सद्कर्मों से आत्मा की उन्नति और दुष्कर्मों से अधोगति तय: विभाश्री माता जी

0
14

कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी एवं आर्यिका विनयश्री माताजी (संघ सहित) के निर्देशन में 13 पिच्छियों का भव्य चातुर्मास जारी है।

प्रवचन के दौरान बताया गया कि विभाश्री ने अपने उपदेशों में कहा हम सब जीव तीन लोकों में भ्रमण कर रहे हैं और हमारे कर्म ही हमारा भविष्य तय करते हैं। शुभ कर्म आत्मा को शुद्धता की ओर ले जाते हैं, जबकि अशुभ कर्म उसे बांधते हैं।

कक्षा में विशेष रूप से जो जैसा करेगा, वैसा फल पाएगा के सिद्धांत पर बल दिया गया। सद्कर्मों से आत्मा की उन्नति और दुष्कर्मों से अधोगति यह सार्वकालिक सत्य श्रावकों को स्मरण कराया गया।

सच्ची आराधना वही है, जो भगवान की आत्मा के गुणों को आत्मसात कर उनके जैसा बनने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि केवल बाह्य पूजा नहीं, बल्कि निजपरिणत भाव से उपासना ही आत्मा की शुद्धि का मार्ग है।