सिंधु जल संधि को लेकर वर्ल्‍ड बैंक चीफ के दो-टूक रवैये से पाकिस्‍तान को बड़ा झटका

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नई दिल्‍ली। वर्ल्ड बैंक के चीफ अजय बंगा ने पाकिस्‍तान को बड़ा झटका दिया है। उन्‍होंने सिंधु जल संधि (IWT) पर बड़ी बात कही है। बंगा ने साफ किया कि वर्ल्ड बैंक इस मामले में मध्यस्थ नहीं है। वर्ल्ड बैंक भारत और पाकिस्तान के बीच इस संधि को लेकर कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाया था। भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित कर दिया है। इसी पर अजय बंगा ने अपनी बात रखी।

अजय बंगा ने सीएनबीटी-टीवी18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि संधि को निलंबित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इसे ‘अभी के लिए रोक’ जैसा कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि में इसे निलंबित करने का कोई नियम नहीं है। उनके अनुसार, इस संधि को या तो खत्म करना होगा या इसकी जगह कोई नई संधि बनानी होगी। ऐसा तभी हो सकता है जब दोनों देश इसके लिए राजी हों।

वर्ल्ड बैंक की भूमिका को क‍िया साफ
अजय बंगा ने वर्ल्ड बैंक की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर दोनों देशों में कोई मतभेद होता है तो वर्ल्ड बैंक सिर्फ एक सहायक की तरह काम करेगा। वर्ल्ड बैंक कोई फैसला नहीं करेगा। अलबत्‍ता, वह एक ऐसे व्यक्ति या संस्था को खोजने में मदद करेगा जो इस मामले को निष्पक्ष तरीके से सुलझा सके।

उन्होंने आगे बताया कि वर्ल्ड बैंक का काम मुख्य रूप से प्रशासनिक और वित्तीय है। उन्होंने याद दिलाया कि संधि की शुरुआत में एक ट्रस्ट फंड बनाया गया था। यह फंड मध्यस्थों की फीस देने के लिए था। अजय बंगा ने जोर देकर कहा कि वर्ल्ड बैंक की भूमिका इससे ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ल्ड बैंक को अभी तक भारत या पाकिस्तान से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

मीडिया में चल रही खबरों को खारिज करते हुए अजय बंगा ने कहा कि वर्ल्ड बैंक इस मामले में कोई भूमिका नहीं निभा सकता। उन्होंने कहा, ‘यह सब बकवास है क्योंकि हमारे पास ऐसी कोई भूमिका नहीं है… संधि दो देशों के बीच है और उन्हें ही तय करना है कि वे इसे जारी रखना चाहते हैं या नहीं। यह उनका फैसला है।’

फैसला भारत और पाकिस्तान को ही करना है
अजय बंगा ने माना कि सिंधु जल संधि के 60 सालों के इतिहास में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। उन्होंने फिर से कहा कि संधि में कोई भी बदलाव या इसे जारी रखने का फैसला भारत और पाकिस्तान को ही करना है।