जयपुर। राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को फैसला लेते हुए राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, 2025 को पारित कर दिया। इस संशोधन के बाद राज्य की औद्योगिक इकाइयों और जमीनों के विकास से जुड़े मामलों में राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (रीको) को सरकार के समान अधिकार मिल गए हैं।
अब तक रीको की जमीनों के लैंड यूज चेंज, सब डिवीजन, ट्रांसफर या प्लॉट मर्जर जैसे मामलों में राजस्व विभाग से मंजूरी लेनी पड़ती थी। लेकिन संशोधन विधेयक पारित होने के बाद रीको अपनी जमीनों से जुड़े सभी तरह के फैसले अपने स्तर पर कर सकेगा। इसका सीधा असर यह होगा कि रीको क्षेत्र में औद्योगिक प्लॉटों को कमर्शियल, होटल या अन्य उपयोग में लेने के लिए किसी अतिरिक्त सरकारी अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
विधानसभा में पेश बिल में यह भी प्रावधान किया गया कि 1979 के बाद बदले गए सभी लैंड यूज को विधिमान्य माना जाएगा। यानी अब तक जिन औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों के उपयोग परिवर्तन को लेकर विवाद या कानूनी अड़चनें बनी हुई थीं, वे खत्म हो जाएंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रीको की जमीनों पर लैंड यूज बदलने पर रोक लग गई थी। इस वजह से कई औद्योगिक इकाइयों और भूखंड धारकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इन चुनौतियों को दूर करने और रीको को अपने क्षेत्रों में बेहतर विकास के लिए सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार ने भू-राजस्व कानून में संशोधन करने का फैसला लिया।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि इस संशोधन विधेयक से रीको को अपने औद्योगिक क्षेत्रों में जमीनों के विकास और प्रबंधन के लिए पूर्ण अधिकार मिलेंगे।
क्या होगा फैसले का असर
- रीको अब कटे हुए औद्योगिक प्लॉटों का रेगुलराइजेशन (विनियमन) कर सकेगा।
- ट्रांसफर, सब डिवीजन, मर्जर और नियमितीकरण अपने स्तर पर करेगा।
- लाइसेंस, मंजूरी और प्लानिंग से जुड़े सभी अधिकार प्रयोग करेगा।
- औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों के विकास और प्लानिंग को गति देगा।
पटेल ने यह भी कहा कि इस संशोधन से जमीनों के ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज की प्रक्रिया सरल और तेज हो जाएगी। इससे उद्योगों और निवेशकों को राहत मिलेगी और प्रदेश में औद्योगिक विकास को नया आयाम मिलेगा।
विधानसभा में चर्चा के बाद यह विधेयक पारित किया गया। इसके साथ ही राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 को संशोधित कर दिया गया है। संशोधन लागू होने तक और इसके बाद राज्य सरकार ने रीको को जो भी जमीनें आवंटित की हैं, वे सभी अब रीको के अधीन मानी जाएंगी।

