-डॉ. सुधींद्र शृंगी (MD Ayurveda)
कोटा। क्या आपको पता है शुद्ध घी वजन कम करने में भी मददगार है? हां, यह सच है, लेकिन इसके लिए ज्यादा घी खाने की जरूरत नहीं है। बस 1 से 2 चम्मच घी ही खाना है और रोज खाना होगा। यदि आपको कोई बीमारी है, तो घी खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ये बातें एक स्टडी में पता चली हैं। आइए जानते हैं कि घी कितने काम की है? और इसे खाने के फायदे क्या हैं।
आमतौर पर लोग वेट लॉस करने के दौरान घी खाने से बचते हैं, क्योंकि घी में भरपूर मात्रा में वसा या फैट पाया जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक रोज एक से दो छोटे चम्मच घी खाने से वजन नियंत्रित रहता है। रायपुर में डाइटीशियन और फिटनेस एक्सपर्ट डॉक्टर निधि पांडेय कहती हैं कि वेट लॉस में घी तभी मददगार होगी, जब आप घी खाने के साथ वर्कआउट करेंगे। यदि आप घी खाते हैं और दिनभर बैठे रहते हैं तो कुछ नहीं होगा। डॉ. निधि घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब दे रही हैं।
घी वजन घटाने में कैसे कारगर है?
घी में ओमेगा 3 फैट (DHA) और ओमेगा 6 (CLA) भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह वजन घटाने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। ओमेगा 6 फैट वसा द्रव्यमान को कम करके शरीर को स्लिम बनाता है। घी में आवश्यक अमीनो एसिड होता है, जो वसा कोशिकाओं के आकार को छोटा करता है। इसलिए यदि आपका शरीर जल्दी वसा जमा करता है तो घी खाना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा घी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड बॉडी फैट कम करने में मदद करता है।एक सामान्य आदमी रोजाना 6 से 8 छोटे चम्मच घी खा सकता है।
गाय की घी और भैंस की घी में बेहतर कौन है?
आयुर्वेद के मुताबिक गाय की घी खाना सबसे अच्छा होता है, लेकिन यदि आप रेगुलर वर्कआउट कर रहे हैं तो भैंस की घी लेने में भी कोई दिक्कत नहीं है। अगर आपको दूध नहीं पचता है, तब भी आप घी लिमिटेड मात्रा में एक्सपर्ट की सलाह से ले सकते हैं।
क्या कहती है स्टडी?
शुद्ध घी में फैटी एसिड के कंपोजीशन को समझने के लिए एक स्टडी की गई। इसमें पाया गया कि घी DHA (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) का अच्छा स्रोत है। DHA ओमेगा 3 फैटी एसिड है। यह हमारे शरीर में नहीं बनता है, इसलिए घी खाना जरूरी होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड अखरोट, मछली के तेल और अलसी के बीज में भी पाया जाता है।
आयुर्वेद क्या कहता है घी के बारे में?
आयुर्वेद के अनुसार घी खाने वाले व्यक्ति की उम्र लंबी होती है। घी खाने से कई तरह की बीमारियों का खतरा कम होता है। घी जोड़ों को चिकनाहट और मजबूती देता है।
यह छोटी आंत की सोखने की क्षमता को बढ़ाता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के एसिडिक PH को कम कर देता है। साथ ही घी ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है जो LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को भी घटाता है।

