रुपए के सर्वकालीन निचले स्तर पर आ जाने से खाद्य तेलों का आयात हुआ महंगा

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मुम्बई। अमरीकी डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा (रुपया) की विनिमय दर लुढ़ककर सर्वकालीन निचले स्तर पर आ जाने से विदेशी खाद्य तेलों का आयात काफी महंगा हो गया है जिससे अनेक रिफाइनर्स ने दिसम्बर तथा जनवरी शिपमेंट के लिए किए गए आयात अनुबंधों को निरस्त (कैंसिल) कर दिया है।

इससे घरेलू प्रभाग में तिलहनों की मांग खपत एवं कीमत में सुधार आने का संकेत मिलने लगे हैं। क्रूड खाद्य तेलों का आयात ज्यादा महंगा हो जाने का असर रिफाइनर्स की कार्य क्षमता एवं गतिविधि पर पड़ने लगा है और वे स्वदेशी खाद्य तेलों की खरीद पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

इससे क्रशिंग इकाइयों में तिलहन की मांग बढ़ गई है और तदनुरूप तिलहनों के दाम में सुधार आने लगा है। अभी तो रिफाइनर्स के पास पूर्व में आयातित क्रूड खाद्य तेलों का स्टॉक बचा हुआ है लेकिन जब यह घट जाएगा तब अगले महीने यानी जनवरी में इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से सामने आ सकता है।

उद्योग समीक्षकों के अनुसार विदेशों से खाद्य तेलों का आयात जारी रखना आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद साबित नहीं हो रहा है इसलिए स्वदेशी तिलहनों की खरीद एवं क्रशिंग पर विशेष जोर दिया जाने लगा है। 11 दिसम्बर 2025 को डॉलर का मूल्य उछलकर 90.48 रुपए के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया।

एक अग्रणी विश्लेषक के मुताबिक आयातित सोयाबीन तेल का भाव 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ जाने से भारतीय आयातकों ने दिसम्बर एवं जनवरी शिपमेंट के लिए करीब 70 हजार टन क्रूड सोया तेल के सौदे को कैंसिल कर दिया है।

निर्यातक देशों में क्रूड सूरजमुखी तेल का फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) निर्यात ऑफर मूल्य नवम्बर में औसतन / 330 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहा था जो रुपए की कमजोरी के कारण दिसम्बर एवं जनवरी शिपमेंट के लिए बढ़कर 1345 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है।

एक अन्य समीक्षक का कहना है कि वैश्विक खाद्य तेलों के भारत पहुंच मूल्य में 3 रुपए प्रति लीटर की औसत वृद्धि हो गई है। इस हालत में स्वाभाविक रूप से घरेलू तिलहनों की मांग बढ़ी है और आगे भी बढ़ सकती है पिछले कुछ महीनों से सोयाबीन एवं मूंगफली जैसी तिलहन फसलों की मांग एवं कीमत कमजोर चल रही थी।

रतलाम के एक व्यापारी का कहना है कि सोयाबीन का थोक मंडी भाव 5328 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे चल रहा है मगर जनवरी 2026 में इसमें 500 रुपए प्रति क्विंटल तक का इजाफा हो सकता है।