नई दिल्ली। Coronavirus को लेकर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि लोगों को इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में लोगों चेहरे पर मास्क और एक दूसरे से दूरी बनाकर ही जीना पड़ेगा। ऐसे हालात में संक्रमण से बचाने के लिए सबसे अहम चीज है मास्क। अगर आप भी मास्क पहनते हैं तो जान लें कि कपड़े से बने मास्क सबसे अच्छे होते हैं।
दरअसल, कपड़े और खासकर सूती कपड़े से बने कई स्तर वाले मास्क छींकने के दौरान हवा में फैले ड्रॉपलेट्स को रोक सकते हैं। इस प्रकार कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। यह दावा हम नहीं बल्कि कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में किया है। उनका दावा है कि वायरस का सबसे अधिक खतरा बोलते, खांसते या छींकते हुए गिरने वाले ड्रॉपलेट्स से होता है।
कुछ संक्रमण तब फैलते हैं जब इन ड्रॉपलेट्स से पानी वाष्प बनने के दौरान एयरोसोल के आकार के कणों में तब्दील होते हैं। एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि मास्क पर रहने वाले वायरस से संक्रमित हर कण एयरोसोल के रूप में हवा में लटका नहीं रहता या सतह पर नहीं गिरता, जिससे बाद में सतह को छूने से संक्रमित होने की आशंका बनी रहे। सूक्ष्म ठोस कणों अथवा तरल बूंदों के हवा या किसी अन्य गैस में कोलाइड को एरोसोल कहा जाता है।
शोधकर्ताओं ने हाल के आंकड़ों समेत कई सुबूतों का विश्लेषण किया और पाया कि कपड़े से बने मास्क हवा और सतह के संपर्क में आने से होने वाले संक्रमण को कम कर सकते हैं। शोधकर्ताओं में से एक क्लेस ने इसी अध्ययन के आधार पर दावा किया कि कपड़े से बने मास्क एयरोसोल के आकार के कणों को भी रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि कपड़े के तीन स्तरों के मास्क सतह से होने वाले संक्रमण को 99 फीसद तक रोक सकते हैं।

