राजकोट। जीरे की बिजाई का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे बड़े-बड़े उत्पादक तथा स्टॉकिस्ट अपना माल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी वजह से गुजरात की ऊंझा मंडी में जीरे की औसत दैनिक आवक बढ़कर 15-16 हजार बोरी पर पहुंच गई है।
गुजरात में अगले महीने से जीरे की बिजाई शुरू होने की संभावना है जबकि बाढ़ ग्रस्त प्रान्त- राजस्थान में खेतों में नमी का अंश पूरी तरह सामान्य स्तर पर आने के बाद ही बिजाई की प्रक्रिया आरंभ हो सकेगी।
ऊंझा मंडी में जीरा के किसानी माल की आपूर्ति बढ़ने लगी है और कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आने की संभावना को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने भी माल की बिक्री बढ़ानी शुरू कर दी है।
उत्तरी भारत के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति मौजूद रहने से त्यौहारी सीजन के बावजूद जीरा की घरेलू मांग सामान्य से कम देखी जा रही है। उधर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तुर्की-सीरिया का जीरा पहुंच रहा है। भारत की नजर चीन और बांग्ला देश पर टिकी हुई है।
चीन के खरीदार भारत से जीरा के आयात का प्लान बना रहे हैं। समझा जाता है कि कुछ भारतीय निर्यातकों द्वारा चीन के आयातकों को कोटेशन भी भेजा गया है। यदि चीन के आयातकों की सक्रियता बढ़ती तो जीरा का कारोबार तथा बाजार भाव कुछ सुधर सकता है।
ऊंझा मंडी में पिछले दिन जीरा का भाव 3920-4000 रुपए प्रति 20 किलो के बीच दर्ज किया गया। समझा जाता है कि यदि बाजार भाव नरम या स्थिर रहा तो अगले सीजन में जीरा की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण घट सकता है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत से जीरा का निर्यात 63 हजार टन के करीब अटक गया जबकि गत वर्ष अप्रैल-जून में इसकी मात्रा 7 हजार टन पर पहुंच गई थी।

