सदाचार, संयम और सेवा से ही जीवन सार्थक बनता है: विभाश्री माताजी

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कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में शनिवार को ऐतिहासिक कल्पद्रुम महामंडल विधान का चौथा दिवस श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। सायंकालीन गजरथ पर भव्य आरती महेंद्र मीना पाटौदी के निवास से प्रारंभ होकर विज्ञान नगर जैन मंदिर तक पहुंची।

महामंत्री अनिल ठोरा ने बताया कि कलपद्रुम मंडल विधान में 214 अरघ समर्पित किए गए। इस अवसर पर भक्ति संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें संगीतकार केशव भोपाल ने मधुर भजनों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

प्रवचन देते हुए विभाश्री माताजी ने कहा कि मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य आत्मिक शांति और ईश्वर की भक्ति है। उन्होंने स्पष्ट किया कि माता रानी की सच्चे मन से भक्ति करने पर सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि तथा शांति का आगमन होता है।

माताजी ने भक्ति के साथ-साथ जीवन में सदाचार, संयम और सेवा की भावना को भी अनिवार्य बताया। उनका संदेश था कि प्रत्येक व्यक्ति को समाज और परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सदैव ईश्वर की शरण में रहना चाहिए।