सीएम भजनलाल ने किया राजस्थान में पुजारियों का मानदेय बढ़ाने का एलान

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महाकुंभ में पहुंचकर पावन स्नान किया।

संगम तीरे महाकुंभ में पहली बार राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक

जयपुर/ महाकुंभनगर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने माघी एकादशी के शुभ अवसर पर महाकुंभनगर में मंत्रिपरिषद की बैठक कर इतिहास रचा। पहली बार किसी दूसरे राज्य के मंत्रिपरिषद की बैठक उत्तर प्रदेश में संगम तीरे महाकुंभ की पावन धरा पर हुई।

इसमें कई धार्मिक प्रस्तावों पर मुहर लगी। मुख्य रूप से राजस्थान में मंदिरों की भोग राशि दोगुनी करने तथा पुजारियों का मानदेय बढ़ाना प्रमुख रहा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों, सांसदों एवं विधायकों समेत सचिवालय व राजस्थान शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विशेष विमान से आए।

कुल 180 विशिष्टजन शुक्रवार सुबह लगभग नौ बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी थे। मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष समेत अन्य ने संगम पहुंच पहले पुण्य की डुबकी लगाई गई। इसके बाद त्रिवेणी की पूजा व आरती की। बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन उपरांत सभी महाकुंभ नगर स्थित राजस्थान मंडपम पहुंचे, जहां मंत्रिपरिषद की बैठक शुरू हुई।

इसमें देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष प्रभार वाले 390 मंदिरों एवं आत्म निर्भर श्रेणी के 203 मंदिरों में सेवा पूजा, भोग, प्रसाद, उत्सव, पोशाक, जल एवं सुरक्षा व्यवस्था आदि के लिए भोग-राग की राशि तीन हजार रुपये प्रतिमाह किए जाने का फैसला किया गया। अब तक यह राशि 1500 रुपये ही प्रति मंदिर प्रतिमाह थी। साथ ही पुजारियों का मानदेय प्रतिमाह 7500 रुपये करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।

अभी तक पांच हजार रुपये प्रतिमाह मिलते थे। देवस्थान विभाग से प्रबंधित एवं नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार के छह और आत्मनिर्भर श्रेणी के 26 मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं विकास कार्यों के लिए 101 करोड़ रुपये दिए जाने का भी निर्णय लिया गया। प्रदेश के बाहर स्थित देवस्थान विभाग के मंदिरों का सर्वे कराते हुए इनकी वास्तविक संख्या पता कर इन्हें सूचीबद्ध करने और लगभग ध्वस्त हो चुके मंदिरों के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये दिए जाने का निर्णय हुआ।

पहली बार दूसरे राज्य में मंत्रिपरिषद की बैठक
देश में यह पहला मौका है, जब किसी राज्य के मंत्रिपरिषद की बैठक दूसरे प्रदेश में हुई हो। महाकुंभनगर में इसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ दिन पहले चर्चा की थी और सहयोग मांगा था।

मुख्यमंत्री पत्नी, दोनों पुत्रों, 115 मंत्री व विधायकों एवं सांसदों के साथ जयपुर से आए। राजस्थान के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़मा का दावा है कि पहली बार किसी अन्य प्रदेश का पूरा मंत्रिमंडल एक साथ महाकुंभ स्नान के लिए पहुंचा है। उन्होंने कहा, मंत्रिपरिषद की बैठक प्रयागराज में होना भी एक बड़ा फैसला है।