कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर श्रावणी अमावस्या पर गुरुवार को प्रभु सुनहरी झूले में विराजे। प्रभु निज तिबारी से बाहर आए और चौक में हिंडोला मनोरथ के दो बार दर्शन हुए। स्वर्ण जड़ित झूले में शयन करते ठाकुर जी आकर्षक लग रहे थे। हरे बूटे वाली पिछवाई लगाई गई थी।
चौक पर हरे पत्तों की सजावट की गई। मुख्य द्वार को हरे पत्तों के तोरण से सजाया गया। ठाकुर जी के सभी साज, वस्त्र, पिछवाई, खंड पाट, गादी, तकिया, ठाड़ा वस्त्र, पाग, पिछौड़ा सब हरे मलमल के थे।
प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन बावा ने बताया कि मंदिर पर 14 अगस्त तक हिंडोला महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। मनोरथ के दौरान प्रभु का आकर्षक भारी श्रृंगार किया जा रहा है।
आकर्षक झूले में विराजमान कर पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार प्रभु के बाल स्वरुप को लाड़ लड़ाते हुए पलना दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई को हरियाली तीज पर भी हिंडोला मनोरथ के दर्शन होंगे। प्रभु फूलों से सज्जित हिंडोले में विराजेंगे

