सरसों का उत्पादन क्षेत्र 37.40 लाख हेक्टेयर बढ़कर 41 लाख हेक्टेयर के पार

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नई दिल्ली। मौसम की हालत अनुकूल रहने से रबी फसलों की बिजाई इस बार जल्दी शुरू हो गई और विभिन्न फसलों की खेती में किसानों द्वारा अच्छी दिलचस्पी भी दिखाई जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 75.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया

जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 65.90 लाख हेक्टेयर से करीब 10 लाख हेक्टेयर या 15 प्रतिशत अधिक है। केवल धान, मक्का एवं ज्वार को छोड़कर अन्य सभी रबी फसलों का रकबा गत वर्ष से आगे चल रहा है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान रबी सीजन में 31 अक्टूबर 2025 तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले सबसे प्रमुख खाद्यान्न गेहूं का उत्पादन क्षेत्र 2.30 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र भी गत वर्ष के 16.50 लाख हेक्टेयर से 26 प्रतिशत उछलकर इस बार 20.80 लाख हेक्टेयर हो गया। इसके तहत चना का बिजाई क्षेत्र 12.10 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14.90 लाख हेक्टेयर तथा मसूर का क्षेत्रफल 1.90 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। दलहनों की खेती के प्रति किसानों में अच्छा उत्साह देखा जा रहा है।

जहां तक तिलहन फसलों का सवाल है तो इस बार किसानों का ध्यान मुख्यतः सरसों पर केन्द्रित है। इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 37.40 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 41.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जिससे तिलहन फसलों का कुल रकबा भी 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 42.30 लाख हेक्टेयर हो गया है।

मोटे अनाजों के संवर्ग में गत वर्ष के मुकाबले चालू रबी सीजन के दौरान मक्का का उत्पादन क्षेत्र 2.20 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.10 लाख हेक्टेयर तथा ज्वार का बिजाई क्षेत्र 2.80 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 2.70 लाख हेक्टेयर रह गया। धान का क्षेत्रफल भी 4.50 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 3.70 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

2025-26 के मौजूदा रबी सीजन हेतु केन्द्र सरकार ने 1190 लाख टन गेहूं, 158.60 लाख टन चावल, 145 लाख टन मक्का, 118 लाख टन चना, 19 लाख टन मसूर, 139 लाख टन सरसों एवं 20.50 लाख टन जौ के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।