सिंधु जल समझौते पर भारत ने लगातार दिए दो झटके; बौखलाया पाकिस्तान, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। भारत सरकार के पर्यावरण विभाग की एक समिति ने चिनाब नदी पर दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण पर काम करने की मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट को लेकर 27 तारीख को ही मंजूरी मिली है और उधर पाकिस्तान को इससे मिर्ची लग गई है।

पाकिस्तान की सांसद और पूर्व मंत्री शेरी रहमान ने इस पर सवाल उठाए हैं और बौखलाहट में भारत पानी को हथियार बनाने का आरोप लगाया है। रहमान ने कहा कि पानी को हथियार बनाना गलत है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

एक्स पर शेरी रहमान ने लिखा, ‘ऐसा करना सिंधु जल समझौते का उल्लंघन है। भारत सरकार ने दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट स्टेज-2 को मंजूरी दी है। ऐसा करना गलत है। सिंधु जल समझौते के तहत कोई भी फैसला एकतरफा तौर पर नहीं लिया जा सकता। सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान का चिनाब, झेलम और सिंधु नदी के जल पर अधिकार है।

वहीं भारत का अधिकार रावी, ब्यास और सतलुज पर है।’ इसके आगे वह लिखती हैं कि भारत ने अवैध तौर पर सिंधु जल समझौते को स्थगित किया है। भारत ने कई ऐसी विवादित परियोजनाओं को बढ़ाने में तेजी दिखाई है। इन प्रोजेक्ट्स में सावलकोट, रेटल, बड़सर, पाकल डुल, क्वार, कीरू और किरथाई शामिल हैं। इसी के तहत अब दुलहस्ती प्रोजेक्ट स्टेज-2 भी शामिल है।

इसी साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 22 पर्यटकों का उनका धर्म पूछकर कत्ल किया गया था। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल थे। इस अटैक के बाद ही भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित किया है।

इसी के तहत भारत की ओर से अब किसी नदी में पानी छोड़ने या रोकने की जानकारी भी साझा नहीं की जा रही है। इसकी कई बार पाकिस्तान ने शिकायत भी की है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार दोहरा चुके हैं कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते। इससे स्पष्ट है कि सिंधु जल समझौते को लेकर भारत सरकार का रुख क्या है।

क्या है भारत की तैयारी
बता दें कि भारत सरकार ने जिस दुलहस्ती प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, उसके तहत 260 मेगावाट बिजली उत्पादन की तैयारी है। इससे पहले सावलकोट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को भी इसी नदी पर बनाने की तैयारी है। इसकी क्षमता 1856 किलोवाट बताई जा रही है। दरअसल सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आतंकी ठिकानों पर पाकिस्तान ऐक्शन नहीं लेगा, तब तक सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी। इसके अलावा समझौते को लागू भी नहीं किया जाएगा।