स्पष्ट निर्णय जीवन को सम्यक दिशा प्रदान करते है: आचार्य प्रज्ञासागर

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आचार्य प्रज्ञा सागर का दिगंबर जैन मंदिर, मांदलिया में मंगल प्रवेश आज

कोटा। संध्याकालीन मंगल जिनदेशना में आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज ने कहा कि जीवन में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर व्यक्ति को अपने विकल्पों को स्पष्ट कर निश्चित निर्णय लेना चाहिए। भ्रम की स्थिति मनुष्य को दो नावों की सवारी की भांति अस्थिर बनाए रखती है, जबकि स्पष्ट निर्णय जीवन को सम्यक दिशा प्रदान करता है।

जैन व वैण्णव परिवारों में वैवाहिक निर्णयों पर मार्गदर्शन देते हुए उन्होंने कहा कि जन्म से वैण्णव और विवाहोपरांत जैन धर्म के संस्कार अपनाने वाली कन्याओं का पूर्व जन्मों के पुण्य कर्मों का फल है। उन्होंने कहा कि श्रावकों को गुरुजनों के सान्निध्य में धर्म को समझकर, उचित आकलन करते हुए परिपक्व निर्णय लेने चाहिए, क्योंकि निर्णय की सही दिशा ही जीवन को स्थिरता प्रदान करती है।

गुरू आस्था परिवार अध्यक्ष लोकेश जेन एवं चैयरमेन यतिश जैन खेडावाला ने कहा कि परमपूज्य आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज ससंघ का मंगल विहार 20 नवम्बर को प्रातः 6:30 बजे गुरुधाम से आरंभ होगा। विहार यात्रा बक्शपुरा, दौलतपुरा एवं जोधपुरा होते हुए दिगंबर जैन मंदिर, मांदलिया पहुंचेगी। समिति ने समस्त श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे मंगल विहार में सम्मिलित होकर पुण्यार्जन का लाभ प्राप्त करें।