Stock Market: ऑपरेशन सिंदूर से शेयर बाजार गुलजार, सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी

नई दिल्ली। Stock Market: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे पर भारतीय सशस्त्र बलों के सटीक हमलों के बाद भारतीयर शेयर बाजार फोकस में है। शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई थी।

हालांकि, बाजार खुलने के मिनटों में ही सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी आ गई। बाजार के निवेशक भी ऑपरेशन सिंदूर को सलामी दे रहे हैं। सेंसेक्स सुबह 9:30 बजे 80,761.92 अंक पर पहुंच गया। इसमें 120.85 अंक यानी 0.15 % की तेजी दर्ज की गई। वहीं, निफ्टी 52.80 (0.22%) अंक चढ़कर 24,432.40 पर कारोबार कर रहा है।

बता दें कि इससे पहले बीएसई सेंसेक्स आज 180.48 अंक टूटकर यानी 0.22% गिरावट के साथ 80,460.59 अंक पर ओपन हुआ था। वहीं, एनएसई निफ्टी में 25.60 अंक यानी 0.11% गिरावट के साथ पर 24,354.00 पर ओपन हुआ था। बता दें कि इससे पहले GIFT निफ्टी ने हल्की नकारात्मक शुरुआत का संकेत दिया है। सुबह 7:03 बजे तक, GIFT निफ्टी 104 अंक या 0.43% की गिरावट के साथ 24,308 पर था।

एशियाई बाजार
संभावित अमेरिकी-चीन ट्रेड बातचीत के कारण एशियाई बाजारों में तेजी रही। जापान के निक्केई 225 में 0.22% की वृद्धि हुई, जबकि टॉपिक्स में 0.38% की वृद्धि हुई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.32% की वृद्धि हुई और कोसडैक में 0.7% की गिरावट आई। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स फ्यूचर्स ने बढ़त के संकेत दिए।

कल कैसा था बाजार का हाल
बता दें कि बैंकिंग एवं पेट्रोलियम शेयरों में मुनाफावसूली आने और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने के कारण को स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट थी। सेंसेक्स 156 अंक फिसल गया, जबकि निफ्टी में 82 अंक की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स दो दिन की बढ़त को रोकते हुए 155.77 अंक यानी 0.19 प्रतिशत गिरकर 80,641.07 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 315.81 अंक गिरकर 80,481.03 अंक पर आ गया था। एनालिस्ट्स ने कहा कि नीतिगत दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय से पहले और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता पर चिंताओं से कारोबारी गतिविधियां सीमित दायरे में रहीं। बता दें कि पहलगाम अटैक के बाद भारतीय शेयर बाजार में लगातार अच्छी तेजी देखी गई है।

विदेशी निवेशक लगातार खरीद रहे भारतीय शेयर
विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार 14 सेशंस से भारतीय इक्विटी बाजारों में शुद्ध खरीदार बने हुए हैं, मंगलवार को एक और ₹3,800 करोड़ की शुद्ध खरीद हुई। पिछले 14 कारोबारी सत्रों में, विदेशी संस्थानों ने भारतीय इक्विटी में लगभग ₹45,000 करोड़ का निवेश किया है।

भारत की एयर स्ट्राइक से थर्राया पाक; जैश, लश्कर और हिजबुल के आतंकी अड्डे तबाह

नई दिल्ली। Operation Sindoor Updates: भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एयरस्ट्राइक की है। एक साथ 9 ठिकानों पर हमला किया गया है। सरकार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों पर हमला किया गया। बयान में कहा गया है कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।

भारत ने आधी रात को पाकिस्तान की सरहद में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर ऑपरेशन सिंदूर अंजाम दिया। आतंकियों के खिलाफ स्ट्राइक में भारत के पराक्रमी जवानों ने आतंक के अड्डों को चकनाचूर कर दिया। राफेल विमानों से की गई एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के ‘जश-शुभानअल्लाह’ ठिकाने और लश्कर के ‘मरकज-ए-तैयबा’ कैंप को निशाना बनाया गया। सूत्रों की मानें तो यहीं पर 26/11 के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। अब ये ठिकाने सिर्फ नक्शों में बचे हैं।

भारत के पराक्रमी जवानों ने पाकिस्तान के चार और पीओके के पांच ठिकानों पर हवाई हमला किया। मुरीदके और सियालकोट में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप भी तबाह किए गए हैं। भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बड़े अड्डे मरकज-ए-तैयबा को निशाना बनाया।

यह वही मुख्यालय है जहां 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने सोमवार देर रात लाहौर के पास मुरिदके में स्थित मरकज़-ए-तैयबा पर स्कैल्प मिसाइल से सटीक हमला किया। इस हमले में लश्कर की इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है।

भारत की एयर स्ट्राइक में आतंकी मसूद के कई गुर्गे घायल हो गए हैं 

पाकिस्तान के 9 ठिकानों पर जोरदार एयर स्ट्राइक
भारत ने पाकिस्तान और पीओके के अंदर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इसमें आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर के ठिकाने शामिल हैं। अब तक की अपडेट के मुताबिक भारत ने मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर और शकरगढ़ में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर नजर रखी। भारतीय सेना ने बुधवार की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (Pok) में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। यह हमला भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई हाल ही में हुए बर्बर पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया और पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी शिविरों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।

पाकिस्तान और पीओके में की एयर स्ट्राइक
भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में उनकी भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से हमलों के लिए स्थान का चयन किया था। हमलों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की तीनों सेनाओं की सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें लोइटरिंग हथियार भी शामिल थे। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हमलों के निर्देशांक खुफिया एजेंसियों द्वारा मुहैया कराए गए थे। हमले भारतीय धरती से ही किए गए।

MOCK DRILL: कोटा में डिफेंस मॉकड्रिल आज, सायरन बजने पर जो जहां है रूक जाए

कोटा। CIVIL DEFENCE MOCK DRILL: देश में युद्ध के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का अभ्यास कराने के लिए शहर में बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान दिन में सायरन बजाया जाएगा, इसमें व्यक्ति जिस जगह पर है, वहीं थम जाना चाहिए।

वहीं रात के समय में सायरन बजने पर ब्लैकआउट होगा। तब वाहनों की लाइट भी बंद करनी है। जो व्यक्ति जिस जगह रुका हुआ है, उसे वहीं रुक जाना है। यह प्रारंभिक मॉकड्रिल है। इस तरह की मॉक​ ड्रिल लगातार चलती रहेगी।

फिलहाल, इस मॉक ड्रिल में इमरजेंसी सर्विसेज को छूट दी गई है, जबकि नगर निगम और यूआईटी की स्ट्रीट लाइटों को भी बंद किया जाएगा। शहर में नौ जगहों पर सायरन लगाए गए हैं । कंट्रोल रूम से सूचना देने का प्रावधान रखा गया है।

जिला कलेक्टर डॉ. गोस्वामी ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान इस तरह की मॉकड्रिल हुई थी। इसको 54 साल हो गए हैं। कोटा और रावतभाटा को ए कैटेगरी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोटा की श्रेणी में बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि शहर के व्यापार मंडलों, संस्थाओं और धर्मगुरुओं से भी रिक्वेस्ट की गई है कि मॉक ड्रिल की सूचना को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करें।

डॉ. गोस्वामी ने कहा कि दुश्मन देश जब एयर अटैक करता है तो उसके लिए तैयार रहना है। सिविल डिफेंस की यह मॉक ड्रिल है। यह पहली बार नहीं है, इसके बाद लगातार हम करेंगे। ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का मतलब है कि हम अभ्यास करेंगे कि कभी ऐसी घटना हो तो किस तरह से हमें रेस्पॉन्ड करना है।

आम जनता से अपेक्षा की जाती है कि जब सायरन बजे, तब सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं. बाहर या ऐसे स्ट्रक्चर के आसपास नहीं रहे, जो गिर सकते हैं। किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं दें। आधिकारिक सूचनाओं पर ही फोकस रखें।

एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि मॉक ड्रिल का सायरन दिन में भी बजेगा, तब जनता सुरक्षित स्थान पर रहे। उन्हें केवल यही करना है। दूसरा रात में जब सायरन बजेगा, तब ब्लैकआउट का होगा। अपने आसपास की सभी लाइटों को बंद कर देना।

क्योंकि जब भी अटैक होता है, तब दुश्मन देश के एयरक्राफ्ट को लाइटों की वजह से अटैक करने में मदद मिलती है। हमें इंतजार नहीं करना है, त्वरित रिस्पांस करना है। यह एक तरह का अभ्यास है, ताकि इसकी एफिशिएंसी बिल्कुल अच्छी हो और इसकी गुणवत्ता बढ़ जाए।

आज आपको यह करना है

घबराएं नहीं। बच्चों को अवश्य जागरूक करें। हवाई हमले से बचाव की चेकलिस्ट मोबाइल में सेव करके रखें।

हमले के बाद क्या करें

  1. बाहर तभी निकलें जब सरकारी निर्देश मिले
  2. घायल हों तो प्राथमिक उपचार करें
  3. संदिग्ध वस्तु या बम दिखे तो छुए नहीं — पुलिस को सूचित करें।

अलर्ट और सतर्कता

  1. एयर रैड सायरन की आवाज़ पहचानें
  2. मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट सुनें
  3. अफवाहों पर विश्वास न करें, केवल आधिकारिक सूचना पर ध्यान दें।

सुरक्षित स्थान (शरणस्थल)

  1. निकटतम बंकर या शरणस्थल की जानकारी रखें
  2. अपने घर में मजबूत, बिना खिड़की वाला कमरा तैयार रखें
  3. शरणस्थल तक जल्दी पहुँचने का रास्ता पहले से तय करें

जरूरी वस्तुएँ तैयार रखें

  1. पीने का पानी (कम से कम 3 दिन का)
  2. सूखा भोजन (बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स आदि)
  3. प्राथमिक चिकित्सा किट
  4. टॉर्च और एक्स्ट्रा सेल
  5. पोर्टेबल रेडियो
  6. जरूरी दस्तावेज़ (ID, मेडिकल रिपोर्ट, बैंक डिटेल्स)
  7. मोबाइल चार्जर / पावर बैंक

अंधेरा और सुरक्षा

  1. रात में सभी लाइटें बंद रखें (ब्लैकआउट)
  2. खिड़कियों पर मोटे पर्दे, काले कागज़ या ब्लाइंड लगाएँ
  3. शीशे से दूर रहें, ज़मीन पर लेट जाएँ

अभ्यास और तैयारी

  1. परिवार के साथ हवाई हमले की ड्रिल करें
  2. बच्चों को सुरक्षित स्थान और प्रक्रिया सिखाएँ
  3. पड़ोसियों के साथ आपसी सहयोग सुनिश्चित करें

चना महंगा हुआ तो पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा बढ़ेगी

नई दिल्ली। सरकार ने संकेत दिया है कि यदि देसी चना का घरेलू बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचा रहता है और बफर स्टॉक के लिए अपेक्षित मात्रा में इसकी खरीद संभव नहीं होती है तो पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि चना का एमएसपी इस बार 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि थोक मंडी भाव इसके आसपास या इससे ऊपर चल रहा है।

जिन मंडियों में दाम घटकर एमएसपी से नीचे आया है वहां इसकी सरकारी खरीद हो रही है मगर इसकी मात्रा कम एवं गति धीमी देखी जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों में इस बार 28 लाख टन चना खरीदने की स्वीकृति दी जा चुकी है। पीली मटर को देसी चना का एक बेहतर विकल्प माना जाता है। दिसम्बर 2023 से ही देश में इसका शुल्क मुक्त आयात हो रहा है। इसकी समयावधि कई बार बढ़ाई गई।

अंतिम बार मार्च 2025 में इसके शुल्क मुक्त आयात की समयसीमा को 31 मई 2025 तक बढ़ाया गया। हालांकि उद्योग- व्यापार संगठन सरकार से पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को 31 मई से आगे नहीं बढ़ाने तथा 1 जून 2025 से इस पर कम से कम 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने का आग्रह कर रहा है

ताकि इसका आयात मूल्य चना के एमएसपी के आसपास रह सके लेकिन सरकार का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता घरेलू बाजार में दाल-दलहनों की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने की है। चना की सरकारी खरीद का अभियान अभी जारी है।

यदि 20 मई तक खरीद में अच्छी प्रगति हुई तो पीली मटर पर आयात शुल्क लगाने की संभावना बढ़ जाएगी अन्यथा सरकार को मौजूदा आयात नीति को बरकरार रखने का निर्णय लेना पड़ सकता है। पीली मटर का आयात कनाडा एवं रूस सहित कुछ अन्य देशों में होता है। चना पर 11 प्रतिशत का आयात शुल्क पहले ही लगाया जा चुका है।

Spices Prices: सीमाओं पर तनाव से जीरा, धनिया समेत अधिकांश मसालों में मंदी

नई दिल्ली। Spices Price: सीमाओं पर तनाव एवं युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने के कारण मसालों का निर्यात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। हालांकि आशा थी कि जून माह में ईद का पर्व होने के कारण मई माह के दौरान मसालों का निर्यात व्यापार अच्छा रहेगा। लेकिन भारत पाक के बीच बढ़ते तनाव के चलते ऐसा नहीं हुआ।

सूत्रों का कहना है कि निर्यातकों को डर सता रहा है कि अगर युद्ध शुरू हो जाता है तो सप्लाई किए गए माल की पेमेंट भी फंस सकती है। जिस कारण से निर्यात व्यापार ठप्प पड़ गया है।

जीरा
जीरा कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर आवक काफी कम रह गई है लेकिन लोकल मांग के अलावा निर्यात मांग का अभाव होने के कारण आज भी कीमतों में 100/200 रुपए का मंदा रहा। वायदा में भी मई का भाव 645 रुपए एवं जून का भाव 595 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। अभी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।

हल्दी
हल्दी बाजार भी मंदी की चपेट में है। निजामाबाद, इरोड, सांगली लाइन पर आवक सीमित रह गई है। मराठवाड़ा में भी आवक आशानुरूप नहीं है लेकिन उठाव न होने के कारण भाव लगातार गिर रहे हैं। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर आज भी हल्दी के भाव 100/200 रुपए मंदे के साथ बोले गए। वायदा में मई की हल्दी 184 रुपए एवं जून की 158 रुपए मंदे के साथ बोली गई। उपलब्धता कम होने के कारण धारणा अधिक मंदे की नहीं है।

छोटी इलायची
विगत कुछ समय से छोटी इलायची में भी मंदा बना हुआ है। अभी हाल-फिलहाल तेजी की संभावना भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अगर निर्यात में इजाफा होता है तो कीमतों में तेजी संभव है अन्यथा भाव वर्तमान भावों के आसपास ही घूमते रहेंगे। क्योंकि अनुकूल मौसम के चलते जुलाई माह में आने वाली फसल की स्थिति अच्छी मानी जा रही है।

धनिया
हालांकि व्यापारिक धारणा बाजार में तेजी की है लेकिन मंडियों में आवक घटने के बावजूद कीमतों में नरमी बनी हुई है। क्योंकि सीमाओं पर तनाव को देखते हुए व्यापार सीमित रह गया है। वायदा में भी आज धनिया मई के भाव 98 रुपए एवं जून 108 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। अधिक मन्दा संभव नहीं है। हालात सामान्य होने के पश्चात कीमतों में सुधार संभव है।

कालीमिर्च
मुनाफावसूली बिकवाली एवं कमजोर मांग के कारण कालीमिर्च के दामों में भी मंदा बना हुआ है। विगत एक सप्ताह के दौरान कालीमिर्च के भाव 10/15 रुपए प्रति किलो तक घट चुके हैं अभी बाजार में तेजी की संभावना नहीं है।

लघु उद्योग भारती कोटा की सभी इकाइयों की नवीन कार्यकारिणी की घोषणा

कोटा। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र के सानिध्य में अंचल अध्यक्ष पवन गोयल ने कोटा की सभी इकाइयों के लिए नवीन कार्यकारणी की घोषणा की।

कोटा वृहद् इकाई में अंकुर गुप्ता अध्यक्ष, संदीप जांगीड सचिव, संदीप बाकलीवाल कोषाध्यक्ष मनोनीत हुए। कोटा महिला इकाई में चाँदनी पोद्दार अध्यक्ष, निहारिका गुप्ता सचिव एवं अलका अग्रवाल कोषाध्यक्ष मनोनीत हुई।

कोटा रानपुर इकाई में मनोज अग्रवाल अध्यक्ष, नभ शर्मा सचिव एवं पूरण गुप्ता कोषाध्यक्ष मनोनीत किए गये। कोटा उत्तर इकाई में संजय शर्मा अध्यक्ष, पुष्कल जैन सचिव एवं हिमांशु सुवालका कोषाध्यक्ष मनोनीत हुए।

मनोनयन कार्यक्रम में राष्ट्रीय सलाहकार गोविन्दराम मित्तल, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष महेश गुप्ता, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अचल पोद्दार, विपिन सूद, यशपाल भाटिया, मनोज राठी आदि सदस्य उपस्थित रहे।

Kusum Scheme: नवीकरणीय ऊर्जा के क्षितिज पर चमकता राजस्थान का सूरज

कुसुम योजना में 1 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन क्षमता का बनाया नया कीर्तिमान

जयपुर। सूरज भले ही हर दिन पूरब से उदित होता हो लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सौर ऊर्जा का सूर्य निश्चित तौर पर देश के पश्चिमी राज्य राजस्थान में चमक रहा है। सूर्य भगवान की विशेष कृपा से प्रदेश की सुनहरी रेतीली धरती में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जिनके दोहन के लिए मुख्यमंत्री शर्मा पहले दिन से ही निरंतर प्रयासरत हैं।

राजस्थान को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य की दिशा में पीएम-कुसुम योजना के माध्यम से एक बड़ी कामयाबी मिली है तथा राजस्थान ऐसा अग्रणी राज्य बन गया है जहां इस योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के अन्तर्गत सौर ऊर्जा उत्पादन 1 हजार मेगावाट से अधिक हो गया है।

सौर ऊर्जा का उपयोग कर किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति की दिशा में भी राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है जिससे आज प्रदेश में 1 लाख 70 हजार से अधिक किसानों को दिन में बिजली सुलभ होने लगी है।

पीएम कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के तहत ही 560 ग्रिड कनेक्टेड विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर 70 हजार से अधिक कृषि उपभोक्ताओं को दिन में बिजली दी जा रही है। वहीं इस योजना के कम्पोनेंट-बी में लगभग 1 लाख किसानों के कृषि पम्पों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जा चुका है।

राज्य द्वारा योजना के सफल क्रियान्वयन को देखते हुए भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कुसुम-ए में दो बार में कुल 6 हजार मेगावाट क्षमता के संयंत्रों के अतिरिक्त आवंटन को स्वीकृति दी है तथा कम्पोनेंट-सी में 2 लाख सोलर पम्पों का अतिरिक्त आवंटन किया है। इस प्रकार इस योजना में प्रदेश में लगभग 12 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट स्थापित किए जाने का लक्ष्य रख कार्य किया जा रहा है।

हर दिन ग्रिड से जुड़ रहा एक नया सौर ऊर्जा संयंत्र
पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम तीन सालों में जहां केवल 92 प्लांट ही स्थापित किए जा सके थे। वहीं आज प्रदेश में कम्पोनेंट-सी में लगभग हर दिन औसतन एक नया सौर ऊर्जा संयंत्र ग्रिड से जुड़ रहा है। बीते 6 माह में प्लांटों के क्रियाशील होने की गति में और तेजी आई है। इस अवधि में कम्पोनेंट-ए में 183 मेगावाट क्षमता के 134 तथा कम्पोनेंट-सी में 514 मेगावाट क्षमता के 196 प्लांट स्थापित हुए हैं। यह प्रगति इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि जबसे यह योजना प्रारंभ हुई उसके बाद से ऊर्जा उत्पादन मंे प्रतिदिन औसतन चार से पांच मेगावाट क्षमता की अतिरिक्त बढ़ोतरी हो रही है।

अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बन रहे किसान
योजना के तहत यह प्लांट मुख्यतः राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जहां कृषि कनेक्शन अधिक संख्या में हैं। खेत के समीप भूमि पर लग रहे अधिकतम 5 मेगावाट क्षमता तक के इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से किसानों को खेती से जुड़े कार्यों के लिए दिन में बिजली सुलभ होने लगी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के एक नए युग की शुरूआत हुई है। अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर किसान अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बन रहे हैं जिससे उन्हें आमदनी का एक अतिरिक्त जरिया भी मिला है।

योजना में फीडर लेवल सोलराइजेशन के अन्तर्गत 33/11 केवी ग्रिड सब स्टेशन के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने का प्रावधान है। कंपोनेंट-ए में अधिकतम 2 मेगावाट क्षमता तक तथा कंपोनेंट-सी में अधिकतम 5 मेगावाट क्षमता तक के ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। कंपोनेंट-सी में सौर संयंत्र की स्थापना पर भारत सरकार लागत का अधिकतम 30 प्रतिशत (अधिकतम 1 करोड़ 5 लाख रूपए प्रति मेगावाट) तक अनुदान देती है।

साकार हो रहा किसानों को दिन में बिजली का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वर्ष-2027 तक किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने का संकल्प व्यक्त किया है। इस संकल्प को साकार करने की दिशा में यह योजना महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार द्वारा इसे फ्लैगशिप योजना के रूप में भी सम्मिलित किया गया है।

डिस्कॉम्स द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर सौर संयंत्रों की स्थापना में आने वाली बाधाओं को दूर किया गया। अवॉर्ड जारी होने के बाद पावर परचेज एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने, सौर संयंत्र को 11 केवी एवं 33 केवी प्रसारण लाइनों के माध्यम से ग्रिड से जोड़ने, ट्रªांसफार्मर तथा मीटर से संबंधित स्वीकृतियों के कार्यों, सोलर प्लांट्स के निरीक्षण तथा साइट विजिट्स को विद्युत वितरण निगमों द्वारा निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जा रहा है। साथ ही जिला कलक्टरों को विद्युत लाइन बिछाने की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

छीजत में कमी, कार्बन फुटप्रिंट भी घट रहा
योजना के फलीभूत होने का फायदा विद्युत वितरण निगमों को हुआ है जिन्हें लगभग 3 रूपए प्रति यूनिट की सस्ती बिजली मिल रही है। स्थानीय स्तर पर उत्पादित बिजली का उपयोग स्थानीय स्तर पर ही होने से प्रसारण में होने वाली छीजत भी कम हुई है। साथ ही, कृषि की बढ़ती मांग की आपूर्ति के लिए विद्युत निगमों को अतिरिक्त विद्युत तंत्र विकसित करने की आवश्यकता में भी कमी आई है। डिस्कॉम्स को अब कृषि कार्य के लिए एक्सचेंज से महंगे दाम पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं होती। सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग 1 हजार मेगावाट बिजली अतिरिक्त उत्पादन क्षमता विकसित करने में राज्य सरकार के बजट पर कोई अलग से भार नहीं आया है एवं साथ ही, कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आ रही है।

राजस्थान प्रथम तीन राज्यों में शामिल
योजना के कम्पोनेंट-बी का क्रियान्वयन उद्यानिकी विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत वर्तमान राज्य सरकार द्वारा 39 हजार से अधिक सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है एवं इस दृष्टि से राजस्थान देश में प्रथम तीन राज्यों में है। कम्पोनेंट-बी में किसानों को 3 से 7.5 हॉर्स पावर क्षमता के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापित करने पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

Miss World कॉन्टेस्ट तेलंगाना में आज से, कोटा की नंदिनी करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

कोटा। लगातार दूसरे साल, मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन भारत में होने जा रहा है। 2024 में 71वें मिस वर्ल्ड का आयोजन मुंबई के बांद्रा स्थित जियो सेंटर में हुआ था, जबकि इस साल यह प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता तेलंगाना में आयोजित की जाएगी। 7 मई से शुरू होने वाले इस ग्रैंड इवेंट में 21 वर्षीय नंदिनी गुप्ता भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

मिस वर्ल्ड 2025’ का मंच इस बार तेलंगाना में सजेगा, जहां 120 देशों की खूबसूरत प्रतियोगी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। इनमें से एक हैं भारत की नंदिनी गुप्ता, जो राजस्थान के कोटा से ताल्लुक रखती हैं। 7 मई से 31 मई तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के फिनाले में मौजूदा मिस वर्ल्ड 2024 क्रिस्टीना पिस्जकोवा नई विजेता को ताज पहनाएंगी। लगातार दूसरी बार भारत में होने वाले इस प्रतिष्ठित ब्यूटी पेजेंट में नंदिनी गुप्ता का प्रदर्शन देखने के लिए हर कोई उत्साहित है।

कोटा के कैथून क्षेत्र की रहने वाली नंदिनी गुप्ता ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई मुंबई के लाला लाजपत राय कॉलेज से बिजनेस मैनेजमेंट में की। अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में कई प्रतियोगिताओं और इवेंट्स में हिस्सा लेने वाली नंदिनी एक सफल मॉडल भी रही हैं। पिछले दो वर्षों से वह मिस वर्ल्ड 2025 के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।

दिलचस्प बात यह है कि 71वां मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता पहले दुबई में आयोजित होने वाली थी, लेकिन बाद में इसे भारत में आयोजित करने का फैसला लिया गया। हालांकि, दिल्ली में चुनावों के चलते दिसंबर 2023 में होने वाला यह इवेंट मार्च 2024 में आयोजित किया गया, जहां भारत का प्रतिनिधित्व सिनी शेट्टी ने किया था। इस दौरान अचानक आए ब्रेक की वजह से नंदिनी गुप्ता को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

प्रियंका चोपड़ा को आदर्श मानती हैं नंदिनी
21 वर्षीय नंदिनी गुप्ता प्रियंका चोपड़ा की बड़ी प्रशंसक हैं। उन्हें प्रियंका की पर्सनालिटी और सेंस ऑफ ह्यूमर बेहद पसंद है। नंदिनी का मानना है कि जिस तरह प्रियंका ने अपनी मेहनत और टैलेंट से ग्लोबल स्तर पर पहचान बनाई है, वह प्रेरणादायक है और इससे उन्हें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

कोटा और कैथून वासियों के लिए करना है काम
नंदिनी का कहना है कि वो जिस शहर से आती हैं, वहां की महिलाएं और उनका परिवार फैब्रिक बनाने का काम करते हैं. उनके शहर की डोरियां आर्ट बहुत मशहूर हैं और वो चाहती हैं कि वो इस आर्ट को प्रमोट करें और इन कलाकारों को ऐसा प्लेटफॉर्म मिल जाए, जहां उनके मेहनत का उन्हें सही दाम मिले और कोई शोषण न हो।

CUET PG 2025 की फाइनल आंसर की जारी, सीधे नीचे दिए लिंक से देखें

नई दिल्ली। CUET PG 2025 Final Answer Key: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आज कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पोस्ट ग्रेजुएट (CUET PG), 2025 की फाइनल आंसर की जारी कर दी है। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी आंसर की आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in पर जाकर चेक कर सकते हैं।

CUET PG 2025 Final Answer Key Pdf Direct Link

उम्मीदवारों द्वारा दर्ज की गई आपत्ति को विषय एक्सपर्ट के एक पैनल द्वारा चेक कराया गया है और विषय एक्सपर्ट की राय के अनुसार ही फाइनल आंसर की को तैयार किया गया है और उसी के आधार पर रिजल्ट को तैयार किया जाएगा।

एनटीए की ओर से सीयूईटी पीजी परीक्षा का आयोजन 13 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक किया गया था। परीक्षा का आयोजन तीन शिफ्टों गया था। परीक्षा का आयोजन 157 विषयों में पीजी कोर्सेज एडमिशन के लिए हुआ था। परीक्षा के लिए कुल 4,12,024 कैंडिडेट ने रजिस्ट्रेशन किया था।

एनटीए ने 22 अप्रैल 2025 को सीयूईटी पीजी 2025 की प्रोविजनल आंसर की जारी की थी। आंसर की के साथ उम्मीदवारों के लिए 24 अप्रैल 2025 तक ऑब्जेक्शन विंडो को भी ओपन किया गया था। अब उम्मीदवारों को बेसब्री से रिजल्ट का इंतजार है।

उम्मीदवार सीयूईटी पीजी 2025 की फाइनल आंसर की ऐसे करें चेक

  1. सबसे पहले आपको ऑफिशियल वेबसाइट exams.nta.ac.in/CUET-PG/ पर जाना होगा।
  2. अब आपको होम पेज पर दिए गए लिंक सीयूईटी पीजी परीक्षा फाइनल आंसर की 2025 पर क्लिक करना होगा।
  3. अब आप के सामने एक नई विंडों ओपन हो जाएगी और आपकी स्क्रीन पर फाइनल आंसर की आ जाएगी।
  4. अब आप ध्यान से फाइनल आंसर की पीडीएफ को चेक करें।
  5. अब आप CUET PG 2025 परीक्षा की फाइनल आंसर की पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते हैं।

ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाने की सलाह दी जाती है।

Kota Mandi: मिलर्स की लिवाली से कोटा मंडी में गेहूं, चना और लहसुन तेज रहा

कोटा। Kota Mandi Price Today: भामाशाह अनाज मंडी में मंगलवार को मिलर्स की लिवाली से गेहूं 25 रुपये और चना 20 रुपये तेज रहा। आवक की कमी से लहसुन 200 रुपये ऊंचा बिका।सभी कृषि जिन्सो की मिलकर करीब एक लाख कट्टे और लहसुन की 10000 कट्टे की आवक रही। जिंसों के भाव रुपये प्रति क्विंटल इस प्रकार रहे –

गेहूं नया 2420 से 2751 ज्वार शंकर 2200 से 2700, ज्वार सफेद 4000 से 4500, बाजरा 2100 से 2300, मक्का 2000 से 2300, जौ नया 2000 से 2300 रुपये प्रति क्विंटल। धान सुगन्धा 2200 से 2551, धान (1509) 2200 से 2901 धान (1718) 2800 से 3450, धान पूसा 2700 से 3101 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन 3800 से 4251, सरसों नई 5500 से 6000, अलसी 6000 से 6500 तिल्ली 8500 से 11000 रुपये प्रति क्विंटल। मूंग 6500 से 7200, उड़द 4000 से 7000, चना देशी 5100 से 5321, चना मौसमी 5000 से 5350, चना पेप्सी 5200 से 5400 रुपये प्रति क्विंटल।

लहसुन 2000 से 9500, बोक्स पेकिंग 3500 से 10000 मैथी 4000 से 4700 कलौंजी 13000 से 17850 रुपये प्रति क्विंटल। धनिया नया सूखा बादामी 5800 से 6500 धनिया नया ईगल 6200 से 7000 रंगदार 7100 से 10500 रुपये प्रति क्विंटल।