कोटा। कोटा पुलिस ने साइबर ठगी के मास्टरमाइंड दीपक मीणा को गिरफ्तार करने के बाद की गई पूछताछ पर बड़ा खुलासा किया है। आरोपी ने देशभर में करीब 300 युवतियों अपना शिकार बनाया और काम दिलाने का झांसा देकर उनसे रुपए भी ले लिए।
इसके लिए आरोपी ने सोशल मीडिया पर दो फर्जी अकाउंट बना रखे थे और वह वीडियो के जरिए युवतियों को अपने पेज पर खींचता था और फिर महिला बनाकर उनसे बात करता था। वहीं पुलिस ने आरोपी दीपक को ठगी के लिए फर्जी सिम उपलब्ध करवाने वाले आरोपी भोला को भी गिरफ्तार कर लिया है।
साइबर थाना इंचार्ज सतीश चंद्र बताया कि आरोपी दीपक मीणा मूल रूप से कोटा जिले के झाड़ गांव का रहने वाला है। उसके पिता हंसराज मीणा सरकारी टीचर है। आरोपी ने भरतपुर में निजी कॉलेज से बीटेक भी किया है। इसके बाद वह अप्रेंटिस करने मुंबई चला गया। जहां पर वह मॉडलिंग और टीवी की दुनिया की तरफ आकर्षित हो गया।
इसके बाद उसने मुंबई और पुणे में प्रोडक्शन हाउस के लिए काम करना शुरू किया। यह प्रोडक्शन हाउस टीवी विज्ञापन और सीरियल बनाते हैं। जहां पर उसने असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में काम किया और 4 साल तक मुंबई में ही रहा।
पुलिस ने बताया कि दीपक इस बात को भी बखूबी जानता था कि विज्ञापन और सीरियल में काम करने के लिए युवतियां मौके की तलाश में रहती है और आसानी से झांसे में भी आ सकती है
इस बीच दीपक मीणा मुंबई में रहने के दौरान नशे का भी आदि हो गया और गर्लफ्रेंड पर पैसे खर्च करने लगा। इसी दौरान उसको युवतियों को ठगने का आईडिया भी आ गया। इसके बाद उसने इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर व्हाइट स्टूडियो कास्टिंग और 2000 कास्टिंग कंपनी नाम से फर्जी अकाउंट में बना लिए और मुंबई से ही उसने कई युवतियों से रोल दिलाने के नाम पर ठगी करना शुरू कर दिया।
साल 2023 में दीपक मुंबई छोड़कर जयपुर चला गया आरोपी ने सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर नंदिनी श्रीकेट और यश नगरकोटी नाम से फर्जी बिजनेस अकाउंट भी बना लिए। जिसके जरिए वह लड़कियों को झांसे में लेना शुरू कर दिया।
वहीं आरोपी पहले भी युवती को भगा ले जाने के मामले में पकड़ा जा चुका है। जिसमें दुष्कर्म में प्रकरण भी दर्ज हुआ था। वहीं जेल से बाहर आते ही उसने साइबर ठगी का काम शुरू कर दिया और पिछले 10 महीने से कोटा में रहकर अंजाम देने लगा।

