कोच्चि। Black Pepper Price: केरल में कालीमिर्च की नई फसल की तुड़ाई-तैयारी दिसम्बर 2024 में ही आरंभ हो गई थी और अब इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। दूसरी ओर कर्नाटक में नए माल की तुड़ाई-तैयारी आरंभ हो गई है
और उत्पादक मंडियों में आवक बढ़ने लगी है। वैसे इन मंडियों पर आपूर्ति का ज्यादा दबाव नहीं देखा जा रहा है जिससे संकेत मिलता है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार या तो उत्पादन कम हो रहा है या फिर उत्पादक अपने स्टॉक को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
कालीमिर्च का भाव पिछले कुछ समय से थोड़ा -बहुत उतार-चढ़ाव के साथ एवं निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। उत्पादकों एवं व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल केरल और कर्नाटक में कालीमिर्च की फसल के लिए मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं रही और उसे कुछ प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा।
इसके फलस्वरूप उत्पादन में 20-30 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है। यदि विदेशों और खासकर श्रीलंका तथा वियतनाम से आयात को सीमित रखा गया तो आगामी महीनों के दौरान कालीमिर्च का घरेलू बाजार भाव ऊंचा एवं तेज हो सकता है।
भारत कालीमिर्च का सबसे प्रमुख खपतकर्ता देश है। देश के अंदर करीब 55 प्रतिशत कालीमिर्च का उत्पादन कर्नाटक में तथा 40 प्रतिशत का उत्पादन केरल में होता है जबकि शेष 5 प्रतिशत का योगदान तमिलनाडु सहित अन्य राज्य देता है।
केरल के कोच्चि टर्मिनल मार्केट में कालीमिर्च की सीमित आवक हो रही है और वहां इसका भाव 700 रुपए प्रति किलो से ऊपर चल रहा है। दरअसल उत्पादक अब सीधे दिसावरी व्यापारियों, निर्यातकों एवं मसाला निर्यातकों को ऊंचे दाम पर कालीमिर्च बेच रहे हैं इसलिए थोक मंडियों में इसकी आवक बहुत कम हो रही है। उत्पादकों को आगे कालीमिर्च का घरेलू बाजार भाव सुधरने का भरोसा है क्योंकि उत्पादन घटने से इसकी उपलब्धता कम रहेगी।

