कोटा। राष्ट्रीय दशहरा मेला में गुरुवार को राजस्थानी पगड़ी के विविध रंग देखने को मिले। मेले के विजयश्री रंगमंच पर साफा बांधो प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें राजस्थान के हर क्षेत्र की पगड़ी नजर आई। प्रतिभागियों ने मोठडा, चुनडी, राजपूती, पचरंगी, जोधपुरी, मेवाडी, मारवाड़ी के साथ ही हाड़ौती के पारंपारिक साफे बांधे।
मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी, नागरिक सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष हेमराज सिंह हाड़ा, भारतीय जनता पार्टी कोटा शहर जिला उपाध्यक्ष कुलदीप तलवार, प्रकोष्ठ भाजपा कोटा उत्तर के जिला संयोजक केपी सिंह और जिला मंत्री चंचल राठौड ने प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। प्रतियोगिता में एक महिला सहित 24 प्रतिभागी शामिल हुए। जिन्हें तीन मिनट में सबसे खूबसूरत साफा बांधना था।
प्रतिभागियों को साफ़ा बांधते समय साफ़ा पूरी तरह से खोलकर रखना था। साफा बांधते समय साफा घुमाने का तरीका और चेहरे के हिसाब से उसके बांधने,
उठाव और झुकाव आदि के भी अंक दिए गए थे। प्रतियोगिता में इस बात पर सबसे ज्यादा जोर था कि साफा कितने राउंड की चुन्नट का बांधा गया है।
प्रतियोगिता शुरू होते ही प्रतिभागियों ने दूसरे से बेहतर साफा बांधने में अपना जोर लगा दिया। तय समय में सभी प्रतिभागी साफा बांध चुके थे। इस दौरान तीन पीढ़ियां राजस्थानी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत बनाए हुए थीं।
12- 14 साल के बच्चे 40- 45 ही नहीं 65 और सत्तर साल के प्रतिभागियों को जोरदार टक्कर दे रहे थे। बच्चों ने जिस तेजी और खूबसूरती से साफा बांधा हर कोई दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गया। बच्चे ही नहीं महिलाओं ने भी साफा बांधने में बड़े बड़ों को खूब टक्कर दी।
ये रहे विजेता
सभी प्रतिभागियों ने जिस कौशल के साथ साफा बांधा उसके हिसाब से विजेताओं का चयन करने में निर्णायकों के भी पसीने छूट गए। खासी मशक्कत के बाद रामपुरा निवासी प्रिंस मोदी को प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया। वहीं सवाई माधोपुर से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आए आदित्य सिंह नरूका दूसरे स्थान पर रहे। बोरखेड़ा निवासी लोकेश सिंह चौहान तीसरे स्थान पर रहे।

