जीएसटी से छोटी व मझोली कारें महंगी होंगी

नई दिल्ली। आगामी एक जुलाई को देश में जीएसटी लागू होने के बाद छोटी और मझोले आकार की कारों की कीमत कुछ बढ़ सकती है क्योंकि इन पर टैक्स की दर थोड़ी बढ़ जाएगी। हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद कम से कम दस केंद्रीय व राज्य स्तरीय टैक्स खत्म हो जाएंगे। जीएसटी लागू होने पर तमाम तरह की वस्तुएं और सेवाएं टैक्स के लिहाज से चार स्लैबों में बंटी होंगी।ये दरें 5, 12, 18 और 28 फीसद होंगी। इस समय जिस रेट पर टैक्स लगता है, उसके  निकटतम स्लैब में उस वस्तु को रखा जाएगा। इस समय राज्यों में छोटी कारों पर 14.5-15 फीसद वैट लगता है और 12.5 फीसद उत्पाद शुल्क लगता है। ये जोड़कर कुल 27-27.5 फीसद टैक्स बनता है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस लिहाज से निकटतम स्लैब 28 फीसद होगा। इस तरह छोटी कारों पर टैक्स बढ़कर 28 फीसद हो जाएगा। इसी तरह 1500 सीसी तक की मझोले आकार वाली कारों पर 24 फीसद उत्पाद शुल्क और 14.5 फीसद वैट लागू है। इस तरह इन कारों पर कुल टैक्स 38.5 फीसद है। जीएसटी की अधिकतम दर 28 फीसद टैक्स ही इन कारों पर लगेगा लेकिन इन पर राज्यों को मुआवजा देने के लिए लगने वाला सेस भी लगेगा। इसे जोड़कर जो भी निकटतम स्लैब होगा, उसी दर से टैक्स लगेगा। जीएसटी कानून में प्रावधान है कि अवगुणी और लक्जरी वस्तुओं पर अधिकतम टैक्स रेट के अलावा सेस लगाया जा सकता है। इस कैटागरी में पान मसाला, तंबाकू उत्पाद और कुछ श्रेणी के वाहन आएंगे। सेस से एकत्रित धन से राज्यों को जीएसटी के नुकसान की भरपाई की जाएगी। राज्यों को अगले पांच साल तक जीएसटी राजस्व के नुकसान की भरपाई की जानी है। अधिकारी के अनुसार जीएसटी मुआवजा कानून के तहत 15 फीसद तक सेस लगाया जा सकता है। उच्चतम टैक्स रेट में सेस जोड़कर कुल टैक्स की दर तय होगी। सेस की दर इस तरह तय होगी कि कार पर टैक्स की कुल दर मौजूदा रेट के आसपास ही हो। एसयूवी और 1500 सीसी से बड़ी कारों पर इस समय 27-30 फीसद उत्पाद शुल्क और 14.5 फीसद वैट मिलाकर कुल 41.5-44.5 फीसद टैक्स लगता है। इस वर्ग में 28 फीसद टैक्स के साथ अधिकतम 15 फीसद सेस मिलाकर कुल 43 फीसद टैक्स लगेगा। इस तरह इस वर्ग के कुछ वाहनों पर टैक्स कुछ कम हो सकता है।

गूगल जल्दी ही बदल देगा कॉपी पेस्ट का तरीका

मुंबई। सर्च जाइंट गूगल अपने वेब ब्राउजर क्रोम के एंड्रॉयड वर्जन के लिए नए फीचर की टेस्टिंग कर रहा है। गूगल ने इस फीचर का नाम कॉपीलेस पेस्ट रखा है। इस फीचर के नाम से ही साफ समझ आता है कि इस फीचर में अपको कॉपी करने की जरूरत नहीं होगी।  खबरों के मुताबिक गूगल इस फीचर पर फरवरी से ही काम कर रहा है। अभी ये फीचर केवल टेस्टिंग के लिए है, लेकिन कंपनी इसे मई के अंत तक लॉन्च कर सकती है। लॉन्चिंग के बाद ये फीचर गूगल क्रोम के लेटेस्ट वर्जन पर उपलब्ध होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार कॉपीलेस पेस्ट ऑटोमेटिक पेस्टिंग का फीचर होगा। इसमें क्रोम अपने आप जरूरी जानकारियों को कॉपी कर लेगा और आवश्यकता अनुसार जगहों पर पेस्ट का विकल्प देगा। ब्राउजर आपको पेस्ट करने के लिए सुझाव देगा, जिसे आप इग्नोर भी कर सकते हैं। 

आरआईएल के मुनाफे में 11.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी

मुंबई। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का शुद्घ मुनाफा मार्च 2017 में खत्म हुई चौथी तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 11.5 फीसदी बढ़कर 8,053 करोड़ रुपये रहा। रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन कारोबार के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। मार्च 2016 तिमाही में कंपनी ने 7,220 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का कुल कारोबार 45.2 फीसदी बढ़कर 92,889 करोड़ रुपये रहा।   कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘मजबूत रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन मार्जिन से कंपनी को उच्चतर परिचालन मुनाफा हासिल करने में मदद मिली है। मार्च तिमाही में कंपनी की रिफाइनिंग मार्जिन आठ साल के उच्च स्तर 11.5 डॉलर प्रति बैरल रहा, वहीं पेट्रोरसायन का एबिटा मार्जिन 14 फीसदी रहा, जो पांच साल का उच्च स्तर है।’ जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 11.5 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो दिसंबर तिमाही के 10.8 डॉलर प्रति बैरल से अधिक है।   रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का सालाना मुनाफा 18.8 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 29,901 करोड़ रुपये रहा। रिफाइनिंग और पेट्रो रसायन कारोबार ने रिकॉर्ड मुनाफा अर्जित किया। आने वाले समय में भी इसके कारोबार में अच्छी वृद्घि की संभावनाएं हैं।’ शेयर बाजार में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को पीछे छोड़ते हुए आरआईएल सोमवार को बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई।

अब कोई भी बोर्ड 12वीं में नहीं देगा बढ़ाकर मार्क्स

नई दिल्ली। CBSE सहित सभी स्टेट एजुकेशन बोर्ड्स ने मिलकर तय किया है कि इस साल से कोई भी बोर्ड 12वीं एग्जाम में मार्क्स मॉडरेट नहीं करेगा। यानी नंबर बढ़ाकर नहीं दिए जाएंगे। साथ ही इस पर भी सहमति बन गई है कि बोर्ड्स चाहें तो पास करने के लिए दिए जाने वाले ग्रेस मार्क्स जारी रख सकते हैं लेकिन सभी बोर्ड्स को स्टूडेंट की मार्कशीट पर इसका जिक्र करना होगा साथ ही अपने पोर्टल में बताना होगा कि ग्रेस मार्क्स का क्या सिस्टम है। HRD मिनिस्ट्री के स्कूल एजुकेशन सेक्रेटरी अनिल स्वरूप की मौजूदगी में CBSE सहित सभी स्टेट बोर्ड के प्रतिनिधियों की मीटिंग हई। CBSE ने HRD मिनिस्ट्री से अपील की थी कि मॉडरेट मार्किंग और ग्रेस मार्क्स को लेकर सभी बोर्ड की एक समान व्यवस्था होनी चाहिए।CBSE ने HRD को भेजे अपने प्रपोजल में कहा था कि सभी एजुकेशन बोर्ड मिलकर मॉडरेट मार्किंग और ग्रेस मार्किंग को खत्म करें क्योंकि अगर सिर्फ CBSE ऐसा करेगा तो इससे CBSE से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को कॉलेज में ऐडमिशन के वक्त नुकसान होगा। अनिल स्वरूप ने लेन-देन न्यूज़ को बताया कि मीटिंग में सभी एजुकेशन बोर्ड के बीच यह सहमति बन गई है कि इस साल से कोई भी बोर्ड 12वीं में मॉडरेट मार्किंग नहीं करेगा। स्टूडेंट्स की आंसर शीट के हिसाब से ही नंबर दिए जाएंगे और ऐसे ही किसी के नंबर नहीं बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ग्रेस मार्क्स पर यह तय किया गया है कि जो भी एजुकेशन बोर्ड चाहें वे स्टूडेंट्स को पास करने के लिए ग्रेस मार्क्स जारी रख सकते हैं लेकिन उन्हें इसके लिए एक पारदर्शी व्यवस्था बनानी होगी। इस व्यवस्था की पूरी जानकारी बोर्ड को अपने पोर्टल में भी देनी होगी ताकि सब लोग जान सकें कि किसी को ग्रेस मार्क्स दिए जा रहे हैं तो किस आधार पर दिए जा रहे हैं। साथ ही ग्रेस मार्क्स देने वाले सभी एजुकेशन बोर्ड को स्टूडेंट की मार्कशीट पर साफ तौर पर यह लिखना होगा कि कितने ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। अभी तक कोई बोर्ड ऐसा कर रहा था और कोई ऐसा नहीं कर रहा था। स्वरूप ने बताया कि मीटिंग में सभी स्टेट एजुकेशन बोर्ड ने इस पर भी सहमति जताई कि उन्हें NCERT के करिक्यूलम को फॉलो करना चाहिए। इस पर सहमति बनी कि कम से कम सायेंस और मैथ्स जैसे सब्जेक्ट, जो स्टेट स्पेसिफिक नहीं होते उनमें सभी एजुकेशन बोर्ड NCERT के करिक्यूलम को ही लागू करें। स्वरूप ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही यह लागू हो जाएगा। मॉडरेट मार्किंग बंद करने को लेकर सभी एजुकेशन बोर्ड इस पर सहमत थे कि इसे सभी बोर्ड में एकसाथ लागू करके ही फायदा है। पिछले साल यह फैक्ट सामने आने के बाद CBSE की आलोचना भी हुई कि CBSE ने 12वीं के बोर्ड एग्जाम में मैथ्स में अधिकतम 16 मार्क्स तक बढ़ाकर दिए हैं। मॉडरेट मार्किंग की वजह से छह साल में CBSE में 95 पर्सेंट या इससे ज्यादा मार्क्स लाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 23 गुना बढ़ी है। 2008 में जहां 384 स्टूडेंट्स को 95 पर्सेंट या इससे ज्यादा मार्क्स मिले थे, वहीं 2014 में ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या 8971 रही।

आईफोन 7 पर 20,000 रुपए का डिस्काउंट

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नई दिल्ली। जी हां, आईफोन पर 20,000 रुपए का डिस्काउंट आपने सही सुना। फ्लिपकार्ट अपनी एप्पल डे सेल के तहत आईफोन, मैकबुकप्रो, ऐपल वॉच और एप्पल के दूसरे उत्पादों पर जबरदस्त डिस्काउंट दे रहा है। आपके पास यह मौका सिर्फ तीन दिन है। सोमवार को यह सेल शुरू हुई है और बुधवार तक चलेगी। इस सेल में सबसे बड़ा डिस्काउंट आईफोन 7 256GB वेरियंट पर 20,000 रुपए का डिस्काउंट है। इस सेल के तहत फ्लिपकार्ट से आईफोन-7 256GB सिल्वर, ब्लैक, जेट ब्लैक , गोल्ड और रोज गोल्ड कलर में 59,999 में खरीदा जा सकता है। यही नहीं यहां पर दूसरे डिस्काउंट भी उपलब्ध हैं। अगर आप अपना फोन एक्सचेंज करवाते हैं तो 19 हजार रुपये तक का अतिरिक्त डिस्काउंट भी मिल सकता है। लेकिन यह आपके फोन पर निर्भर करेगा। यही नहीं एक्सिस बैंक बज क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने पर आपको 5 पर्सेंट एक्सट्रा ऑफर भी मिलेगा। इसके अलावा आईफोन 6 16GB को 25,990 में खरीदा जा सकता है और इस पर एक्सिस बैंक का ऑफर शामिल होगा। इसके साथ ही आईफोन-6s, आईफोन एसई और आईफोन 5s पर भी डिस्काउंट मिल रहे हैं।  एप्पल मैकबुक एयर की बात करें तो यह 54,990 में एक्सिस बैंक बज क्रेडिट कार्ड ऑफर के साथ खरीदा जा सकता है। नई ऐपल मैकबुक प्रो रेंज पर 15 हजार रुपये तक का एक्सचेंज ऑफर है। इसके साथ ही एप्पल को दूसरे प्रॉडक्ट जैसे आईपोड, आईपोड डिवाइस, बीट्स हेडफोन और दूसरे एक्सेसरीज भी उपलब्ध हैं। 

पुर्तगाल में लाॅन्च होगी उड़ने वाली कार, ट्रैफिक की टेंशन से मिलेगा छुटकारा

पुर्तगाल। ट्रैफिक की समस्या से  छुटकारा पाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञ उड़ने वाली कार बनाने की कोशिश में लगे हैं। और इसी कड़ी में पुर्तगाल में एक स्टार्ट-अप कंपनी ने इसे पेश करने में सफलता पा ली है।पुर्तगाल में कंपनी अब जल्द ही उड़ने वाली कार को लाॅन्च करने की तैयारी में हैं। इस कार का परीक्षण भी सफलतापूर्वक कर लिया गया है। इस कार में विमान की तरह तीन पहिए लगे हैं। इसके ऊपर हेलिकॉप्टर की तरह दो ब्लेड वाला फोल्डिंग पंखा है। कार में पीछे प्रोपेलर लगे हैं जो इसे हवा में आगे बढ़ाते हैं। इसमें हवाई और सड़क यातायात के नियमों का ध्यान भी रखा गया है। इसमें 100 हॉर्स पॉवर के दो इंजन लगे हैं जो कि सुरक्षा की दृष्टि से हैं। यह कार हवा में 177 किलोमीटर प्रति घंटा और सड़क पर 161 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है। इसे सड़क से हवा में जाने में 10 मिनट का समय लगता है। इस कार में पायलट के अलावा दो लोग बैठ सकते हैं। इसके बेसिक मॉडल की कीमत है चार लाख डॉलर (करीब 2.57 करोड़ रुपये) है।

’’मेरी आँखों से राजस्थान’’ फोटोग्राफी प्रतियोगिता, जीतें 4 लाख रुपये तक के पुरस्कार

कोटा। राजस्थान फोरम द्वारा आयोजित फोटोग्राफी की अनोखी प्रतियोगिता ’’मेरी आँखों से राजस्थान’’ में भाग लेकर आप 4 लाख रुपये तक का पुरस्कार  जीत सकते है। राजस्थान फोरम द्वारा श्री सीमेंट के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिभागी को राजस्थान के किसी भी क्षेत्र की खूबसूरती को दर्शाते हुये फोटोग्राफ्स को क्लिक कर अपनी श्रेष्ठ फोटोग्राफ्स को राजस्थान फोरम की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इन प्रतिष्ठियों के आधार पर निर्णायक मंडल द्वारा विजेताओं की घोषणा की जायेगी। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत 1 लाख रुपये का एक प्रथम पुरस्कार , 50-50 हजार रुपये के दो द्वितीय पुरस्कार , तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 4 प्रतिभागियों को 25 हजार रुपये तथा चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले 10 प्रतिभागियों को 10 हजार रुपये, पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये जायेंगें। प्रतियोगिता के बारें में जानकारी देते हुये राजस्थान फोरम के सदस्य संदीप भूतोड़िया ने बताया, ’’राजस्थान की पहचान इसकी बेहद प्रशंसनीय कला व संस्कृति से रही है और राजस्थान फोरम का उद्देश्य अपने विविध कार्यक्रमों द्वारा राज्य की कला व संस्कृति को पहचान व मजबूती दिलाना रहा है। इस बार फोटोग्राफी प्रतियोगिता का चयन किया है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को कैमरे के जरिये इस प्रदेश को देखने का एक अलग नजरिया है। प्रतिभागी किसी भी तरह की फोटोग्राफ्स खींच सकते है। इसमें किसी भी तरह की बंदिश नहीं है। फोटोग्राफ्स वाइल्ड लाइफ, हैरिटेज या किसी भी क्षेत्र की हो सकती है।’’इस प्रतियोगिता की निर्णायक समिति में फोटोग्राफर और ज्वैलर सुधीर कासलीवाल, राजनेता व सामाजिक कार्यकर्ता बीना काक, पूर्व पर्यटन मंत्री ऊषा पूनिया तथा गायिका ईला अरूण सम्मिलित है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये आप सभी अपनी फोटोग्राफ्स की एंट्रीज़ 15 मई तक यहां पर पर अपलोड कर सकते है। यहां पर क्लिक करें   

बिकने की कगार पर स्‍नैपडील, कलारी कैपिटल ने सॉफ्टबैंक से मिलाए हाथ

मुंबई। ऑनलाइन रिटेल कंपनी स्नैपडील के शुरुआती निवेशकों में से एक कलारी कैपिटल ने प्रतिद्ंवद्वी कंपनी फ्लिपकार्ट को बेचनी के लिए हरी झंडी दिखा दी है। सॉफ्टबैंक कलारी समेत कई निवेशकों को मनाने की जुगत में लगा है। इस डील की कीमत करीब 1 बिलियन डॉलर (करीब 6.44 हजार करोड़ रुपये) बताई जा रही है। कलारी कैपिटल इस डील के समर्थन में नहीं थी, मगर प्राप्त खबरों के अनुसार वो भी सॉफ्टबैंक के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है। “कलारी कैपिटन अब साथ आ गए हैं। वो समझ रहे हैं कि सॉफ्टबैंक से साथ काम करना बेहतर रहेगा।” जैस्पर की कंपनी स्नैपडील को खरीदने के लिए सॉफ्टबैंक को अब दो और निवेशकों की मंजूरी चाहिए। गौरतलब, है कि सॉफ्टबैंक ‘पेटीएम’ में भी निवेश करने का विचार कर रहा है। सॉफ्टबैंक अभी तक ओला, ओयो रूम्स, ग्रोफर्स जैसी कंपनियों में 2 बिलियन डॉलर (करीब 12.88 हजार करोड़ रुपये) का निवेश कर चुका है।

तुअर दाल पर आयात शुल्क बढ़ेगा, 25 प्रतिशत होने की संभावना

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नई दिल्‍ली । खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय तुअर (अरहर) दाल पर आयात शुल्क की दर 10 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि हम यह कदम किसानों के हक में उठाना चाहते हैं।  पासवान का यह बयान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ उनकी बैठक के बाद आया है। इस बैठक में फड़णवीस ने तुअर दाल पर सीमा शुल्क बढ़ाने की मांग की। उनका कहना था कि रिकॉर्ड उत्पादन की वजह से किसानों को इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने पिछले महीने घरेलू उत्पादकों के संरक्षण के लिए तुअर दाल पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया था। बैठक के बाद पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि तुअर दाल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाए। मैं भी इसके पक्ष में हूं कि तुअर पर आयात शुल्क ऊंचा होना चाहिए। हम इस पर विचार-विमर्श कर वित्त मंत्रालय से इसकी सिफारिश करेंगे।’ पासवान ने कहा कि खाद्य मंत्रालय ने तुअर दाल के आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था लेकिन यह सिर्फ 10 प्रतिशत लगाया गया। उन्होंने कहा कि सस्ती आयातित दाल की बिक्री पर अंकुश के लिए ऊंचा आयात शुल्क जरूरी है। मंत्री ने कहा कि सरकारी एजेंसियां बफर स्टॉक के लिए दालों की खरीद कर रही हैं। यह खरीद एमएसपी पर की जा रही है और खरीफ की दलहन खरीद की समयसीमा 22 अप्रैल है। बैठक में फड़णवीस ने दलहन खरीद की समयसीमा भी बढ़ाने की मांग की जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया। केंद्र का कहना है कि किसान अब अपनी खरीफ की उपज नहीं ला रहे हैं। सिर्फ व्यापारी और आयातक ही ऐसा कर रहे हैं। इसलिए समयसीमा बढ़ाने की जरूरत नहीं है। 

भारतीय आम की ऑस्ट्रेलिया में डिमांड

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मेलबॉर्न। यदि भारतीय आम ऑस्ट्रेलिया के जैवसुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं तो भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को आमों का निर्यात कर सकता है। इस निर्यात की संभावना दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल को संशोधित किए जाने के बाद बनी है ताकि भारतीय आमों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में इस्तकबाल का मौका मिल सके। ऑस्ट्रेलियाई मैंगो इंडस्ट्री एसोसिएशन के रॉबर्ट ग्रे ने कहा कि भारतीय आमों को ऑस्ट्रेलियाई आमों का मौसम निकल जाने के बाद बेचा जाएगा। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के अनुसार ग्रे ने कहा, ‘वैश्विक व्यापार में हिस्सेदार के तौर पर यदि हम ऑस्ट्रेलियाई आमों के निर्यात के लिए विश्व के अन्य देशों में जाना चाहते हैं तो हमारा कदम यह है कि दूसरे देशों से आने वाले फल सुरक्षित हों और किसी भी तरह के कीटनाशक या बीमारी को लेकर यहां न आ रहे हों, तभी हम दूसरे देशों को अपने बाजारों में आने की अनुमति दे सकते हैं।’ पिछले सालों में मैक्सिको, फिलीपींस और पाकिस्तान ने अपने आम ऑस्ट्रेलिया भेजे हैं। ग्रे ने कहा कि भारत ने अमेरिका को भी आमों का निर्यात शुरू किया है लेकिन यह जानना बहुत मुश्किल है कि ऑस्ट्रेलिया में यह कितनी मात्रा में आते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत एक बहुत बड़ा आम उत्पादक देश है। उनका आम निर्यात कारोबार हमारी तरह ही है। भारत ऐसे बाजारों को लक्ष्य करेगा जहां वह उच्च मूल्य वाले उत्पादों की छोटी-छोटी मात्रा को बेच सके।’ इस रपट में केबी एक्सपोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी कौशल खाखर के हवाले से कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया को सारा निर्यात हवाई मार्ग से किया जाएगा। प्रारंभ में उनकी कंपनी का ध्यान अल्फांसो और केसर की किस्म को निर्यात करने पर होगा।