वन्यजीव अपराधों पर राजस्थान की पहली राष्ट्रीय कार्यशाला भैंसरोड़गढ़ में

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कोटा। राजस्थान वन विभाग के वाइल्ड लाइफ डिविजन, कोटा के सहयोग से पगमार्क फाउंडेशन एवं शेर संस्था के सौजन्य से वन्य जीव अपराधों एवं संरक्षण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन मुकुंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व के भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य मे किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने किया ।

वाइल्ड लाइफ डिवीजन कोटा के उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने कार्यशाला में संबोधित करते हुए कहा कि वन्यजीव संरक्षण का एक महत्वपूर्ण आधार वन्य जीव अपराधों की रोकथाम भी हैं। देश-विदेश मे जीवों के अंगों की गैर कानूनी मांग इन अपराधों के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। वन विभाग इन अपराधों को रोकने के लिए कटिबद्ध है।

हाल ही में विभाग द्वारा इस प्रकार की गतिविधियों के विरुद्ध सफल कार्यवाही भी की है। भैंसरोडगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य में होने वाली यह कार्यशाला वन्यजीव अपराध नियंत्रण के लिए मील का पत्थर साबित होगी। क्योंकि इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी अपने अपने क्षेत्रों मे वन्य जीव संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।

कार्यशाला संयोजक शेर संस्था के डॉ. कृष्णेन्द्र सिंह नामा ने बताया कि यद्यपि भारत में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर सरकारी संस्थायें एवं विभाग वन्य जीव अपराध नियंत्रण हेतु कार्यरत है। किंतु जब तक आमजन को इस दिशा मे जागरूक एवं शिक्षित नहीं किया जायेगा, तब तक पूर्ण संरक्षण का लक्ष्य प्राप्त करना असंभव है।

क्योंकि वन्य जीवों, उनके अंगो के अवैध व्यापार का एक कारण आमजन मे व्याप्त अंधविश्वास है। जिसके चलते इस प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को बल मिलता है| इन अंधविश्वासों को लोगों को जागरूक एवं शिक्षित करके ही दूर किया जा सकता हैं।

विद्यालय स्तर से वन्यजीव अपराध, कानून एवं संरक्षण का अध्याय जोड़ा जाना चाहिए। ताकि प्रारंभ से ही इस क्षेत्र में जन जागरूकता उत्पन्न की जा सके। यह कार्यशाला इस दिशा मे अद्वितीय कदम हैं।

डॉ. नामा ने बताया कि इस कार्यशाला मे देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी भाग लेंगे। तीन दिनों तक इस फील्ड के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान एवम् केस स्टडी के माध्यम से वन्य जीव अपराध एवं संरक्षण पर संवाद किये जायेंगे, जो नि:संदेह प्रतिभागियों के लिए लाभदायक होंगे।

पगमार्क फाउंडेशन के अध्यक्ष देवव्रत सिंह हाड़ा ने बताया कि इस प्रकार की कार्यशाला संभवतः राजस्थान की पहली कार्यशाला है। इस कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्यों से अध्ययनरत विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं।

इसी प्रकार के आगामी कार्यक्रमों मे संस्था द्वारा वन्यजीव अपराधों के विरुद्ध श्रृंखलाबद्ध कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। इससे पूर्व भी गत वर्ष मुकंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व की जवाहर सागर रेंज मे कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत के 13 राज्यों सहित यूक्रेन मे अध्य्यनरत विद्यार्थियों ने भाग लिया था।

देवव्रत सिंह हाड़ा ने कहा कि सरकार को इस प्रकार के कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वन्य जीव अपराध नियंत्रण की सुदृड् रूपरेखा तैयार कर कड़े दंड का प्रावधान लागू करना चाहिए।