सरकारें लाभ का बजट नहीं बना सकती, उन्हें उधार लेकर काम करना होता है

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कोटा डेवलपमेंट फोरम द्वारा आयोजित बजट विश्लेषण सेमिनार

कोटा। आर्थिक विश्लेषक सीए विकास काबरा ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत 2025 का बजट आने वाले समय के लिए देश में बेहतर स्थितियां लाने वाला होगा।

कोटा डेवलपमेंट फोरम द्वारा आयोजित बजट विश्लेषण सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट देश की दशा नहीं, दिशा निर्धारित करता है। जीडीपी में बढ़ोतरी होगी। जनसंख्या में वृद्धि का आर्थिक विश्लेषण करते हुए उन्होंने बताया कि सरकारें लाभ का बजट कभी बना ही नहीं सकती। उन्हें उधार लेकर ही जन कल्याणकारी नीतियों को संचालित करना होता है।

सरकार जब ₹1 खर्च करती है तो वह तीन रुपए 50 पैसा बन जाती है। यदि हम सरकार का बजट समझ जाएंगे तो घर का बजट भी समझ में आ जाएगा, कि इकोनॉमिक किस प्रकार शुभ होती है। भारत का जीडीपी 18 सौ साल पहले विश्व अर्थव्यवस्था का तीस प्रतिशत था और अमेरिका का 28 प्रतिशत था। लेकिन पिछले 200 साल में स्थिति बदली। ‌

भारत अब इनोवेशन का गढ़ माना जाता है। हमें समझना होगा कि जीडीपी को अब युवा जनसंख्या संचालित कर रही है। यदि कोई भारत में निवेश कर रहा है तो आप समझ सकते हैं कि भारत युवाओं का बहुत बड़ा बाजार है। चीन के बारे में अवधारणा बदल रही है। ‌ भारत युवाओं का देश है। इसलिए अच्छी रिटर्न मिलने की उम्मीद है। नवंबर माह तक इसके परिणाम सामने आने लगेंगे।

सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में से नीरज जैन ने बताया कि नई कर प्रणाली से सभी वर्ग को लाभ होना है। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी की बारीकियों का विस्तृत विश्लेषण किया। उन्होंने बजट में रुपया कहां से आएगा और कहां जाएगा। पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए अर्थशास्त्रियों के बीच शेयर किया।

केडीएफ के अध्यक्ष आदित्य कुमार जैन ने बताया कि सेमिनार में केडीएफ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. टीसी मेहता ने बजट के बारे में बताया कि बजट किस प्रकार से हर वर्ग की आर्थिक दशा और दिशा तय करता है। केडीएफ का दृष्टिकोण हमेशा विकास में योगदान का रहा है।

शिक्षाविद डॉ संजय भार्गव ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। विधिवेत्ता डॉक्टर अरुण शर्मा, प्रमुख ऑटोमोबाइल व्यवसायी राजेंद्र अग्रवाल, डीएन नैनानी, समाजसेवी पूर्व मंडल कमिश्नर भारत स्काउट यज्ञदत्त हाडा, डॉ. कुलवंत गोड़, प्रोफ़ेसर जीएल मालव, दीपक त्यागी, एसके अग्रवाल, रमाकांत शर्मा, केडीएफ की सचिव आशा शर्मा आदि ने बजट चर्चा में भाग लिया। संचालन कंचन ने किया।