स्वाद और संस्कार का अनोखा संगम बना प्रज्ञालोक का दसलक्षण मेला

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कोटा। आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज के सान्निध्य में रविवार को प्रज्ञालोक महावीर नगर प्रथम में दशलक्षण मेला अत्यंत उत्साह और श्रद्धा के साथ आयोजित किया गया। गुरु आस्था परिवार एवं सकल दिगम्बर जैन समाज समिति कोटा द्वारा आयोजित इस मेले में समाजबंधुओं, श्रद्धालुओं एवं बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

मेले की सबसे बड़ी विशेषता रही कि इसमें केवल शुद्ध शाकाहारी भारतीय व्यंजन ही परोसे गए। समाज के विभिन्न परिवारों और संस्थाओं द्वारा पानी-पताशे, दाल बाटी चूरमा, मसाला डोसा, राज कचौरी, भेलपुरी, फुट चाट, इडली सांभर, जलेबी, कुल्फी सहित दर्जनों पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए। हर स्टॉल पर उत्साह और स्वाद का अनूठा संगम देखने को मिला।

प्रज्ञासागर महाराज ने इस अवसर परअपने प्रवचन में कहा किमेले में केवल शुद्धता ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और जैन परंपरा की झलक भी दिखाई देती है। फास्ट फूड या पाश्चात्य खानपान के बजाय यहां भारतीयता की चमक है, जो आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा प्रदान करेगी।

बच्चों और युवाओं ने न केवल व्यंजनों का स्वाद लिया, बल्कि सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और मनोरंजन गतिविधियों में भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। बच्चों के लिए फन जोन में फूलो सहित टॉकिज शॉ भी बनाया गया, जिसमें चार्ली चेप्लिन, मिस्टर बीन, जैन ऐनिमेटिक स्टोरी, तारक मेहता का उल्टा चश्मा के शॉज दिखाए गए।