॉक रखने की इजाजत है। पहले यह स्टॉक लिमिट 30 सितंबर 2016 तक लागू की गई थी लेकिन बाद में इसे और 6 महीने के लिए बढ़ाकर इस साल अप्रैल अंत तक लागू कर दिया था। अब क्योंकि स्टॉक लिमिट की अवधि खत्म होने जा रही थी ऐसे में सरकार ने इसे और 6 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इस साल देश में सिर्फ 203 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत करीब 240-250 लाख टन के बीच रहती है, पिछले साल का हालांकि करीब 77 लाख टन स्टॉक बचा हुआ है लेकिन फिर भी सप्लाई को लेकर आशंका जताई जा रही है और इसी आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने 5 लाख टन ड्यूटी फ्री चीनी के आयात को मंजूरी दी हुई है। 

ट्रेन के एसी कोच में नहीं लगेगी ज्यादा सर्दी या गर्मी

 -दिनेश माहेश्वरी कोटा। वातानुकूलित ट्रेन में अब आप यात्रा के दौरान पसीने से तर-बतर नहीं होंगे। रात के समय ज्यादा कूलिंग के कारण ठिठुरने की मजबूरी भी नहीं होगी। आपको इन समस्याओं से निजात के लिए अगले स्टेशनों के आने का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। कोच एटेंडेंट से भी इसके लिए बार-बार जाकर गुजारिश करने की आवश्यकता नहीं होगी। दरअसल, रेलवे ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है, जिससे कोच का वातानुकूलित मेकेनाइज्ड तरीके से कंट्रोल हो सके।  आसानी से होगी ट्रेन के कोच की निगरानी     रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनीटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) तकनीक के तहत ट्रेन के कोच की निगरानी की जाएगी। शुरुआती दौर में राजधानी और शताब्दी ट्रेनों के एयर कंडीशन कंट्रोल पैनल को सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा।  दिल्ली मंडल में सीसीएमएस की सुविधा जून महीने से मिलनी शुरू हो जाएगी। राजधानी, शताब्दी ट्रेनों के बाद लंबी दूरी की अन्य ट्रेनों में भी यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी।      सीसीएमएस दिल्ली रेल मंडल से ही संचालित की जाएगी। सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम से यह पता चलता रहेगा कि किस ट्रेन के किस कोच में तापमान की स्थिति क्या है। अगर एसी ठीक से काम नहीं कर रही है तो अगले स्टेशन पर सूचित कर एसी ठीक करने वालों को जानकारी दी जाएगी। यात्रियों के शिकायत पर भी तुरंत करवाई की जाएगी। इसी तरह कोच में ठीक से रोशनी नहीं मिल रही है तो उसका भी निदान किया जाएगा। हेड ऑन जेनरेशन तकनीक यानी ओवर हेड वॉयर से ट्रेनों के कोच में इलेक्ट्रिक सप्लाई होने से भी सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग करने में आसानी होगी।  

आईएल जैसे पीएसओ के क्लोजर की स्थिति में इनकम टैक्स में छूट होना चाहिए

 आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश पर आयोजित सेमिनार में बोले निवेश गुरू पंकज लड्ढा

कोटा। क्या पीएसओ क्लोजर की परिस्थितियों में आई एल के कर्मचारियों को इनकम टैक्स लगेगा। सभी कर्मचारियों की जिज्ञासा पर यह प्रश्न यूनियन के अध्यक्ष रामू द्वारा पूछा गया। जिसके जवाब में सीए अनंत लड्ढा ने मद्रास हाई कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देता हुए कहा कि वर्ष 1987 से  हिंदुस्तान फोटो फिल्म इंडस्ट्रीज काम नहीं कर रही है।  कर्मचारियों को वीआरएस पैकेज जो 72 माह की सेलेरी के बराबर देने की इच्छा रखती है। इस पर इनकम टैक्स नहीं लगना चाहिए। इस पर  इनकम टैक्स की धारा 10 (10 डी) के तहत छूट मिलनी चाहिए। यह एकमुश्त कन्शेसन इनकम टैक्स की परिभाषा में आता है । वे  तलवण्डी स्थित एक होटल में आयोजित एक सेमिनार में आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश के बारे में जानकारी दे रहे थे। हमें क्या करना चाहिए इसी अवसर पर नीलेश भार्गव ने पूछा हम कर्मचारियों को सरकार उक्त निर्णय के बाद भी टीडीएस काट कर रिटायरमेंट राशि दे रही है।  हमें क्या करना चाहिए  निवेश गुरु पंकज लड्ढा ने कहा कि कर्मचारियों को यूनियन के माध्यम से किसी सीनियर सीए या कर सलाहकार के माध्यम से लिखित में ओपिनियन लेकर मैनेजमेंट से बात करनी चाहिए।  रिटायरमेंट की प्लानिंग करना समझदारी भरा कदम   निवेश गुरू पंकज लड्ढा ने बताया कि हम पूरी जिंदगी डटकर काम करते हैं जिससे हम अपने परविार के साथ सुकून भरी लाइफ जी सकें। लेकिन हम तब तक ही कमा सकते हैं कि जब तक हमारा शरीर साथ देता है। अपने सिक्योर्ड फ्यूचर के लिए समय रहते रिटायरमेंट की प्लानिंग करना बेहद समझदारी भरा कदम है। अक्सर लोग रिटायरमेंट किसी भी सरकारी या निजी कंपनी की स्कीम में अंधाधुंध निवेश कर डालते हैं। लेकिन इसके लिए प्रोपर प्लानिंग के साथ समझदारी पूर्ण निवेश करना बहुत जरूरी है।  30-40 प्रतिशत राशि को बच्चों की शिक्षा पर उन्होंने विस्तार से समझाते हुए कहा कि 30-40 प्रतिशत राशि को बच्चों की शिक्षा पर निवेश करना ठीक रहता है। वहीं शेष राशि का 5 प्रतिशम सोने में 20-30 प्रतिशत एफडी, पोस्ट आॅफिस अथवा म्युचुअल फंड में 20-30 प्रतिशत बेलेंस्ड फण्ड में और शेष राशि इक्विटी म्युचुअल फण्ड में निवेश करना चाहिए। इस प्रकार से संतुलित विनेश करके लगभग 12 प्रतिशत रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। जो अगले 20 वर्षाें तक काम आएगा। उन्होंने कहा कि निवेश करते समय व्यक्ति केवल दिमाग नहीं बल्कि दिल से भी काम लेता है। इस कारण से उसे पोस्ट आॅफिस और एफडी सुरक्षित जान पड़ते है। लेकिन रिटायरमेंट की राशि का निवेश सलाहकार की मदद से करना चाहिए। सीए अनन्त लड्ढा ने कहा कि रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त राशि पर इनकम टैक्स और टीडीएस नहीं लेना चाहिए। मुम्बई से आए मनीष ने मोतीलाल ओसवाल रामदेव अग्रवाल के जीरो से एक हजार करोड के सफर का विस्तृत विवरण पेश किया।   निवेश से भागें  नहीं, बल्कि निवेश में भाग लें  एमए अंसारी ने कहा कि यह समय निवेश से भागने का नहीं है, बल्कि निवेश में भाग लेने का है। सीएल जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एमसी माहेश्वरी, एसके गुप्ता, चन्दालाल वर्मा, महेश लखोटिया, नीलेश भार्गव, ओपी शर्मा, सीएन जैन, रमेश शर्मा, विनोद जाला, शरद गुप्ता, संजय शर्मा, आरएल कौशल, डीके मलिक, सरिता सोगवानी, प्रतिमा, कमला, भावना समेत कईं लोग उपस्थित थे।

4 साल में बनेगी रिफाइनरी, सबसे बड़ा 43 हजार करोड़ रु. का निवेश

जयपुर । प्रदेश में चार साल के भीतर देश की सबसे अत्याधुनिक और बीएस-6 मानक की पहली रिफाइनरी बनकर तैयार हो जाएगी। बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के लिए अगले चार साल में 43,129 करोड़ रु. का निवेश होगा, यह प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है। इसके अलावा यह एचपीसीएल का भी अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। रिफाइनरी के लिए मंगलवार को राज्य सरकार और एचपीसीएल के बीच मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूदगी में करार हुआ। सीएम ने इसका शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया है। मानसून के बाद भूमि पूजन हो सकता है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर राज्य के लोगों के सपने को साकार करने का काम किया है। रिफाइनरी शुरू होने के बाद पश्चिमी राजस्थान में एक नए सुबह की शुरुआत होगी। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि पर्यावरण सहित अन्य स्वीकृतियों दिलाने के लिए राज्य और केंद्र स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाएगा। जिसे प्रत्येक 15 दिन के बाद राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय स्तर वे खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि केयर्न इंडिया को 2030 तक बाड़मेर में क्रूड आयल निकालने की अनुमति दे दी गई है। केयर्न इंडिया की ओर से अगले चार साल में 27000 करोड़ रु. का निवेश किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि इतना बड़ा निवेश आज तक राजस्थान के किसी भी क्षेत्र में नहीं हुआ होगा। इससे केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि सरकार को टैक्स के तौर पर बड़े पैमाने पर आय होगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे रिफाइनरी में स्थानीय युवाओं को ही अधिक से अधिक प्राथमिकता दी जाए और बाहर से लोगों को लाे की जरूरत पड़े। एमओयू पर हस्ताक्षर प्रमुख सचिव पेट्रोलियम अपर्णा अरोड़ा और एचपीसीएल के रिफाइनरी निदेशक विनोद ने किए। उधर, गेल की ओर से तैयार कोटा के सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को आरएसजीएल को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके लिए भी आरएसजीएल के एमडी रवि अग्रवाल और गेल के अफसरों के बीच एमओयू किया गया। नए एमओयू से राज्य को 40 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में रिफाइनरी लगाने के लिए जो एमओयू किया था, उसके अनुसार राज्य सरकार को सालाना अगले 15 साल तक 3637 करोड़ रु. ब्याज मुक्त ऋण देना था। ऐसे में अगले 15 साल में 56 हजार करोड़ रु. देने पड़ते, लेकिन निगोशिएशन के बाद अब 1123 करोड़ में ही ब्याज मुक्त लोन देना पड़ेगा। इससे 40 हजार करोड़ रु. का सीधे तौर पर फायदा हो गया है। हालांकि एक प्रोसेसिंग यूनिट अलग से लगाए जाने के कारण रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल काम्पलेक्स की लागत 37320 करोड़ से 43129 करोड़ हो जाएगी। केेंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि आखिर किस आधार पर सालाना 3637 करोड़ रु. देने का एमओयू किया था। इससे राज्य को 40 हजार करोड़ रु. का नुकसान हो जाता। कीमत जनता को चुकानी पड़ती। रिफाइनरी के वेस्ट मेटेरियल से 262 मेगावाट बिजली उत्पादन रिफाइनरीसे निकलने वाले पेट काक वेस्ट मेटेरियल से 262 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस बिजली का उपयोग रिफाइनरी चलाने के लिए किया जाएगा। रिफाइनरी लगते ही राज्य सरकार को सालाना वैट से 700 करोड़ रु. की अतिरिक्त आय होने लगेगी। राजस्थान से निकलने वाले क्रूड आयल का सेल प्वाइंट गुजरात में बनाया गया था, जिससे वहां की सरकार को 700 करोड़ रु. वैट मिल रहा था। इससे अभी तक लगभग राज्य सरकार को 6000 करोड़ रु. का नुकसान हो चुका है। खास यह था कि रिलायंस को 12 फीसदी कम रेट पर क्रूड आयल उपलब्ध हो रहा है। 
  • नए एमओयू से फायदा
  • रिफाइनरी एवं पेट्रो केमिकल उत्पादों से नए उद्योग विकसित होंगे
  • रिफाइनरी लगने से बाड़मेर और आसपास के जिलों का कायाकल्प होगा
  • 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा रिफाइनरी निर्माण के दौरान
  • 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा रिफाइनरी बनने के बाद प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से
  • 07 सौ करोड़ की सालाना आय क्रूड ऑयल से वैट के तौर पर

 जियो के कस्टमर हैं तो एयर टिकट पर मिलेगा भारी डिस्काउंट

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नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस जियो अपने ग्राहकों के लिए एक खास ऑफर लेकर आई है। अगर आप हवाई यात्रा का प्लान कर रहे हैं तो आपको टिकट बुकिंग में भारी डिस्काउंट का फायदा मिलेगा।  रिलायंस जियो के यूजर्स एयर एशिया के टिकटों पर 15 प्रतिशत डिस्काउंट मिलेगा। जियो के ग्राहक एयर एशिया के मोबाइल ऐप के जरिए यह छूट पा सकते हैं। इस ऑफर के तहत 20 जून 2017 से 30 सितंबर 2017 के बीच यात्रा करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक एयरएशिया इस ऑफर को 2-3 दिन में इसे लॉन्च कर सकता है। कंपनी ने इस ऑफर की जानकारी ट्वीट कर दी थी, हालांकि बाद में उस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। विश्लेषकों के मुताबिक, इस स्कीम का लक्ष्य जियो की उस रणनीति को मजबूत करना है जिसके तहत कंपनी अपने ग्राहकों के साथ-साथ अपनी प्रतिद्वंद्वी टेलिकॉम कंपनियों के ज्यादा खर्चीले ग्राहकों को जोड़ने पर जोर लगा रही है।  जियो के लगातार शानदार ऑफरों के चलते एयरटेल, आइडिया सेल्युलर और रिलायंस कंम्यूनिकेशन जैसी टेलिकॉम कंपनियां का जनवरी-मार्च तिमाही में कमजोर प्रदर्शन रहेगा। लेकिन अब ट्रैवल, एंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों में जियो के डिस्काउंट ऑफर्स से टेलिकॉम इंडस्ट्री को जियो के कड़ी टक्कर मिलेगी।