350 वर्ष पुराने अग्रवाल जैन मंदिर के सिंहद्वार का शिलान्यास एवं स्वर्ण वेदी कार्य शुरू

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कोटा। रामपुरा शास्त्री मार्केट स्थित 350 वर्ष पुराने अग्रवाल दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज ससंघ के सान्निध्य में इस मंदिर के भव्य सिंहद्वार शिलान्यास एवं स्वर्ण वेदी कार्य का शुभारंभ हुआ।

मंत्री विकास मजित्या ने बताया कि मुख्य शिला रखने का सौभाग्य मोहनलाल, कैलाश, यतीश खेडावाला परिवार तथा हनुमान प्रसाद, भानुकुमार इटावा वाला परिवार को प्राप्त हुआ। विशेष निर्माण सहयोग संजय, अजय मेरुवाला परिवार ने दिया।

मंदिर समिति अध्यक्ष चेतन सर्राफ ने बताया कि यह जैन मंदिर 350 वर्ष पुराना है और प्रतिमाएं 500 साल पुरानी है और गुरुदेव के सान्निध्य में मंदिर का सिंहद्वार निर्माण का शिलान्यास किया गया।

महामंत्री विकास मजीतिया ने बताया कि सिंहद्वार एवं मंदिर के भीतर प्रसिद्ध कोटा-बूंदी जैन चित्रशैली से सजावट की जा रही है। मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की वेदी पर सोने की चित्रकारी की जाएगी।

संजय खटकीडा ने बताया कि शिलान्यास में दस विशेष शिलाओं की स्थापना की गई है। इसमें नन्दा शिला, भद्रा शिला, जया नैऋत्य शिला, रिक्ता पश्चिम शिला, अजिता वायव्य शिला, अपराजिता उत्तर शिला, शुक्ला ईशान शिला, सौभागिनी पूर्व शिला, धरणी मध्य शिला तथा स्वर्ण, रजत व ताम्र शिलाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कछुआ, पारा, नाग-नागिन जोड़ा, नवरत्न, रजत सिक्के एवं रजत स्वास्तिक भी स्थापित किए गए हैं।

इस अवसर पर आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सिंहद्वार से मंदिर की शोभा में वृद्धि होगी तथा वैभव बढ़ेगा। अनेक राहगीर इसकी भव्यता को निहारेंगे। पुराने बाजारों में विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी होता है, जिससे धर्म प्रभावना बढ़ेगी। सचिव विकास मजीतिया ने बताया कि सिंहद्वार एवं कलात्मक कार्य 15 गुणा 30 फीट में करवाया जाएगा।