सांगोद विधानसभा क्षेत्र के 291 गांव जल जीवन मिशन से जुडेंगे: ऊर्जा मंत्री

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कोटा/ सांगोद। सांगोद विधानसभा क्षेत्र के सभी 291 गांव जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल से जुड़ने जा रहे हैं। ऊर्जा मंत्री तथा सांगोद विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक हीरालाल नागर ने बताया कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन का मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान में बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सतत प्रयासों से सांगोद विधानसभा क्षेत्र के सभी गांव और ढाणियां हर घर नल योजना से जुड़ रही है। जिसके माध्यम से गांव, कस्बे और ढाणियों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। हर घर तक नल से शुद्ध पीने का पानी पहुंचाना डबल ईंजन सरकार की प्राथमिकता है।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि परवन अकावद पेयजल परियोजना से सांगोद- कनवास क्षेत्र के 184 गांव जुड़ेंगे। वहीं नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना से सुल्तानपुर दीगोद क्षेत्र के 80 गांवों को जोड़ा जाएगा। जबकि 27 गांव पूर्व में परियोजना से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने बताया कि परवन नदी से सूंडकिया कुंदनपुर परियोजना के तहत 20 गांवों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है। जबकि शहरी जल योजना और कोटडी जलप्रदाय योजना के तहत 4 गांवों को पीने का पानी मिल रहा है। इसके अलावा बोराबास- मंडाना पेयजल परियोजना से विधानसभा क्षेत्र के 3 गांव जुड़े हैं।

उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के सांगोद- कनवास क्षेत्र के 184 गांवों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए झालावाड़ जिले के सारोला में 40 एमएलडी का वाटर फिल्टर प्लांट बनाया जाएगा। इसके तहत विधानसभा क्षेत्र के 5 स्थानों पर स्वच्छ जलाशय बनेंगे, जो धूलेट, मोई कलां, आवां, घानाहेड़ा कोटडी और तुमड़ा में होंगे।

क्षेत्र में 38 स्थानों पर उच्च जलाशय टंकी का निर्माण कराया जाएगा। जिससे 249 किलोमीटर मुख्य ट्रांसमिशन पाइपलाइन और 2688 किलोमीटर वितरण लाइन डाली जाएगी। इसके लिए 16 स्थानों पर पंप हाउस बनेंगे। सांगोद कनवास क्षेत्र के 23 हजार 753 परिवारों को लाभ मिलेगा।

नागर ने बताया कि नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना से सांगोद विधानसभा क्षेत्र की सुल्तानपुर पंचायत समिति और दीगोद तहसील के 80 गांव जुड़ेंगे। जहां 11 हजार 725 परिवारों को परियोजना का लाभ मिलेगा।

कोटा जिले के अंतर्गत सुल्तानपुर दीगोद क्षेत्र में 23 उच्च जलाशय का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। दोनों ही परियोजनाओं को पूर्ण करने की संभावित तिथि 13 अगस्त 2027 रखी गई है।