सावन भादो डेम के खराब गेट 24 घंटे में ठीक करने के लिए मुंबई से बुलाई विशेषज्ञ टीम

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ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंचे सावन भादौ डेम

कोटा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर शुक्रवार को कनवास स्थित सावन भादौ डेम का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने डैम के टूटे हुए गेट की तुरंत मरम्मत कर किसानों को पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। गोताखोर टीम द्वारा शनिवार को गेट ठीक करने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए दिनभर शटडाउन रहेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से किसानों के द्वारा डेम से पानी नहीं मिलने की शिकायत की जा रही थी।

इस दौरान ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि सावन भादौ डेम कनवास क्षेत्र की लाइफ लाइन है। जहां से बड़ी संख्या में खेतों को सिंचाई का पानी उपलब्ध होता है। पिछले दिनों बरसात के समय डेम कुछ क्षतिग्रस्त हो गया था। डैम के गेट नहीं खुल पा रहे थे। इसके बाद अस्थाई रूप से पाइप डालकर पानी लिफ्ट कर कैनाल से रेगुलेशन शुरू किया गया था। डैम की मरम्मत के लिए मार्च में 15 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की गई। जिससे आरसीसी की वॉल बनाई गई।

बरसात के कारण काम पूरा नहीं हो पाया। जब बारिश का पानी तेज गति से आया तो मशीनरी अंदर रह गई। डेम का गेट ठीक नहीं हो पाया। ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि किसानों को सिंचाई का पानी तुरंत उपलब्ध कराया जाए। बजट के लिए कोई कमी नहीं है। पूर्व में 15 करोड़ रुपए का काम कराया गया है। इसके बाद भी 8 करोड रुपए का तकमीना बना कर स्वीकृति के लिए भेजा गया है।

ऊर्जा मंत्री नागर के निर्देश के बाद डेम की मरम्मत के लिए कानपुर और मुंबई से विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। गोताखोरों की टीम 8- 9 मीटर नीचे जाकर गेट को खोलकर लाएगी। जिसे मरम्मत करने के बाद वापस फिट किया जाएगा। टूटी हुई फ्लेंज की वेल्डिंग की जाएगी। इसके लिए शनिवार को दिनभर रेगुलेशन का शटडाउन लिया जाएगा। इसके लिए किसानों से भी स्वीकृति ली गई है।

ऊर्जा मंत्री नागर ने किसानों की शिकायत के बाद स्वयं डेम पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों से डेम से संबंधित सभी जानकारियां ली। उन्होंने डेम का ड्रोन व्यू देखा। इसके द्वारा उसकी खामियों को परखने की कोशिश की। इस दौरान मानचित्रो के माध्यम से भी वस्तुस्थिति को समझने का प्रयास किया। मंत्री नागर ने अधिकारियों से कहा कि किसानों की समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए। इसके लिए जो भी संसाधन चाहिए, राजस्थान सरकार देने के लिए तैयार है।

पिछले दिनों ग्राम चौपाल के दौरान ऊर्जा मंत्री नागर के सामने ग्रामीणों ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि डैम का गेट खराब है। जिसे सही करने की गलत जानकारी दी गई है। खेतों में सिंचाई का पानी देना शुरू किया, लेकिन बरसात आने के कारण किसानों ने नहरी पानी बंद करने की बात कही। लेकिन डैम का गेट बंद नहीं हो सका तो पानी खेतों में भरने लगा। इसके बाद सिंचाई विभाग ने अस्थाई व्यवस्था करते हुए नहर को तोड़कर पानी नदी में बहा दिया था। जिस पर मंत्री नागर ने खासी नाराजगी प्रकट की थी।

डेम तक पहुंचने के लिए बने ग्रेवल सड़क
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें डेम तक पहुंचने के लिए रास्ता देने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि डैम की सुरक्षा एवं अन्य देखरेख के लिए इंजीनियरों का पैदल पहुंचना बहुत चुनौती पूर्ण है। ऐसे में डेम तक पहुंचने के लिए रास्ता दिया जाए। जहां पर ग्रेवल सड़क बना करके मोटर व्हीकल पहुंचे। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। जिस पर वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने भी सहमति जताई।

टाइग्रेस आने से बढ़ेगा पर्यटन
ऊर्जा मंत्री नागर ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाडोती क्षेत्र में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन आने से यहां के टूरिज्म को पंख लग सकेंगे। केंद्र सरकार के स्तर पर और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के प्रयासों से इसमें काफी प्रगति हुई है। आने वाले दिनों में टाइगर रिजर्व में बाघिन आएगी।