स्टॉक की कमी के कारण कलौंजी की कीमतों में अधिक मंदे की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। वर्तमान में कलौंजी के भाव मंदे के साथ बोले जा रहे हैं और विगत 8/10 दिनों के दौरान कीमतों में 10/12 रुपए प्रति किलो का मंदा दर्ज किया जा चुका है। फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना है।

क्योंकि वर्तमान लिवाली का समर्थन कमजोर मिल रहा है जबकि स्टॉकिस्ट ऊंचे भावों पर बराबर बिकवाली कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि हालंकि स्टॉक की कमी के कारण कीमतों में अधिक गिरावट की संभावना नहीं है। भाव एक बार घटकर फिर बढ़ने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। लेकिन नई फसल की आवक मार्च-अप्रैल माह में शुरू होगी।

बिजाई अधिक
चालू सीजन के दौरान किसानों को उचित मूल्य मिलने के कारण प्रमुख उत्पादक राज्य गजरात एवं मध्य प्रदेश में कलौंजी की बिजाई दो-तीन गुणा अधिक क्षेत्रफल पर किए जाने के समाचार मिल रहे हैं। जिस कारण से भाव दिन-प्रतिदिन घट रहे हैं। उल्लेखनीय है नई फसल की आवक के समय मंडियों में कलौंजी के भाव 170/180 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे थे जोकि गत दिनों अक्टूबर माह में 250/260 रुपए प्रति किलो का स्तर छू गए थे।

उत्पादन
चालू सीजन के दौरान हालांकि देश में कलौंजी का उत्पादन संतोषजनक रहा लेकिन बकाया स्टॉक कम रहने के कारण कुल उपलब्धता में कमी आई जिस कारण से कीमतों में तेजी का दौर बना रहा। एक अनुमान के अनुसार उत्पादक केन्द्रों पर चालू सीजन के दौरान कलौंजी का उत्पादन 2.50/2.75 लाख क्विंटल का माना गया था। जोकि वर्ष 2024 के बराबर ही था। लेकिन वर्ष 2024 के समय मंडियों में कलौंजी का स्टॉक लगभग 1.25/1.50 लाख बोरी का था जोकि वर्ष 2025 में घटकर केवल 30/40 हजार बोरी का रह गया।

आवक
कुल उत्पादन का अधिकांश माल मंडियों में आ जाने के कारण वर्तमान में मंडियों में आवक कम रह गई है। मध्य प्रदेश की नीमच मंडी में आवक 400/500 बोरी एवं गुजरात की गोंडल मंडी में आवक 40/50 बोरी की रह गई है। जबकि नए मालों की आवक के समय गोंडल मंडी में आवक 2500 बोरी की हो रही थी और नीमच मंडी में 1000/1500 बोरी की चल रही थी चालू सीजन के दौरान भी गुजरात में कलौंजी का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक रहा जबकि मध्य प्रदेश में उत्पादन कम माना गया था।

तेजी-मंदी
जानकार सूत्रों का कहना है कि अधिक बिजाई के पश्चात अगर मौसम भी फसल के अनुकूल बना रहता है तो निश्चित तौर पर मार्च-अप्रैल माह में कलौंजी के भाव 170/180 रुपए बन सकते है। जबकि वर्तमान में मंडियों में भाव 225/230 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं जोकि अक्टूबर माह में 250/260 रुपए का स्तर छू गए थे। सूत्रों का कहना है कि अभी नए मालों की आवक में लगभग 4 माह का समय शेष है जबकि स्टॉक कम रह गया है। जिस कारण से आगामी दिनों में मांग बढ़ने के साथ ही कीमतों में एक बार तेजी बनने की संभावना है।