जयपुर। अब मुख्यमंत्री आरोग्य मां योजना के तहत लोग दूसरे राज्यों में फ्री में इलाज करवा सकेंगे। वित्त मंत्री दीया कुमारी ने मुख्यमंत्री आरोग्य मां योजना के निशुल्क इलाज के लिए 3 हजार 500 करोड़ की मां फंड गठित की है। साथ ही आगामी वर्ष से अब दूसरे राज्यों में भी इलाज लेना संभव होगा।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने 3500 करोड़ रुपए की लागत से ‘मां फंड’ बनाने की घोषणा की है। इस फंड के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जाएंगे।
‘मां योजना’ के तहत प्रदेश के बाहर भी इलाज की सुविधा
‘मां योजना’ के तहत अब मरीज प्रदेश के बाहर भी इलाज करवा सकेंगे। योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए नए स्वास्थ्य बीमा पैकेज जोड़े जाएंगे। साथ ही, आयुष पैकेज को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।
सभी जिला अस्पतालों में खुलेंगे डायबिटिक क्लीनिक
सरकार ने सभी जिला अस्पतालों में डायबिटिक क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है। इससे मधुमेह के रोगियों को उचित देखभाल और इलाज मिल सकेगा। साथ ही, प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर डिजिटल एक्सरे मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचेंगी।
कारीगरों की आंखों की मुफ्त जांच और चश्मा
प्रदेश सरकार ने कारीगरों की आंखों की मुफ्त जांच करवाकर उन्हें चश्मे उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इस योजना के लिए 75 करोड़ रुपए की लागत से नई स्कीम शुरू की जाएगी।
फिट राजस्थान अभियान होगा शुरू
फिट इंडिया अभियान की तर्ज पर प्रदेश में ‘फिट राजस्थान’ अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत 50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका उद्देश्य प्रदेशवासियों को स्वस्थ और फिट बनाना है।
नई आयुष नीति और आदर्श गांव
राज्य में नई आयुष नीति लाई जाएगी। इसके तहत गांवों को ‘आयुष्मान आदर्श गांव’ घोषित किया जाएगा और प्रत्येक गांव को 11 लाख रुपए दिए जाएंगे। रकार के इन प्रयासों से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। ‘मां फंड’ के माध्यम से राज्य के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होंगी।
पिछले बजट में क्या मिला था
वहीं अगर हम पिछले बजट की बात करें तो प्रदेश सरकार ने साल 2024 के बजट में चिकित्सा विभाग के लिए बड़े प्रावधान किए थे। इससे प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की बात कही गई थी। बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए 27 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जो कुल बजट का 8.26 प्रतिशत था। बजट में सबसे बड़ा एलान 4 हजार नए नर्सिंगकर्मियों के पद सृजित करने को लेकर था। इसके साथ ही 1500 नए डॉक्टरों के पद भी सृजित किए जाने की बात कही गई थी।

