आईसीएसआई नॉर्थर्न इंडिया रीजनल काउंसिल का राज्य स्तरीय सम्मेलन
कोटा। कोटा चैप्टर ऑफ एनआईआरसी ऑफ आईसीएसआई की मेजबानी में राजस्थान स्टेट कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन एक होटल में किया गया। ‘डेजर्ट टू डिजिटल’ थीम पर आधारित इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों के कंपनी सचिवों, वित्त विशेषज्ञों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आईसीएसआई गीत के साथ किया गया। स्वागत उद्बोधन कोटा चैप्टर के अध्यक्ष सीएस अक्षय गुप्ता ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कोटा में यह पहला राज्य स्तरीय सम्मेलन है, जिसे कोटा के औद्योगिक विकास, पर्यटन और निवेश संभावनाओं को सामने रखते हुए आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की iStart नीति का अधिकाधिक लाभ मिल सके, इसके लिए सम्मेलन में विशेष जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम निदेशक सीएस राहुल शर्मा ने सम्मेलन की थीम और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एनआईआरसी के अंतर्गत 32 चैप्टर एवं लगभग 22 हजार सदस्य सक्रिय हैं, जिनके लिए क्षेत्रीय परिषद प्रशिक्षण कार्यक्रम, वेबिनार, प्लेसमेंट ड्राइव और इंडस्ट्री-लिंक्ड इंटर्नशिप आयोजित करती है।
उन्होंने कहा कि एनआईआरसी कंपनी एक्ट, सेबी एवं एमसीए से संबंधित नवीनतम जानकारियां लगातार उपलब्ध कराकर सीएस समुदाय को अपडेट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
एनआईआरसी के अध्यक्ष सीएस हिमांशु हरबोला, केंद्रीय परिषद सदस्य एवं विशिष्ट अतिथियों ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बताया कि एनआईआरसी, आईसीएसआई के उद्देश्यों के अनुरूप कॉर्पोरेट गवर्नेंस, एथिक्स एवं कॉम्प्लायंस को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में तेजी से उभर रहा है, ऐसे में कंपनी सचिवों की भूमिका वित्तीय प्रबंधन और औद्योगिक विकास में और अधिक संवेदनशील तथा प्रभावकारी हो जाती है।
उन्होंने देश के औद्योगिक क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने तथा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में निवेश वातावरण तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस सम्मेलन में देहरादून, मुंबई, पुणे, दिल्ली एवं जयपुर सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। सम्मेलन में 100 से अधिक कंपनी सचिव उपस्थित रहे। मंच संचालन नुपूर व प्रियंका ने किया।
एआई और वित्तीय प्रबंधन
सम्मेलन के प्रथम तकनीकी सत्र में लेखांकन, वित्तीय प्रबंधन, नियामक अनुपालन एवं डेटा गोपनीयता में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक आयामों का मूल्यांकन विषय पर डॉ. सौरभ माहेश्वरी ने विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने एआई की उपयोगिता, नैतिक पक्ष तथा नियामकीय चुनौतियों को केंद्र में रखते हुए भविष्य की संभावनाओं पर विचार साझा किए।
नवाचार और निवेश पर चर्चा
द्वितीय सत्र द्वितीय सत्र राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम विषय पर केंद्रित रहा। पैनल में डिप्टी कमिश्नर एवं जीएम, डीआईसी हरि मोहन शर्मा, वित्त विशेषज्ञ सीए अनंत लड्डा एवं iStart सलाहकार आयुष त्यागी शामिल रहे। उन्होंने iStart, DIC और RIPS-2024 के अंतर्गत स्टार्टअप प्रोत्साहन, ग्रामीण उद्यमिता, निवेश अनुकूल माहौल, पूंजीगत सहायता, ब्याज अनुदान, सब्सिडी योजनाओं एवं उद्यम स्थापना की प्रक्रियाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
लोन एवं सब्सिडी योजनाएं
उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की प्रमुख पहल है, जो 7100+ स्टार्टअप्स को समर्थन देती है और 42,500+ नौकरियां पैदा कर चुकी है। यह विचार से प्रोटोटाइप तक ₹2.4 लाख (महिला स्टार्टअप्स के लिए ₹3 लाख), सीड स्टेज पर ₹60 लाख, ऋण ₹2 करोड़ और इक्विटी ₹5 करोड़ तक सहायता प्रदान करती है।
ग्रामीण iStart ने 800+ ग्रामीण स्टार्टअप्स को कृषि और विकास क्षेत्र में प्रोत्साहित किया है। छोटे ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देते हैं, जिसमें प्लांट एवं मशीनरी पर 30% पूंजीगत सब्सिडी (महिलाओं के लिए 50%), ब्याज सब्सिडी, बिजली सब्सिडी ₹2 प्रति यूनिट और 100% SGST छूट 15 वर्षों के लिए शामिल है।
समापन सत्र में सीएस कमल सोनी, सचिव, कोटा चैप्टर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। सम्मेलन के अंत में प्रतिभागियों ने नेटवर्किंग के माध्यम से आपसी संवाद एवं पेशेवर सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

