इंदौर। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) की नवीनतम मासिक (सितम्बर) रिपोर्ट से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के शुरुआती 11 महीनों में यानी अक्टूबर 2024 से अगस्त 2025 के दौरान देश में 105 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हुई
जो पिछले सीजन की समान अवधि की क्रशिंग से 113.50 लाख टन से 8.50 लाख टन कम रही। समीक्षाधीन अवधि के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोयाबीन की कुल आवक भी 112.50 लाख टन से घटकर 99 लाख टन पर अटक गई। कीमत नीचे रहने से किसानों की सक्रियता घट गई।
सोपा की रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 सीजन के दौरान देश में 125.82 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ और 8.94 लाख टन के पिछला बकाया स्टॉक के साथ इसकी कुल उपलब्धता 134.76 लाख टन पर पहुंची।
इसके अलावा करीब 5 हजार टन का आयात भी हुआ। कुल स्टॉक में से 12 लाख टन सोयाबीन का उपयोग 2025-26 सीजन के दौरान बिजाई में किया गया और क्रशिंग सहित अन्य उद्देश्यों के लिए 122.81 लाख टन का स्टॉक उपलब्ध रहा।
इसमें से 105 लाख टन की क्रशिंग अगस्त 2025 तक हो गई। इसके अलावा 4.80 लाख टन सोयाबीन का प्रत्यक्ष उपयोग तथा 11 हजार टन का निर्यात किया गया। 1 सितम्बर 2025 को किसानों एवं उद्योग-व्यापार क्षेत्र के पास 7.84 लाख टन तथा सरकारी एजेंसी (नैफेड / एनसीसीएफ) के पास 5.03 लाख टन सहित कुल 12.87 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ था।
जहां तक सोयामील पर सवाल है तो अक्टूबर 2024 से अगस्त 2025 के दौरान इसका उत्पादन 82.86 लाख टन हुआ जबकि 1.33 लाख टन का पिछला स्टॉक मौजूद था और 2 हजार टन का आयात विदेशों से किया गया।
इसमें से 18.58 लाख टन का निर्यात हो गया और घरेलू प्रभाग में 7.50 लाख टन का उपयोग खाद्य उद्देश्य में तथा 57 लाख टन का इस्तेमाल फीड निर्माण में किया गया। 1 सितम्बर को 1.13 लाख टन सोयामील का स्टॉक बचा हुआ था।

