नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को गुरुवार को बहुत बड़ी राहत दे दी है। उनपर भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले ही वोटर बनने के आरोप में कार्रवाई की मांग को लेकर डाली गई याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में एडिश्नल चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया की अदालत ने याचिकाकर्ता के इस दावे को ठुकरा दिया कि सोनिया का नाम नागरिकता मिलने से तीन साल पहले 1980 में ही वोटर लिस्ट में दर्ज हो गया था। इस मामले में शिकायतकर्ता ने सोनिया गांधी के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनपर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
याचिका के मुताबिक वोटर लिस्ट में उनका नाम जनवरी 1980 में ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास के पते पर शामिल हो चुका था। इसके अनुसार वो 1 जनवरी, 1980 को ही वोटर बन चुकी थीं, जबकि अप्रैल 1983 तक भारत की नागरिक नहीं थीं।

