151 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने की शिरकत
कोटा। रिद्धि-सिद्धिनगर में आयोजित 151 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान के छठवें दिन रविवार को आचार्य प्रज्ञासागर ससंघ महाराज का शुभागमन हुआ। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित जैन समाज के हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
विराग विभाश्री छात्रावास (श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन परमार्थिक ट्रस्ट), ऋद्धि सिद्धि नगर, कुन्हाड़ी, कोटा एवं श्री सकल दिगंबर जैन समाज समिति, कोटा द्वारा आयोजित अष्टान्हिका महापर्व के दौरान आयोजित इस विशिष्ट धार्मिक आयोजन में आचार्य, मुनि एवं आर्यिको का 18 संघ का सानिध्य प्राप्त हुआ है। गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी एवं विनयश्री माताजी के नेतृत्व में 12 पिच्छी धारी संतों की उपस्थिति इस आयोजन की विशेषता है।
चक्रवर्ती परिवार की ओर से दिग्विजय यात्रा एवं महाआरती की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। अशोक सावला के निवास से प्रारंभ होकर हाउसिंग बोर्ड रोड, कमला उद्यान चौराहा, एग्जॉटिका गार्डन होते हुए यह यात्रा रिद्धि-सिद्धि नगर स्थित श्री विशुद्ध विभा लोक में संपन्न हुई।
गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी ने अपने प्रवचन में कहा कि पंचमकाल में भी महावीर स्वामी का रूप धारण किए दिगंबर जैन संतों के दर्शन परम पुण्य का उदय है। उन्होंने कहा कि इस संसार में चलते-फिरते परमेष्ठी दिगंबर संत ही हैं।
आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ने आर्यिका पद की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि स्त्री काया में आर्यिका का सफर तय करना अत्यंत पुण्य की बात है। उन्होंने कहा कि सिद्ध चक्र मंडल सामूहिक एवं स्वतंत्र दोनों रूपों में अद्भुत है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से समाधि संस्कार के लिए उपयुक्त भूमि हेतु सरकार से प्रयास करने का निर्देश दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ऋद्धि-सिद्धि नगर एक साथ 18 से अधिक जैनाचार्य व आर्यिका संघ का सानिध्य पाकर और अधिक सिद्ध हो गया है। उन्होंने कहा कि यह विधान भगवान महावीर के विचारों से जुड़ने और मोक्ष मार्ग की ओर बढ़ने का साधन है। बिरला ने कहा कि जैन मुनि एवं संत आज भी देश-दुनिया में महावीर स्वामी के संदेशों को पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। भगवान महावीर के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं।

