12 वर्ष बाद कोटा सरस डेयरी लाभ में, 58 लाख का बोनस मिलेगा दुग्ध उत्पादकों को

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कोटा-बूंदी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि.की बोर्ड बैठक में हुई घोषणा

कोटा। कोटा-बूंदी जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की बोर्ड बैठक बुधवार को सरस सभागार में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने की। इस अवसर पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार बलविंद गिल, आरसीडीएफ के प्रतिनिधि शुभम कुमार जैन, प्रबंध संचालक दिलखुश मीणा सहित संचालक मंडल के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

बैठक में कुल 12 बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संघ की 27वीं वार्षिक आमसभा आगामी 21 नवम्बर को सियाम ऑडिटोरियम, कृषिभवन, नयापुरा (दरबार पेट्रोल पंप के पास) में आयोजित की जाएगी।

अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने बताया कि संघ 12 वर्ष बाद लाभ (प्रॉफिट) में आया है। संघ ने इस वित्तीय वर्ष में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए किसानों और दुग्ध उत्पादकों के हित में कई निर्णय लिए हैं।

उन्होंने घोषणा की कि 15 वर्ष बाद संघ के इतिहास में पहली बार दुग्ध उत्पादकों को 58 लाख रुपये का बोनस दिया जाएगा। यह राशि डीबीटी योजना के माध्यम से सीधे पशुपालकों के खातों में जमा की जाएगी।

राठौड़ ने बताया कि त्योहारों के मौसम में मिलावटी खाद्य पदार्थ उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए चुनौती हैं। सरस ने ‘शुद्ध के युद्ध’ अभियान के तहत शुद्ध और ताज़ी मिठाइयां लॉन्च कर इस चुनौती को स्वीकार किया है।

इस अवसर पर सरस ने कई नए उत्पाद बाजार में उतारे हैं- मिल्क केक ₹420 प्रति किलो, इलायची बर्फी ₹90 प्रति 200 ग्राम और फ्लेवर मिल्क (मेंगो स्वाद) जो 200 ग्राम से 1 किलो पैकिंग में उपलब्ध रहेंगे।

संघ क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और किसानों को सशक्त करने के उद्देश्य से 16 नई दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया गया है, जिनमें कोटा जिले में 8 और बूंदी जिले में 8 समितियां शामिल हैं।

दूध की शुद्धता बनाए रखने और मिलावट पर नियंत्रण के लिए संघ ने गैस क्रोमैटोग्राफी मशीन की स्वीकृति दी है। यह मशीन दूध की गुणवत्ता और घटकों की सटीक जांच में सक्षम होगी। इसके अलावा, दूध के स्वाद, गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ में सुधार के लिए 10 किलो क्षमता वाली मिल्क होमोनाइज़र मशीन की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।

प्रबंध संचालक दिलखुश मीणा ने बताया कि संघ को डिजिटल रूप से सशक्त करने के लिए कई नई पहलें की जा रही हैं, जिससे दुग्ध संग्रह, भुगतान और उत्पाद वितरण की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी, कुशल एवं समयबद्ध हो सके।

बैठक के समापन पर अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने कहा कि संघ का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और उपभोक्ताओं को शुद्ध उत्पाद उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब पारदर्शिता और गुणवत्ता संघ की प्राथमिकता बनी रहे।