सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने बाद अंतरिक्ष से धरती पर लौटे

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वाशिंगटन। Sunita Williams Return: अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने बुधवार को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर स्पेसएक्स ड्रैगन फ्रीडम अंतरिक्ष यान में यात्रा करते हुए पृथ्वी पर अपने कदम रखे। जैसे ही कैप्सूल पानी में लैंड हुआ कि इस ऑपरेशन में जुटे अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

कैप्सूल के पृथ्वी पर पहुंचते ही इसे एक रिकवरी वेसल पर उठाया गया। साइड हैच को खोलकर चारों अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकाला गया। क्रू-9 के कमांडर निक हैग ग्राउंड क्रू की मदद से सबसे पहले ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आए। इसके बाद रॉसकोसमॉस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव बाहर आए।

इसके बाद सुनीता विलियम्स को बाहर निकाला गया। कैप्सूल से बाहर निकलते हुए हाथ हिलाते हुए मुस्कुराते हुए पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण को महसूस किया। बुच विलमोर कैप्सूल से बाहर आने वाले अंतिम अंतरिक्ष यात्री थे। अंतरिक्ष यात्रियों के सुरक्षित रूप से बाहर निकलने पर सभी खुश दिखे।

नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे नासा (NASA) के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर मंगलवार को सुरक्षित धरती पर लौट आए हैं। फ्लोरिडा के तट पर उनकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी वापस आए हैं। इन सभी को स्पेसएक्स की क्रू ड्रैगन कैप्सूल ‘फ्रीडम’ की मदद से वापस लाया गया।

सुनीता और बुच बोइंग 6 जून 2024 को NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर स्पेस स्टेशन गए थे, लेकिन स्टारलाइनर के थ्रस्टर में खराबी की वजह से उन्हें वहीं रुकना पड़ा। फ्रीडम’ कैप्सूल ने पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हुए लगभग 3000 डिग्री फारेनहाइट (1650 डिग्री सेल्सियस) तक के तापमान का सामना किया।

इसके बाद यह टैल्लाहासी के पास गल्फ ऑफ मेक्सिको में पैराशूट के जरिए सुरक्षित रूप से लैंड हुआ। इसके बाद एक रिकवरी वेसल इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से निकालकर ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाएगा। इन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लौटने के बाद 45 दिनों की पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना होगा ताकि वे माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सकें।

बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को पिछले साल जून में बोइंग के स्टारलाइनर में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए भेजा गया था। दोनों को ही सिर्फ 8 दिन वहां रहना था। दोनों अंतरिक्ष यान की सुरक्षा को जांचने के लिए गए थे। हालांकि प्रणोदन में खराबी के कारण यह मिशन नाकाम हो गया और अंतरिक्ष यान को बिना यात्रियों के पृथ्वी पर लौटना पड़ा। इसके बाद दोनों अंतरिक्ष में ही फंसे रह गए।

नासा ने इन्हें वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन से जोड़ा। यह सितंबर में ISS पर पहुंचा। रविवार को क्रू-9 ने अपने ISS सहयोगियों से भावुक विदाई ली। उनकी जगह वहां क्रू-10 ने लिया। 

सबसे ज्यादा समय तक स्पेस में रहने का रिकॉर्ड: रूसी एस्ट्रोनॉट वालेरी पोल्याकोव के नाम अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक लगातार रहने का रिकॉर्ड है, उन्होंने 8 जनवरी 1994 से 22 मार्च 1995 तक मीर स्पेस स्टेशन पर 437 दिन बिताए थे। वहीं ISS पर एक बार में सबसे ज्यादा (371 दिन) समय तक रहने का रिकॉर्ड फ्रैंक रूबियो के नाम है।

सबसे ज्यादा समय तक स्पेस में रहने का रिकॉर्ड

  • पैगी व्हिटसन: 675 दिन
  • सुनीता विलियम्स: 608 दिन
  • जेफ विलियम्स: 534 दिन
  • मार्क वेंडे हेई: 523 दिन
  • स्कॉट केली: 520 दिन