हेल्थ टिप्स/ मिश्री के सेवन करने से इन बीमारियों में मिलता है फायदा

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कोटा। हम मिश्री यानी रॉक शुगर को माउथ फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कई भारतीय रेस्टोरेंट में इसे भोजन के बाद सौंफ के साथ परोसा जाता है। मंदिरों में भी मिश्री को प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है।

मिश्री वो मिठास है जो भगवान श्री कृष्ण को भी माखन के साथ अर्पित की जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि रॉक शुगर के कई स्वास्थ्य लाभ हैं? आज हम आपको मिश्री के कई स्वस्थ्य लाभों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

डॉ. सुधींद्र श्रृंगी (एमडी आयुर्वेद) के अनुसार भले ही मिश्री स्वाद में मीठी तो होती ही है, लेकिन इसके सेवन से हमें कई लाभ मिलते हैं, क्योंकि मिश्री में औषधीय गुण भी होते हैं। ये शक्कर के मुकाबले कम केमिकल्स वाली होती है। मिश्री को पारंपरिक तरीके से बनाया जाता और इसलिए यह औषधीय गुणों से समृद्ध है।

​मिश्री के आयुर्वेदिक लाभ

  • मिश्री आंखों के लिए अच्छी होती है।
  • थकान (fatigue Kshatakshinahara) को मिठाने के लिए मिश्री सहायक है। आयुर्वेद में थकान को क्षताक्षिनहारा कहा जाता है।
  • आंखों के लिए अच्छी मानी जाती है।
  • मिश्री के सेवन से पुरुषों के स्पर्म (Shukra Vardhak) में सुधार होता है। शुक्रवर्धिका आयुर्वेद में स्पर्म को कहते हैं। (Boosts Fertility)
  • मिश्री बलकारक यानी ताकत बढ़ाती है। (Energy Booster)
  • मिश्री खाने से रक्तपित्तहर यानी खून का एसिड लेवल दुरुस्त रहता है।
  • ये छर्दिघ्न यानी उल्टी और जी मिचलाने की समस्या को दूर करती है।
  • मिश्रा वातनाशक यानी वात दोष को खत्म कर देती है।
  • सर्दी, खांसी और जुकाम को दूर कर देती है मिश्री। (Relieves Cough And Sore Throat)

​सबसे शुद्ध है मिश्री: मिश्री का उत्पादन भी गन्ने के पौधे के जरिए होता है, जो कि स्वभाविक तौर पर एक मीठा खाद्य पदार्थ है। इसे चीनी की सबसे शुद्ध मिठास मानी जाती है, क्योंकि इसमें व्हाइट शुगर की तरह केमिकल का प्रयोग नहीं होता है। डॉक्टर सुधींद्र श्रृंगी (एमडी आयुर्वेद) के अनुसार, यह बिना किसी रसायन के चीनी का सबसे शुद्ध रूप है।

​इन लोगों को नहीं खानी चाहिए मिश्री: कुछ लोगों को इसके सेवन न करने की सलाह भी देती हैं। उनका कहना है कि उच्च शर्करा स्तर यानी हाई शुगर लेवल (Diabetes), कोलेस्ट्रॉल, हार्मोनल इशु, ऑटोइम्यून जैसी बीमारियों से सूझ रहे लोगों को मिश्री सहित चीनी के सभी खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। फ्रूट्स से प्राप्त नेचुरल शुगर सही होती है। इनमेंहिए। ‘ कुछ हद तक शहद और मिश्री भी ली जा सकती है, लेकिन ज्यादा नहीं। वैसे आपको मीठे से बचना चाहिए।

कम मात्रा में करने से मिलते हैं लाभ: आइडल तौर पर मिश्री का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए। मिश्री को प्रकृति में सात्विक माना जाता है और आयुर्वेद इसे औषधि मानता है। आयुर्वेद में हर चीज की तरह, मिश्री का सेवन सावधानी बरतते हुए संयम से करना करने की सलाह दी गई। अगर इसका सेवन औषधि के रूप में किया जाए तो मिश्री आपके शरीर के लिए काफी सेहतमंद हो सकती है।

​मिश्री का उपयोग कैसे करें: आयुर्वेदिक चिकित्सक ने सुझाव दिया कि आप इसका उपयोग कड़वी दवाओं को निगलने के लिए कर सकते हैं। साथ ही नींबू जैसे फ्रेश ड्रिंक में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह एक एनर्जी बूस्टर है और खांसी और गले की खराश से राहत दिलाने के साथ-साथ प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। डॉ. ने रॉक शुगर को ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी अच्छा बताया है।